कई समस्याओं के चलते एवं लापरवाही के कारण विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति उत्साह कम हो जाती है इसलिए विद्यालय में बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए Motivational story for students in Hindi एवं नाटक से प्रेरित किया जाता है उन्हीं में से कुछ प्रमुख कहानियां हम आपके साथ साझा कर रहे हैं जिनको पढ़ने से आपको शिक्षा का महत्त्व समझ में आएगा और जीवन शिक्षा के बिना कितना अधूरा है यह महसूस होगा और शिक्षा के प्रती आपको Motivation मिलेगा।
Motivational story for students in Hindi से क्या लाभ है?
Motivational story for students in Hindi बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं क्योंकि ये न केवल उनके मनोरंजन का साधन होती हैं, बल्कि उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण ज्ञान से भी रूबरू कराती हैं इन कहानियों से बच्चों में सकारात्मक सोच, संघर्ष, ईमानदारी, और आत्मविश्वास जैसे गुण आते हैं। जब बच्चे विद्यार्थी प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते हैं, तो वे अपने जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार होते हैं साथ ही, यह Motivation Story In Hindi कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता को भी उजागर करती हैं।
वरदराज और रस्सी
पुराने समय में बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आश्रम में जाना पड़ता था जहां वह शिक्षा प्राप्त करते थे प्राचीन समय में वरदराज जोकी एक बड़े ज्ञानी थे संस्कृत भाषा के बहुत बड़े विद्वान हुए।
यह Motivational story for students in Hindi उनके छात्र जीवन की है जब वह आश्रम में पढ़ने के लिए गए उनका स्वभाव बहुत ही ज्यादा अच्छा था परंतु बहुत ज्यादा प्रयास करने के बाद भी वह शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे।
वह पढ़ा हुआ भूल जाते थे बहुत समय तक ऐसा ही होता रहा तब ऋषियों ने वरदराज को समझाया कि तुम्हारी किस्मत में शिक्षा की लकीरें नहीं है इसलिए तुम्हे अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि अपने घर लौटकर अपने माता-पिता की सहायता करनी चाहिए।
वरदराज भी अपनी किस्मत से हारकर घर की तरफ वापस जाने लगे तभी वह एक गांव से गुजर रहे थे उन्हें प्यास लगी और वह कुएं के पास गए जहां कुछ महिलाएं पानी भर रही थी महिलाओं ने उन्हें पानी पिलाया।
पर उनका ध्यान कुएं पर लगी एक चिकनी रगड़ पर पड़ा जो की बहुत ज्यादा अजीब लग रही थी जब उन्होंने महिलाओं से पूछा कि आपने यह किस प्रकार बनाई तब महिलाओं ने जवाब दिया कि यह हमने नहीं बल्कि इस रस्सी ने बनाई है।
क्योंकि हम इसकी सहायता से रोजाना पानी निकालते है जिस कारण पत्थर घिस गया है यह जानकर वरदराज हैरान हुए और उन्हें समझ में आ गया कि अगर लगातार मेहनत की जाय तो वह भी कामयाब हो सकते है।
जिस प्रकार एक कोमल रस्सी ने पत्थर को घिस दिया इसी प्रकार मै भी अपनी तकदीर को बदल सकता हूं वह यह प्रेरणा लेकर अपने आश्रम वापस गए और उन्होंने अपने शिक्षक ऋषियों को यह किस्सा सुनाया जिसके बाद उन्होंने दोबारा पढ़ना शुरू किया।
और आगे जाकर वह एक बड़े विद्वान बने जिन्होंने संस्कृत भाषा में लघुसिद्धान्तकौमुदी, मध्यसिद्धान्तकौमुदी, सारसिद्धान्तकौमुदी, गीर्वाणपदमंजरी की जैसी अनोखी रचनाएं की।
शिक्षा और जीवन: Motivational story for students in Hindi
एक रवि नाम का लडका एक छोटे से गांव में रहता था, वह बहुत ज्यादा गरीब था जिसका मुख्य कारण था रवि के पिता का कुछ समय पहले एक एक्सीडेंट हो गया था।
जिसमें ज्यादा घायल होने के कारण रवि के पिता के दोनों कंधे कार्य करने में असक्षम हो गए थे जिस कारण डॉक्टरों को उन्हे हटाना पड़ा इसलिए रवि का परिवार बहुत ही ज्यादा लाचारी की स्थिति से गुजर रहा था।
एक्सीडेंट से पहले रवि के परिवार की मुख्य आए का स्रोत उनका खेत था जिसमें वह खेती करते थे और फसल को बेचकर अपना गुजारा करते थे। परंतु वह खेती बहुत ज्यादा कम होती थी जिस कारण उन्हें कभी भी किसी प्रकार का सुख नहीं मिल पाया।
जब रवि के पिता दिव्यांग हो गए तब उन्होंने वह खेती एक व्यक्ति रामु प्रसाद को बटाई पर दे दी ताकि वह उसमें फसल करें और आधी फसल रवि के परिवार को दे दे।
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क्योंकि रवि के पिता अब दिव्यांग हो चुके थे वह फसल करने के लायक नहीं थे। वह व्यक्ति रवि के खेत में फसल करने लगा और उसने रवि के पिता को आधा हिस्सा देना भी शुरू कर दिया।
जब रवि के पिता दिव्यांग हो गए तब रवि को अक्सर बच्चे कहा करते थे कि दिव्यंका का बेटा यह बात रवि को कभी कभार इतनी ज्यादा बुरी लगती थी कि वह अकेले में जाकर रोने लगता था।
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एक बार रवि मके पिता और मां आपस में बात कर रहे हैं कि उनके खेत की फसल कटे काफी समय हो चुका है परंतु अभी तक रामु प्रसाद उनका हिस्सा देने नहीं आया।
रवि के पिता ने कहा मैं उससे पूछने जाता हूं रवि के पिता रामु प्रसाद के घर गए तब उन्हें पता चला कि रामु प्रसाद ने रवि के पिता के खेत पर कब्जा कर लिया है जिस वजह से वह उनके हिस्से की फसल उन्हे नहीं दे रहा है।
गांव वालों को दिखाने के लिए रामू ने जूठे दस्तावेज बनवा लिऐ थे यह सब देखने के बाद रवि की आत्मा मानो रोने लगी है उसने अपने पिता को कभी इतना लाचार नहीं देखा था वह जानता था कि उसके पिता की लाचारी का फ़ायदा उठाया जा रहा है।
रवि समझदार बच्चा था उसने अगले दिन रवि ने पुलिस को बुलाया परंतु रामु प्रसाद ने पुलिस को वह झूठे दस्तावेज दिखा दिया इसलिए पुलिस कुछ नहीं कर पाई और वहां से चली गई।
रवि अपने पिता की लाचारी को महसूस करके मन ही मन रो रहा था शिक्षिका ने रवि को समझाया की जो हुआ उसे जाने दो अब तुम यह बात अच्छी तरह समझ लो कि तुम अगर शिक्षित होकर सरकारी अफसर बने तो अपने माता पिता के अपमान का बदला ले सकते हो।
रवि को यह बात समझ में आ गई और रवि की शिक्षिका ने रवि से कहा कि तुम आईएएस ऑफिसर बनो तुम्हारा यह पद देख तुमसे ईर्ष्या करने वाले सभी लोग अपने आप सुधर जाएंगे और तुम्हें सम्मान देंगे।
रवि का खेत कब्जा हो चुका था इसलिए रवि की मां ने दूसरों के घरों में काम करना शुरू कर दिया ताकी वह परिवार को चला सके।
रवि ने आईएएस ऑफिसर बनने के लिए रात रात भर पढ़ाई करनी शुरू कर दी उसने 12वीं में पूरे गांव के सभी बच्चों से सबसे ज्यादा अंक लाया।
और वह आगे की पढ़ाई करने के लिए शहर चला गया। रवि की मां इतना ज्यादा नहीं कमा पाती थी कि वह शहर में रवि की पढ़ाई का खर्चा उठा पाए।
इसलिए रवि शहर में सुबह 4:00 बजे उठकर न्यूज़पेपर बेचने जाया करता था जिसके बाद वह सुबह पढ़ने भी जाया करता था इस प्रकार वह अपनी पढ़ाई के लिए पैसे जुटा लेता था।
करीबन 5 साल तक लगातार शहर में आईएएस ऑफिसर की तैयारी करने के बाद एक वक्त ऐसा आया जब वह आईएएस ऑफिसर बन गया और उसे उसी के गांव के जिले में नौकरी के लिए भेजा गया क्योंकि रवि चाहता था कि उसे उसी के गांव के पास भेजा जाए।
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जब रवि अपने गांव में आईएएस ऑफिसर बनकर आया तब सभी लोग उसे नमस्ते करने लगे रवि ने रामु प्रसाद को बुलाया और कहा कि उस जमीन के कागज दिखाओ जिसे तुमने अपना बता कर मेरे पिता का पूरे गांव में अपमान करवाया था।
जब रामू प्रसाद वह कागजात लेकर आया तब आईएएस ऑफिसर रवि ने उन कागजों की पहचान कर ली की वह फर्जी है रवि समझ गया की रामु प्रसाद ने पुलिस वालों को पैसे दिए थे।
जिस कारण पुलिस ने रवि के पिता की सहायता नहीं करी थी रवि ने वह जमीन का केस कोर्ट में डाला जिसमें कोर्ट ने निष्पक्ष फैसला किया और रवि के पिता के नाम वह जमीन दुबारा हो गई।
जब रवि के गांव में आने की खबर उसकी शिक्षिका को हुई तब शिक्षिका रवि के घर आई रवि रोते हुए शिक्षिका के कदमों में गिर गया और प्रणाम करके धन्यवाद किया।
शिक्षक ने जाते समय रवि से एक बात कही “शिक्षा एक मात्र हथियार है जिससे हम जीवन को सुधार सकते हैं और अपने अपमान का बदला ले सकते हैं”।
Motivational story for students in Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational story for students in Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि शिक्षा हमारे जीवन को विकसित करती है और हमें सम्मान दिलाती है शिक्षा के माध्यम से सामाजिक एवं खुद का विकास किया जा सकता है। अधिकतर मामलों में अशिक्षित व्यक्तियों का शोषण अन्य प्रकारों से किया जाता है इसलिए व्यक्ति का समाज में शिक्षित होना आवश्यक है ताकि उसका कोई शोषण न कर सके और वह शांतिपूर्ण जीवन जी सके।
अनाथ विद्यार्थी Motivational story for students in Hindi
यह कहानी एक टीचर अंजलि कि है वह पांचवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाती थी वह जब भी कक्षा में जाती थी तो कहती थी “I Love You All” लेकिन जब वह “I Love You All” बोल रही होती थी तो उन्हें पता होता था कि वह झूठ बोल रही हैं।
क्योंकि कक्षा में एक बच्चा था जिससे उन्हें नफरत थी क्योंकि वह गंदे कपड़े पहनता था, उसके जूते गंदे रहते थे शर्ट की कॉलर गंदी होती थी उसका ध्यान कक्षा से बाहर रहता था।
आपकी जिंदगी बदलने वाली सच्ची नैतिक कहानियाँ Motivational Story In Hindi
अंजलि मैडम मन ही मन उससे घृणा करती थी धीरे-धीरे उनकी नफरत और बढ़ती गई वह राजू पर ताने मारने लगी। जब वर्ष के बीच में प्रोग्रेस एक्जाम हुआ तो राजू के ग्रेड्स बहुत ही कम आए अंजली मैडम पहले से ही राजू से नफरत करती थी।
इसलिए उन्होंने राजू के घर वालों के लिए एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने राजू के चरित्र को जाहिर करने के लिए कई प्रकार की गलत बातें भी लिखीं क्योंकि वह मन ही मन राजू से नफरत करती थी।
स्कूल का एक नियम था कि प्रोग्रेस रिपोर्ट घर पर भेजने से पहले प्रिंसिपल के पास जाती थी जब प्रिंसिपल ने देखा तो उन्होंने सोचा मैडम ने तो एक भी बात अच्छी नहीं लिखी।
प्रिंसिपल ने मैडम को बुलाया और कहा आपने एक भी बात अच्छी नहीं लिखी बच्चे के बारे में कुछ तो अच्छा लिखिए अंजलि जी कहने लगी कि बच्चा जैसा है सर मैंने वैसा ही लिखा है इसमें बुरा ही क्या है प्रिंसिपल सोचने लगे कि कैसे मैडम को समझाया जाए।
उन्होंने कर्मचारी को बुलाया और कहा कि जो राजू की पुरानी क्लास की प्रोग्रेस रिपोर्ट्स हैं उनको आप अंजलि मैडम की टेबल पर जाकर के रख दीजिए।
अगले दिन जब मैडम विद्यालय आई उनकी टेबल पर राजू की पुरानी प्रोग्रेस रिपोर्ट्स थी मैडम बहुत खुश हुई कि अब देखती हूं क्या-क्या इसने कारनामे किए पुरानी कक्षाओं में।
उन्होंने देखना शुरू किया उन्होंने राजू की तीसरी कक्षा की रिपोर्ट उठाई तो उसमें लिखा हुआ था कि राजू बहुत ही अच्छा बच्चा है बहुत इंटेलिजेंट है बहुत समझदार है।
चौथी कक्षा की रिपोर्ट उठाई उसमें लिखा हुआ था कि आजकल राजू का ध्यान पढ़ाई में कम लगता है क्योंकि उसकी मां को कैंसर डिटेक्ट हुआ है और वह आखिरी स्टेज में है राजू अपनी मां के लिऐ चिंतित है।
उसका ध्यान अब पढ़ाई में नहीं लग रहा है रिपोर्ट के आखरी में हेड मास्टर का एक कमेंट था कि अब राजू की मां इस दुनिया में नहीं रही।
हम सब शिक्षकों को मिलकर राजू की जिंदगी को बचाना है, उसकी जिंदगी की चमक को बचाना है।
उसके भविष्य को बनाना है जब यह सब मैडम पढ़ रही थी तो उनकी आंखों में आंसू थे वह रोने लग गई कि मै एक मासूम दुखी बच्चे का दुख न समझ सकी।
जब वो कक्षा में गई तो उन्होंने फिर से कहा “I Love You All” लेकिन एक बार फिर से वह झूठ बोल रही थी क्योंकि अबकी बार उनके मन में राजू के लिए बहुत सारा प्यार था बाकी बच्चों के लिए कम था।
उस दिन के बाद से उन्होंने राजू पर बहुत ज्यादा ध्यान देना शुरू किया उसकी पढ़ाई को लेकर के उसे समझाना शुरू किया उसका ख्याल रखना शुरू किया।
पांचवी कक्षा का जब रिजल्ट आया तो राजू ने कक्षा में टॉप किया पांचवी तक का स्कूल था उसके बाद बच्चों को दूसरे स्कूल में जाना आखरी दिन बच्चे शिक्षक के लिऐ तोहफे लेकर आए था।
राजू अंजली मैडम के लिए एक गिफ्ट लाया पर पैकिंग नहीं थी मैडम ने उस गिफ्ट को खोला तो उसमें छोटी सी परफ्यूम की बोतल और एक कंगन था मैडम ने कंगन पहन लिया और परफ्यूम भी लगाया ताकी राजू खुश हो सके।
राजू अटकती आवाज में रोते हुए बोला यह परफ्यूम मेरी मम्मी लगाती थी और आप मेरी मां की तरह लग रही हो वह यह बोलते समय रो रहा था अंजली मैडम ने राजू को गले लगा लिया और रोने लगी।
मैडम ने आसू पोछते हुए कहा बेटा तुम जिन्दगी में बहुत कामयाब इंसान बनो मेरी इश्वर से प्रार्थना है पर अपनी इस मूंह बोली मां को कभी भूलना मत।
उस दिन के बाद से राजू दूसरे स्कूल में चला गया वह पढ़ता रहा हर वार्षिक परिक्षा का जब रिजल्ट आता था तो एक चिट्ठी मैडम के पास आती थी जिसमे लिखा होता था कि “मैं अच्छे अंकों से पास हुआ हूं मां”।
बहुत सालों के बाद अंजलि मैडम जब रिटायर हो चुकी थी तब उनके घर पर एक शादी आमंत्रण पत्र आता है जिसपर नाम I.A.S राजू श्रीवास्तव लिखा था है वह राजू की शादी का कार्ड था।
मैडम राजू की सादी में पहुंचती हैं जब राजू उन्हें देखता है तो सब कुछ छोड़ के उनके पास जाता है और उनका हाथ पकड़ कर स्टेज पे लाता है यह देख सभी अचंभित हो जाते हैं क्योंकि राजू दूल्हे के लिवास में था।
राजू माइक लेता है और कहता है कि ये मेरी वो मेरी मां जिनसे मैं आपको मिलवाना चाहता था राजू सभी को अपनी कहानी बताता है और रोने लगता है कहानी यह सब देख कर मैडम भी रोने लगती हैं इस प्रकार यह कहानी विद्यार्थी और शिक्षक के रिश्ते के लिऐ अमर हो गई और शिक्षा का महत्व भी बताती है।
अनोखा विद्यार्थी Motivational Story for students in Hindi
एक टीचर कोचिंग पढ़ाने के बाद जैसे ही बाहर निकलते हैं तो देखते हैं कि कोचिंग गेट पे देखते हैं एक साइकिल खड़ी होती है। साइकिल के ऊपर बहुत सारा पेंट गिरा होता है ऐसे जैसे मानो की वो साइकिल किसी पेंटर की हो टीचर उस साइकिल को देख रहे होते हैं।
वह सोचते हैं आखिर हमारी कोचिंग में ऐसा कौन सा बच्चा है जो ऐसी साइकिल से आता है आजकल के जमाने में तो बच्चों को तो शर्म आती है ऐसी साइकिल से कौन आया है।
सफलता की प्रेरणादायक कहानियां जो जीवन बदल देंगी Motivational Story In Hindi
तब तक एक लड़का निकल के आता है और वो साइकिल को साफ करने लगता है तब टीचर पूछते हैं क्या यह तुम्हारी साइकिल है वह बोलता है हा सर मेरी ही है ये साईकिल।
सर कहते है बेटा तुम्हारी साईकिल अनोखी है तुम मेहनती लगते को घर में कोई दिक्कत है क्या लड़का कहता है सर दरहसल मेरे मां-बाप नहीं है मैं अपने अंकल के घर राहत हूं और खाली टाइम में मैं कारपेंटर का काम करता हूं।
और मैं पेंटिंग का कम किया करता हूं जिससे मैं चाचा को भी कुछ पैसे देता हूं और आपकी फीस भी निकल आती है और मैं अपने घर का खर्चा भी चला लेता हूं।
टीचर सोचते है और कहते हैं तुम मेरे अब तक के सबसे अच्छे स्टूडेंट्स में से हो और तुम प्रेरणा हो दूसरो के लिए जो पढ़ने से डरते है इसलिए मै तुम्हारी फीस नहीं लिया करूंगा।
लड़का बोलता है “नहीं नहीं” इसकी कोई जरूर नहीं है मुझे खुशी होती है की मैं आपकी फीस दे पाता हूं और यही चीज मेरा मनोबल बढ़ाती है अगर आप फीस नहीं लोगो तो हो सकता है मैं काम भी न करू।
तो फिर मेरा पढ़ने में दिलचस्प भी खत्म हो जाए बच्चे का पढ़ाई के प्रति जजवा देखने के बाद टीचर बच्चे से कहते है की बेटा कभी खुद को अकेला मेहसूस मत करना।
जिन्दगी में कामयाब होने के लिए मै तुम्हारी मदद करूंगा बच्चा खूब मन लगा का पढ़ता है टीचर उसे एक्स्ट्रा क्लास फ्री में देते थे ताकी वो उसे कामयाब इंसान बना सके बच्चा पढ़ता रहता है।
समय आता है और बच्चा बहुत समझदार हो चुका था और टीचर की सहायता से वो बहुत बडी यूनिवर्सिटी में पढ़ने जाता है जिसमे पढ़ाने का सपना टीचर का होता है। वह यूनिवर्सिटी से शिक्षा पूरी करता है और आगे चलकर एक बडा बिजनेसमैन बनता है और जब एक दिन उसकी कंपनी का भाषण चल रहा होता है।
वह ये बातें सभी को बता रहा होता तभी तो कहता है सभी के बीच में बैठ मेरे टीजर जो मेरी सफलता के पुरे हकदार है कृपया स्टेज पर आएं और सभी खड़े होकर टीचर के लिए क्लैपिंग करते है और टीजर स्टेज़ पर जाके स्टूडेंट के गले मिलते है और वह खुशी के आसू रोते है इस प्रकार यह कहानी यहीं ख़त्म हो जाती है।
समय की क़ीमत Motivational Story for students in Hindi
एक बार की बात है एक गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था वह बूढ़ा आदमी अपने बेटे से बहुत परेशान था क्योंकि उसका बेटा बहुत ही नालायक था।
वह कोई काम नहीं करता था और बस गांव में इधर से उधर घूमा करता था तो एक दिन उस बूढ़े आदमी ने अपने बेटे को सबक सिखाने का सोचा।
उसने अपने बेटे को अपने पास बुलाया और उससे कहा कि बेटा घर के अंदर अलमारी में एक घड़ी रखी हुई है तुम उसे निकाल कर लाओ लड़का घर के अंदर गया और उस घड़ी को बाहर निकाल कर लाया।
इस कहानी से बदल जायेगा किसी भी विद्यार्थी का जीवन Student Motivation Story In Hindi
फिर उसके पिता ने उससे कहा कि अब तुम एक काम करो इस घड़ी को अपने साथ बाजार में लेकर जाओ और जितने लोग भी तुम्हें मिलेंगे सबसे तुम इस घड़ी की कीमत पूछकर आना।
अब वो लड़का उस घड़ी को लेकर बाजार में चला गया उसने बाजार में सभी लोगों से उस घड़ी की कीमत पूछी किसी ने उस घड़ी की कीमत 500 बताई किसी ने 1000 तो किसी ने 800 सभी लोगों ने उस लड़के को उस घड़ी की कीमत अलग-अलग बताई और कई लोगों ने एक जैसी वह लड़का अपने पिता के पास वापस आया।
और उसने उनसे कहा कि पिताजी सभी लोगों ने इस घड़ी की कीमत अपने हिसाब से बताई किसी ने 500 किसी ने 1000 तो किसी ने 800 अब उस बूढ़े आदमी ने अपने बेटे से कहा कि बेटा ठीक है।
घड़ी को तुम अलमारी में रख दो और जाओ अब अगले दिन फिर से उस बूढ़े आदमी ने अपने बेटे को अपने पास बुलाया और उसे फिर से अलमारी से घड़ी लाने को कहा लड़का फिर जाता है।
और अलमारी से घड़ी निकाल कर लाता है और अब उस बूढ़े आदमी ने अपने बेटे से कहा कि बेटा जाओ और आज तुम इस घड़ी के अंदर जो समय चल रहा है।
उसकी कीमत पूछकर आओ लड़के को समझ नहीं आ रहा था कि उसके पिताजी उससे क्या करवाना चाह रहे हैं वह दुखी मन से फिर से घड़ी को लेकर बाजार में चला जाता है और सभी लोगों से उस घड़ी के अंदर जो समय चल रहा था उसकी कीमत पूछता है।
लोगों को लगता है कि इस लड़के की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है कल यह घड़ी की कीमत पूछने आया था और आज समय की बहुत से लोगों ने उसे भगा दिया और कुछ लोग उस पर हंसने लगे अब लड़का परेशान हो जाता है और सोचता है। कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है।
तभी वह आखिरी बार एक बूढ़े आदमी की दुकान पर जाता है वह बूढ़ा आदमी बहुत व्यस्त था वह लड़के का सवाल सुनते ही समझ गया कि लड़का उससे क्या पूछना चाह रहा है।
उस बूढ़े आदमी ने अपना कुछ समय निकालकर लड़के से कहा बेटा यह जो समय है ना जिसकी तुम कीमत पूछ रहे हो इसकी कोई कीमत नहीं लगा सकता है।
तुम करोड़ों रुपए देकर भी अपने अपनी जिंदगी का एक सेकंड वापस नहीं ला सकते हो इसीलिए इस टाइम का सही उपयोग करो टाइम की एक अच्छी बात है और एक बुरी बात है बुरी बात यह है कि टाइम गुजर जाता है और अच्छी बात यह है कि तुम उसे किन चीजों में गुजारते हो।
यह तुम्हारे हाथ में होता है सभी के पास दिन में 24 घंटे होते हैं अमीर के पास भी और गरीब के पास भी बस यह तुम्हारे हाथ में है कि तुम उस टाइम से क्या नया कर सकते हो तो अपने एक एक पल का हिसाब रखो कि तुम उन्हें किन चीजों में उड़ा रहे हो।
3 बक्सों का राज़ क्या है गौतम बुद्ध की प्रचलित कहानी|Gautam Buddha Motivational Story In Hindi
उस बूढ़े आदमी की बात सुनकर उस लड़के की आंखें खुल सी गई मानो उसमें एक बड़ा बदलाव आ गया हो और फिर वह अपने पिताजी के पास उस घड़ी को लेकर गया।
और उन्हें सारी बात बताई और उस दिन के बाद से उस लड़के की जिंदगी बदल गई दोस्तों कहते हैं कि टाइम सबके लिए फ्री है।
लेकिन वह अमूल्य है वह कीमती है तुम उसे खरीद नहीं सकते लेकिन तुम उसे इस्तेमाल कर सकते हो तुम उसे रख नहीं सकते हो लेकिन तुम उसे खर्च कर सकते हो और अगर एक बार तुम इसे गवा देते हो तो तुम इसे कभी भी वापस नहीं पा सकते हो तो अपने टाइम का सही उपयोग करो।
सफलता का राज क्या है ? Motivational Story for students in Hindi
एक बार एक लड़के ने बहुत ही समझदार इंसान से पूछा कि सफलता का राज क्या है तो उस इंसान ने कहा कि अगर कल शाम को तुम मुझे नदी के किनारे मिलो तो मैं तुम्हें बता दूंगा कि सफलता का राज क्या है।
फिर वो लड़का उस रात को सही से सो भी नहीं पाया वो रात भर यही सोचता रहा कि कब मैं उस व्यक्ति से मिलूं और जल्दी से जाकर सफलता का राज जान लूं।
फिर जैसे ही शाम होती है वह लड़का दौड़कर नदी के किनारे पहुंच जाता है और वहां जाकर उसे वो इंसान मिल जाता है फिर उसके पास जाते ही वो उस आदमी से कहता है आपने मुझे कहा था कि आप मुझे सफलता का राज बताने वाले हैं।
इतना सुनते ही वह आदमी उस लड़के को पानी के अंदर ले जाता है यह देखकर उस लड़के को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर यहां पर कैसे सफलता का राज पता चलेगा।
फिर अचानक उस व्यक्ति ने उस लड़के को पानी में डुबो दिया थोड़ी देर में ही वह लड़का सांस लेने को तड़पने लगा और झट पटाने लगा और पानी से निकलने की कोशिश करने लगा लेकिन वह आदमी बहुत ही ताकतवर था।
उसने बहुत अच्छी तरह से उसको पकड़ रखा था जब वह लड़का बहुत ज्यादा ही तड़पने लगा तब उस आदमी ने उसको नदी से बाहर निकाल दिया तब जाकर उसने थोड़ी चैन की सांस ली और फिर उस व्यक्ति पर क्रोधित हो गया।
आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया मैं तो सिर्फ आपसे सफलता का राज जानना चाहता था और आप तो मेरे प्राण ही ले लेते तब उस आदमी ने उस लड़के से पूछा कि पानी के अंदर तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा था।
उस लड़के ने कहा कि मैं सिर्फ सास के बारे में ही सोच रहा था कि कहीं से भी कैसे भी करके थोड़ी सांस ले सकूं तभी उस व्यक्ति ने कहा बस यही सफलता का राज है जब तुम किसी मकसद को पाने के लिए तड़प जाओ तो तुम्हें सफलता जरूर मिलेगी।
कभी-कभी आपने बच्चों को भी देखा होगा कि कैसे किसी चीज के लिए वह पूरे जी जान से जुटे रहते हैं और तब तक रोते रहते हैं जब तक उसे वो चीज मिल नहीं जाती तो दोस्तों छोटी सी कहानी का यही मतलब है।
कि अगर आपको किसी चीज में सफलता प्राप्त करनी है तो आपको उसी काम के पीछे जी जान से मेहनत करनी है जब तक आपको सफलता मिल नहीं जाती बस यही है सफलता का राज।
नासमझ बेटा Motivational Story for students in Hindi
एक गांव में एक लोहार रहा करता था वह बहुत मेहनती था दिन रात जलती भट्टी के सामने बैठकर काम किया करता था जिसकी वजह से उसके घर में कभी पैसों की कमी नहीं आती थी लेकिन उसका एक लाडला बेटा था।
जो उसके कमाए हुए पैसों को पानी की तरह खर्च किया करता था यह बात लोहार को बहुत बुरी लगती थी लेकिन वह करे भी तो क्या करें व उसका इकलौता बेटा था।
वो उसे डायरेक्ट मना भी नहीं कर सकता था लेकिन एक दिन लोहार ने अपने बेटे को सबक सिखाने के बारे में सोचा वो अपने बेटे को पास बुलाता है और कहता है।
कि बेटा आज के बाद तुम्हें मुझे हर रोज ₹10 कमा कर देना होंगे और अगर तुम ऐसा नहीं कर पाओगे तो तुम्हें शाम का खाना नहीं मिलेगा।
पिता की यह बात सुनने के बाद लड़का बहुत ज्यादा परेशान हो जाता है और वह काम की तलाश में निकल जाता है पूरा दिन बहुत भटकने के बाद भी उसे कोई काम नहीं मिलता तो वापस अपने घर लौट जाता है।
लेकिन जैसे ही शाम होती है उसे अपने पिता की कही हुई बात याद आती है तो लड़का अपनी मां के पास जाता है और अपनी मां से ₹10 लेकर अपने पिता को दे देता है वह लोहार उन रुपए को लेकर जलती आग की भट्टी में फेंक देता है फिर कुछ दिनों तक यही सिलसिला चलता रहता है।
वो लड़का रोज अपनी मां से 10 लेकर आता है और अपने पिता को दे देता है और उसके पिता उन पैसों को जलती आग की भट्टी में डाल देता है लेकिन एक दिन उसकी मां उस लड़के को पैसे देने से मना कर देती है
और कहती है बेटा रोज-रोज तुम पैसों का क्या करते हो हो और रोज-रोज मैं तुम्हारे लिए पैसे कहां से लाऊं तुम पैसे अपने पिता से क्यों नहीं मांगते तो मां की ये बात सुनने के बाद वो लड़का और ज्यादा परेशान हो जाता है और वह एक बार फिर काम की तलाश में निकल जाता है।
लेकिन बहुत भटकने के बाद भी उसे कहीं पर कोई काम नहीं मिलता फिर वो अपने घर की ओर लौटने ही वाला था कि रास्ते में उसे एक बूढ़ा आदमी दिखाई देता है।
जिसके पास लकड़ियों का बड़ा सा गट्ठर था और वो किसी का इंतजार कर रहा था तो लड़का उस बूढ़े आदमी के पास जाता है और उनसे कहता है कि अगर आप बुरा ना मानो तो मैं आपके लकड़ियों के गट्ठर को आपके घर तक पहुंचा सकता हूं।
जिसके बदले में आप मुझे ₹10 दे देना लड़के की यह बात सुनने के बाद वो बूढ़ा आदमी मान जाता है उसके बाद वह लड़का उस बूढ़े आदमी के लकड़ियों के गट्ठर को सर पर उठाकर चलने लगता है।
लकड़ियों के गट्ठर में बहुत ज्यादा वजन होता है और वह लड़का इतना वजन जिंदगी में पहली बार उठा रहा होता है इसके कारण वह पसीना पसीना हो जाता है।
और दर्द के मारे वो बहुत ज्यादा थक जाता है लेकिन जैसे तैसे वो लड़का उस लकड़ियों के गट्ठर को उस आदमी के घर तक पहुंचा देता है और उनसे ₹10 लेकर सीधा अपने पिता के पास जाता है और अपने पिता को वो पैसे दे देता है।
वो लोहार हर दिन की तरह उन पैसों को लेकर जलती आग की भट्टी में फेंकने ही वाला था कि वो लड़का अपने पिता का हाथ पकड़ लेता है और कहता है कि पिताजी शायद आपको पता नहीं यह पैसे कितनी मेहनत से आए हैं।
और आप इन्हें आग में फेंक रहे हैं तो लोहार कहता है कि बेटा यही बात तो मैं तुम्हें कब से समझाना चाहता हूं कि मैं जो दिन रात इस जलती आग की भट्टी के सामने बैठकर मेहनत करता हूं मेरी इस मेहनत की कमाई को तुम पानी की तरह क्यों खर्च कर रहे हो तुम्हें कब समझ आएगा कि पैसा बहुत कीमती होता है।
पैसे को कमाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है यह बात सुनकर उस लड़के को सारी बात समझ आ जाती है और वह लड़का उसी दिन से अपने पिता के साथ मिलजुलकर काम करने लग जाता है। मां पीता के द्वारा किए गए अहसानो को उतारने के लिए उनके दुखों को समझें और जिन्दगी में कामयाब इंसान बनें।
एक अनोखा वादा Motivational Story for students in Hindi
एक शिक्षक जोकि दिल्ली के मुखर्जी नगर में बच्चों को आईएएस ऑफिसर बनने की कोचिंग दिया करते थे वह अपने काम में बहुत ही ज्यादा माहिर थे और बच्चे उनकी बातें सुनने के लिए हमेशा उत्सुक रहते थे।
क्योंकि वह बच्चों को मोटिवेट भी बहुत अच्छी तरीके से किया करते थे जिससे बच्चों का पढ़ाई में में बहुत सहायता मिलती थी।
एक बार सर ट्यूशन क्लास में आए तभी सभी बच्चों ने खड़े होकर उन्हें प्रणाम किया सर ने कहा बैठ जाओ सभी बच्चे बैठ गए तभी सर ने सभी बच्चों को ट्यूशन देनी शुरू करी कुछ देर बाद सर ने एक बच्चे को ट्यूशन क्लास में नोटिस किया जो की अपने ख्यालों में गुमसुम सा था।
मानो लगता था कि वह शिक्षा के प्रति उत्सुक नहीं है एवं शिक्षा में उसकी रुचि नहीं है उसको देखने से लगता था कि जैसे उसके मां-बाप ने उसे जबरदस्ती आईएएस बनने के लिए भेज दिया है।
सर ने उस बच्चे को खड़ा किया और उससे पूछा कि मैंने जो अभी सभी को बताया वह तुम मुझे बताओ वह बच्चा थोड़ा सा घबरा गया और बता नहीं पाया सर को गुस्सा आ गया और सर ने कहा।
तुम्हारे मां-बाप ने कितनी मेहनत करके तुम्हें यहां पढ़ने के लिए भेजा होगा और तुम्हारा ध्यान पढ़ाई में नहीं है। जरा अपने मां-बाप की बढ़ती उम्र पर भी ध्यान दो अगर तुम समय रहते कामयाब नहीं हुए तो तुम्हारी कामयाबी किसी काम की नहीं है।
और यदि समय एक बार तुम्हारे हाथ से निकल गया तो सिर्फ जिंदगी भर पछतावा ही रहेगा जिसका कोई भी उपाय नहीं है। इसलिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो और अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करो यह बात सुन के लड़के की आंखें नम हो गई।
जब ट्यूशन क्लास खत्म हुई तब ट्यूशन टीचर क्लास से बाहर निकले तभी वह लड़का जिसका नाम अनुराग था वह ट्यूशन से बाहर आया और सर से आकर कहा सर आप ने मुझे जीवन के सच से रूबरू कराया उसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।
परंतु मैं कोई नालायक बच्चा नहीं हूं मेरे पिता एक किसान हैं पर जब उन्हें पता चला कि मैं पढ़ने में बहुत अच्छा हूं तो उन्होंने अपनी इकलौती एक एकड़ जमीन बेच दी और उन पैसों से मुझे यहां पढ़ने के लिए भेज दिया और अब मेरे पिता दूसरों के खेतों में मजदूरी किया करते हैं।
मेरा क्लास में ध्यान इसलिए नहीं था क्योंकि मैं अपने पिता के त्याग और अपने परिवार के दुखों को याद कर रहा था। बूढ़े होने के बाद भी मेरे पिता ने अपना सब कुछ मेरे लिए दांव पर लगा दिया यदि मैं कामयाब नहीं हुआ तो मैं कभी खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा और वह मेरे जीवन का सबसे बुरा समय होगा।
मैं आईएएस ऑफिसर बनना चाहता हूं जिसके लिए मैं बहुत मेहनत करता हूं पर आज आपने मुझे दोबारा अपने दुखों से रूबरू करा दिया इसलिए मुझ में पढ़ाई के प्रति और भी ज्यादा जज्बा आ गया है मैं आपका धन्यवाद करता हूं।
लड़के ने शिक्षक से कहा कि मेरे पिता आज तक ट्रेन की एक अच्छी सीट पर भी नहीं बैठे हैं। जब मैं आईएएस ऑफिसर बन जाऊंगा तब मैं उन्हें यूरोप के टूर पर प्लेन से ले जाऊंगा उस वक्त सर मैं आपको फोन करूंगा।
शिक्षक ने बच्चे की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा कि मुझे यकीन है तुम आईएएस ऑफिसर बनोगे और अपने इस शिक्षक को याद रखना और अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करना मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।
लड़का शिक्षक की बात सुनने के बाद वहां से चला गया शिक्षक ने कई सालों तक बच्चों को आईएएस ऑफिसर बनने की कोचिंग दी।
एक दिन जब शिक्षक कार से अपने घर जा रहे थे तभी उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया और उधर से आवाज आई ‘नमस्ते सर’ शिक्षक को पता नहीं था कि कौन है इसलिए शिक्षक ने भी नमस्ते का जवाब दिया।
उधर से आवाज आई सर मैं अनुराग बोल रहा हूं मैंने आपसे वादा किया था कि यदि मैं कामयाब हो गया तो मैं आपको भूलूंगा नहीं और अपने माता-पिता को यूरोप के टूर पर ले जाऊंगा।
सर मै आईएएस ऑफिसर बन गया हूं और आज मैं अपने माता पिता के साथ यूरोप के टूर पर रहा हूं और मैं इस वक्त एयरपोर्ट पर हूं।
यह सुन शिक्षक हैरान हुए और उनकी आंखों से आंसू झलकने लगे क्योंकि यह बात बहुत ही अद्भुत थी कि किसी बच्चे ने अपने माता-पिता के दुखों को खत्म कर दिया और वह जीवन में सफल हुआ शिक्षक की आंख से आंसू निकलने लगे।
क्योंकि वह अनुराग शिक्षक से ही पड़ा हुआ था। अनुराग ने शिक्षक को कहा आपका बहुत-बहुत शुक्रिया यदि आप उस दिन मुझे सबके सामने खड़ा करके नहीं समझाते तो शायद मुझ में जज्बा कम हो जाता।
इसलिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं शिक्षक ने उससे कहा कि तुम जीवन में और भी आगे बढ़ो मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है यह सुनने के बाद अनुराग ने शिक्षक को आखरी बार नमस्ते किया और फोन कट गया।
नकल का परिणाम और शिक्षक Motivational Story for students in Hindi
यह Motivational story for students in Hindi चार विद्यार्थियों की है जोकी स्कूल में हमेशा झगड़ा करते रहते थे और उनका ध्यान कभी पढ़ाई नहीं होता था जब भी परीक्षा आती थी वह हमेशा सिर्फ नकल ही किया करते थे क्योंकि वह कुछ भी पढ़ कर नहीं जाते थे।
शिक्षक भी उन्हें कुछ नहीं कहते थे क्योंकि वह बच्चे आमिर खानदान से आते थे और उनके माता-पिता बहुत अमीर थे इसलिए शिक्षक उनके माता पिता से बच्चों की शिकायत करने में हिचकिचाते चाहते थे।
परंतु एक समय ऐसा आया जब उस विद्यालय में एक ने शिक्षक आए जो कि अपने काम के प्रति बहुत ही ज्यादा सक्रिय थे और वह किसी भी बच्चे को नकल नहीं करने देते थे।
जब शिक्षक को उन 4 बच्चों के बारे में पता चला जोकी बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं करते हैं और सिर्फ नकल के भरोसे ही रहते हैं तो वह हैरान हुए।
शिक्षक अच्छी तरह से जानते थे कि बच्चे ना समझ है परंतु यदि वह इसी प्रकार जीवन भर नकल के सहारे बने रहे तो वह कभी भी कामयाब नहीं हो पाएंगे और उनका जीवन बर्बाद हो जाएगा।
वह बच्चे 11वीं कक्षा में पढ़ते थे जब वार्षिक परीक्षा की डेट आ गई तब सभी बच्चों ने पढ़ाई तेजी से करनी शुरू कर दी और सभी परीक्षा के लिए खुद को तैयार करने लगे।
पर शिक्षक ने देखा कि उन बच्चों को अभी भी कोई फर्क नहीं पड़ा है मतलब कि वह नकल के सहारे ही बैठे हैं। शिक्षक ने सभी बच्चों से कहा कि कोई भी बच्चा यह न सोचे कि वह परीक्षा के दौरान नकल कर सकेगा मैने आज तक किसी को नकल नहीं करने दी है।
यदि कोई नकल के सारे बैठा है तो पढ़ ले बरना फेल हो जाएगा इसलिए कृपया पढ़ाई करनी शुरू कर दे। वह चारों बच्चे जानते थे कि यह शिक्षक ने कभी भी किसी को नकल करने नहीं दी है क्योंकि उस शिक्षक के पुराने रिकॉर्ड सभी बच्चों को पता चल चुके थे जो कि उनके पुराने स्कूलों में रहे हैं।
शिक्षक के बारे में इतना सब जानने के बाद सभी बच्चे पढ़ाई करने में जुट गए पर उन चार बच्चों को फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ा।
वह परीक्षा को लेकर सीरियस नहीं थे और परीक्षा की तिथि आ गई वह चारों इतने ज्यादा लापरवाह थे की एग्जाम हॉल में पहुंचने के लिए भी एक घंटा लेट हो गए।
वह चारों जानते थे कि हमने कुछ भी नहीं पड़ा है और एक घंटा पहले ही लेट हो चुके हैं यदि हमने पेपर दिया तो हम चारों फेल हो जाएंगे क्योंकि नकल करने के लिए भी ज्यादा समय चाहिए होता है।
इसलिए चारों ने विचार बनाया और अपनी हालत कुछ इस प्रकार कर ली मानो कि कार का टायर पंचर हो गया और कार का एक्सीडेंट हो गया हो। वह चारों एग्जाम हॉल में पहुंचे और उस शिक्षक से कहा सर हमारी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था।
क्योंकि टायर फट गया था इसलिए हम लेट हो गए और हमारी यह हालत हो गई कृपया हम आपसे आग्रह करते हैं कि यह एग्जाम आप हमसे कुछ समय बाद ले लें ताकि हम ठीक भी हो जाए और एग्जाम भी अच्छी तरीके से कर सकें।
शिक्षक को साफ नजर आ रहा था कि बच्चों का एक्सीडेंट नहीं हुआ है उन्होंने खुद ही हालात इस प्रकार बनाई है शिक्षक उनके मन में चल रहे विचारों को समझ रहा था इसलिए उसने कहा कोई बात नहीं तुम अगले हफ्ते यह एग्जाम दे देना।
अगला हफ्ता आया तब वह चारों बच्चे नकल करने के लिए कई प्रकार की सामग्री छुपा कर लेकर आए शिक्षक ने बच्चों का एग्जाम हाल में स्वागत किया और चारों को कमरों के अलग-अलग कोनों में बैठाया।
शिक्षक बीच कमरे में आकर खड़ा हो गया ताकि कोई बच्चा एक दूसरे को संकेत भी न कर सके। जब बच्चों ने प्रश्न पत्र देखा तो वह हैरान थे क्योंकि उस प्रश्न पत्र में सिर्फ दो प्रश्न ही थे और पूरा पेपर ही 100 अंक का था।
पहला पहला प्रश्न सिर्फ एक नंबर का था जिसमें लिखा था तुम्हारा नाम क्या है। और दूसरे प्रश्न में लिखा था तुम्हारी जो कार का एक्सीडेंट हुआ था उसका कौन सा टायर पंचर हुआ था।
यह देखने के बाद चारों बच्चे हैरान थे क्योंकि यदि उन्होंने अलग-अलग टायर के बारे में लिखा तो वह फस जायेंगे और टीचर उन्हे फेल कर देंगे।
सभी विद्यार्थी टीचर की रणनीति समझ चुके थे अब उन्हे अपनी सारी गलतियां याद आने लगी और वह सोचने लगे काश हमने यह ड्रामा न किया होता और अच्छे से पढ़ाई करी होती।
वह अब मजबूर थे और सभी ने टायर के बारे में लिखा परंतु सभी ने अलग-अलग टायर के बारे में बताया और जब शिक्षक ने यह चेक किया तब शिक्षक ने चारों विद्यार्थियों को फेल कर दिया और ऐसा पहली बार हुआ था कि उन्हे फेल कर दिया गया हो।
पूरे स्कूल में उनकी बदनामी होने लगी सभी उनका मजाक उड़ाने लगे उनके दोस्त आगे की कक्षा में चले गए और वह फेल होने के कारण उसी कक्षा में रह गए उन्हे अपनी गलतियां इस प्रकार चुभ रही थीं मानो कोई बुरा ख्वाब खतम न हो रहा हो।
अपने इतने ज्यादा अपमान के बाद उन्होंने पढ़ना शुरू कर दिया और जब फिर से 11वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा हुई तब उन्होंने बहुत अच्छा पेपर दिया।
क्योंकि अब वह सुधर चुके थे और उन्होंने पढ़ाई करी थी और वह पास हो गए उन्हे जीवन की उस खुशी का अहसास हुआ जोकि उन्हे आज तक कभी नही हुआ था क्योंकि इस बार वह अपनी मेहनत से पास हुए थे।
शिक्षक ने चारों को अपने पास बुलाया और उन्हें समझाया कि तुम्हारा 1 साल बर्बाद हुआ क्योंकि तुम लोगों की गलती थी। पर अब तुम मेहनत करना सीख गए हो और अब जीवन में तुम्हें हरा नहीं सकता और तुम सफल होते रहोगे।
नकल हमारे जीवन का शॉर्टकट है और सफलता कभी भी शॉर्टकट से नहीं मिलती है सफलता पाने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है।
यह बात विद्यार्थियों को अच्छी तरह समझ में आ चुकी थी इसलिए उन्होंने शिक्षक को प्रणाम करके धन्यवाद किया और इस प्रकार 4 विद्यार्थियों का जीवन सुधर गया।
नकल वह विष है जोकि व्यक्ती को लेते वक्त बहुत अच्छा लगता है पर यह अपना असर जीवन के कुछ मुख्य पहलुओं में दिखाता है नकल करा हुआ बच्चा कभी भी जीवन में अच्छा प्रदर्शन नही कर सकता क्योंकि उनसे नकल करना सीखा है ज्ञान को संग्रित करना नही।
हमने आपको इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से बताया है Motivational story for students in Hindi के विषय में हम आपसे आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई कहानी पसंद आई होगी यदि आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई Motivational story for students in Hindi पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरुर बताएं।
Motivational story for students in Hindi FAQ
1.मोटिवेशन स्पीच कैसे दें?
मोटिवेशनल स्पीच देते समय यह निश्चित रूप से पता होना चाहिए कि मोटिवेशनल स्पीच का लक्ष्य क्या है और स्पीच के दौरान क्या कहना है यह सभी एक पत्र पर लिखित कर लें उसके बाद स्पीच दें।
2.इंडिया का सबसे बेस्ट मोटिवेशनल कौन है?
सोनू शर्मा, डॉ विवेक बिंद्रा, हिमेश मदन, उज्जवल पटनी, टी एस मदान, सिमरजीत सिंह, प्रिया कुमार, शिव खेरा इत्यादि।
3.स्टूडेंट के लिए बेस्ट मोटिवेशन क्या है?
स्टूडेंट के लिए सबसे बेहतर मोटिवेशन है कि उन्हें अपने माता-पिता को ध्यान में रखते हुए अपने लक्ष्य की ओर कार्य करना चाहिए एवं अपने माता-पिता को सुख देने के लिए शिक्षा में ज्यादा से ज्यादा अंक प्राप्त करने चाहिए ताकि उन्हे आगे समय में अच्छी नौकरी मिल सके और वह अपने परिवार को खुशियां दे सकें।
4.छात्रों के लिए प्रेरक भाषण क्या है?
उन्हे अपने लक्ष्य से भटकने वाली चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए जब तक कामयाबी न मिल जाय शिक्षा से दोस्ती रखें और अपने बूढ़े मां बाप के बारे में सोचें दिखा दें रिश्तेदारों को की आपके माता पिता दुनिया के सबसे अच्छे माता पिता में से है और आप उनके बेहतर बच्चे हैं।
5.भारत में नंबर वन मोटिवेटर कौन है?
दीपक चोपड़ा भारत (India) के नंबर वन मोटिवेशनल स्पीकर माने जाते हैं।