सफलता की प्रेरणादायक कहानियां जो जीवन बदल देंगी Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi शिक्षा को बेहतर तरीक़े से प्रस्तुत करती हैं जिनसे कम समय में ज्यादा शिक्षा मिलती है क्योंकि यह मोटिवेशनल कहानी छोटी सी होती हैं पर इनमे अधिक ज्ञान साझा करने की क्षमता है यह Motivational Story In Hindi विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी की तरह कार्य करती हैं इनको पढ़ने से मानो motivation ki aag लग जाती है क्योंकि यह Motivational story in hindi for students के लिऐ मुख्य रुप से प्रचलित हैं इनमे मिलने वाला ज्ञान अनोखा है यह सफलता की प्रेरणादायक कहानियां हैं।

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श्रृष्टि का नियम Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi यह एक अनोखी जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी है एक दुकानदार जिसकी बहुत बड़ी दुकान गांव से बाहर थी वह अपनी दुकान पर कई प्रकार की चीज़ें बेचा करता था वह अपनी दुकान पर मक्खन भी बेचा करता था और वह मक्खन अपने गांव के ही एक व्यक्ति रामू से खरीदा करता था।

रामू रोजाना उस व्यक्ति की दुकान पर मक्खन देने के लिए आता था और वह ऐसा लगातार कई सालों से कर रहा था परंतु दुकानदार ने एक दिन सोचा कि मैं रामू पर आंखें बंद करके भरोसा कर रहा हूं।

क्या यह सच में मुझे रोजाना 1 किलो मक्खन देता भी है या नहीं। दुकानदार ने मक्खन का वजन किया तो उसे समझ में आया कि रामू उसे धोखा दे रहा है मक्खन सिर्फ 900 ग्राम ही है जिससे दुकानदार को बहुत गुस्सा आया क्योंकि वह रामू पर भरोसा करता था।

दुकानदार गांव की पंचायत में गया और रामू की शिकायत कर दी गांव की पंचायत बैठी और रामू को बुलाया गया सरपंच जी ने रामू से कहा कि तुमने दुकानदार के साथ धोखा किया है।

उसने तुम पर भरोसा किया परंतु तुमने उसे रोजाना सिर्फ 900 ग्राम मक्खन ही दिया और तुम ऐसा कई वर्षों से कर रहे हो मतलब कि तुमने दुकानदार का बहुत बड़ा नुकसान किया है।

क्या अब तुम अपनी सफाई में कुछ कहना चाहोगे रामू ने कहा कि सरपंच जी मेरे घर पर वजन करने के उपकरण मौजूद नहीं है परंतु मैं वजन करने के लिए एक विधि का उपयोग करता हूं जब मैं दुकानदार को रोजाना मक्खन देकर आता हूं।

तब मैं दुकानदार से 1 किलो चने खरीदकर लेकर आता हूं और मैं उन्हें चने को तराजू पर रखकर मक्खन को तौलता हूं बाकी के जवाब आप आप दुकानदार से पूछिए क्योंकि यदि उसका मक्खन कम है तो सीधी सी बात है कि वह मुझे सिर्फ 900 ग्राम ही चने देता है।

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क्योंकि मैं चने के सहारे ही मक्खन का वजन करता हूं सरपंच को यह बात पता चली तो सरपंच ने दुकानदार को बहुत अपमानित किया एवं उसे धोखेबाज कहा।

दुकानदार जिसने बहुत मेहनत से सम्मान और इज्जत कमाई थी परंतु जब गांव वालों को पता चला कि वह धोखेबाज है तो पूरे गांव में सभी लोग उसे धोखेबाज धोखेबाज कहके बुलाने लगे इस प्रकार दुकानदार को अपमानित होकर वह गांव छोड़कर जाना पड़ा।

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

Motivational Story In Hindi मोटिवेशनल कहानी हमें सिखाती है कि जैसा हम दूसरों के साथ करते हैं हमारे साथ भी वैसा ही होता है यह सृष्टि का नियम है कि जैसा करोगे पैसा पाओगे इसलिए हमें सदा प्रत्येक व्यक्ति के लिए ईमानदार एवं भला बनकर रहना चाहिए।

सेठ का पजामा Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी एक सेठ जोकी काफी ज्यादा कंजूस था सालों से वह एक ही पजामा पहन रहा था और वह नया पजामा नहीं लेता था उसे लगता था कि इससे पैसा खर्च होगा घर वालों के बहुत प्रयास करने के बाद कंजूस सेठ ने एक पजामा खरीद लिया।

जब पजामा सिलकर तैयार हुआ और जब सेठ अपनी दुकान पर जा रहा था तो उसने नहा कर वह पजामा पहनने का निर्णय लिया सेठ ने उस पजामे को पहना तब उसे पता चला कि वह पजामा पांच उंगली बड़ा है

उसने उस पजामे को उतार दिया और सेठानी के पास गया कि इस पजामे को पांच उंगली छोटा कर दो ताकि मैं इसे पहन सकूं परंतु सेठानी अपने कार्य में बिजी थी सेठानी ने कहा कि इस रख दो मैं बाद में कर दूंगी।

सेठ ने कहा ठीक है इसे कर देना परंतु सेठ को लगा कि शायद सेठानी भूल न जाए इसलिए वह अपनी पुत्रवधू के पास गया और उससे कहा कि पुत्री इस पजामे को पांच उंगली छोटा कर देना यह बड़ा है और मैं इसे पहन नहीं पा रहा हूं पुत्रवधू ने कहा ठीक है पिताजी।

मैं अनाज को साफ करने के बाद आपके पजामे को ठीक कर दूंगी परंतु सेठ को लगा के पुत्रवधू अपने कार्य में कुछ ज्यादा ही व्यस्त है इसलिए वह अपनी बेटी के पास गया और उसे कहा की बेटी मेरा पजामा पांच उंगली बड़ा है।

इसे तुम पांच उंगली छोटा कर दो बेटी पढ़ाई में व्यस्त थी इसलिए उसने कहा पिताजी आप इसे रख दीजिए मैं इसे ठीक कर दूंगी।

सेठ ने पुराना पजामा पहना और दुकान पर चला गया कुछ समय बाद सेठानी को याद आया कि सेठ जी ने बोला था पजामे को पांच उंगली छोटा करना है।

सेठानी ने पजामे को पांच उंगली छोटा कर दिया और उसे टांग दिया फिर बहू को याद आया कि ससुर जी पजामे को छोटा करने को बोलकर गए हैं इसलिए पुत्रवधू ने भी पजामे को पांच उंगली छोटा कर दिया।

थोड़ी देर बाद बेटी भी पढ़ाई से निर्चू हुई तो उसे भी याद आया कि पिताजी का पजामा 5 उंगली छोटा करना है उसने भी पजामे को पांच उंगली छोटा कर दिया।

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जब सेठ रात को आया और जब उसने पजामे को देखा तब उसे समझ में आया कि वह पजामा पहनने के लायक नहीं बचा है क्योंकि यह उसकी ही गलती है।

वह सभी को एक ही समय पर पजामा ठीक करने को बोल गया था वह किसी को भी गलत न ठहरा सका क्योंकि सेठ समझ गया था यह उसी गलती है उसने तीनों से एक ही समय पर वह कार्य करने को कह दिया इसलिए वह कार्य बिगड़ गया।

Motivational Story In Hindi for Students का निष्कर्ष

Motivational Story In Hindi जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने कार्य को किसी को देने से पहले सुनिश्चित करना चाहिए कि वह कार्य को कौन करेगा यदि एक ही समय पर एक कार्य को कई लोग करेंगे तो वह कार्य अत्यधिक बिगड़ सकता है इसलिए हमे सुनिश्चित करना चाहिए कि वह कार्य करने के लिए कौन पूर्ण रूप से सक्षम है।

बेटे का नाम चोर Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi एक गांव में बहुत अमीर व्यक्ति रहा करता था जिसका नाम किशोर था और उसकी पत्नी का सरिता था दोनो की कोई संतान नहीं थी उनकी शादी को काफी समय हो चुका था वह दोनों काफी ज्यादा अमीर थे।

इसलिए अपने घर की देखभाल के लिए दोनों दो नौकर रखा रखते थे जिनका नाम बहादुर और शमशेर था।

उसी गांव के बाहर दो चोर थे उनसे पूरा गांव परेशान था क्योंकि वह लोगों की अत्यधिक सावधानी के बावजूद भी चोरी कर लेते थे उन दोनों चोरों ने विचार बनाया गांव के धनी व्यक्ति किशोर के घर चोरी करने का।

वह रात्रि होते ही किशोर के घर में घुस गए वह घर में कीमती सामान ढूंढने लगे परंतु गलती से एक चोर के हाथ से कुछ गिर गया और शोर होने के कारण सरिता जग गई और आहार होने के कारण समझ गई की कमरे के बाहर चोर हैं।

परंतु यदि वह कमरे से बाहर गई तो उन दोनों पति पत्नी की जान को खतरा है सरिता जानती थी कि यदि वह अपने दोनों नौकरों को किसी प्रकार उठा दे तो वह इन चोरों को आसानी से पकड़ लेंगे।

परंतु मुश्किल थी कि उन दोनों नौकरों को किस प्रकार उठाया जाए वह पास के कमरे में ही सो रहे थे जहां तक आवाज पहुंचाना कोई मुश्किल कार्य नहीं था।

परंतु यदि वह बिना किसी कारण के उन दोनों को आवाज लगाती है तो चोर समझ जाएंगे कि वह जान चुकी है कि घर में चोरी हो रही है इससे उन दोनों की जान को खतरा भी हो सकता है।

इसलिए सरिता ने ऐसा नहीं किया उसने अपने पति को उठाया और कहां की हमारे घर में चोर है हमें बहादुर और शमशेर को उठाना होगा तो पति को समझ में नहीं आया कि यह कैसे होगा।

चोर कमरे के बाहर तक पहुंच चुके थे जिससे दोनो की जान को भी खतरा था। पत्नी ने कहा कि मैं जैसा कहती हूं वैसा ही करो पत्नी ने चिल्लाते हुए कहा कि सुनो जी आपको तो पता ही है कि मैं मां बनने वाली हूं।

अगर हमारा बेटा हुआ तो आप उसका क्या नाम रखोगे पति ने चिल्लाते हुऐ कहा कि मैं उसका नाम “बहादुर” रखूंगा फिर पत्नी ने जोर आवाज से कहा कि आपका अगर दूसरा बेटा हुआ तो आप उसका क्या नाम रखेंगे।

पति ने चिल्लाते हुऐ कहा कि “शमशेर” नाम रखूंगा फिर पत्नी ने कहा कि अगर तीसरा बेटा हुआ तो आप उसका क्या नाम रखेंगे पति ने कहां की मैं उसका नाम चोर रखूंगा।

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यह सुन दोनो चोर जोकि कमरे के बाहर थे बहुत खुश हुए फिर सरिता ने कहा कि आपकी आवाज में तो दम ही नहीं है जोर से बताओ कि आप अपने तीनों बेटों का क्या नाम रखोगे बताओ।

किशोर ने जोरो से चिल्लाते हुए बताया कि “बहादुर शमशेर चोर” सरिता बोली तुम्हारी आवाज में दम नहीं है मुझे जोरो से सुनना है ताकि पता चले की तुम कितने खुश हो।

पति ने जोर से चिल्लाते हुए कहा “बहादुर शमशेर चोर” “बहादुर शमशेर चोर” यह सुन बहादुर और किशोर उठे और मालिक के कमरे की तरह भागे उन्होंने बाहर चोरों को देखा और उन्हे पकड़ लिया।

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस Motivational Story In Hindi और जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मुश्किल वक्त में कभी भी हमें मानसिक संतुलन नहीं खोना चाहिए ऐसा करना एक बड़ी समस्या को आमंत्रण देने जैसा है मुश्किल समय में हमें अपनी मानसिक स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए ऐसा न करने से हमें बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है मुश्किल वक्त में हमें कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।

यहां क्या बनेगा Motivational Story in hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी एक गांव में काफी समय से कुछ बन रहा था यानी की किसी प्रकार की इमारत बन रही थी उसमें कई मजदूर काम कर रहे थे तभी उस गांव में से एक संत गुजर रहे थे जिन्होंने काफी लोगों को काम करते हुए देखा।

उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने एक व्यक्ति के पास जाकर पूछा कि भाई यहां पर क्या बन रहा है। उस व्यक्ति ने कहा बाबा यहां पर कुछ भी बने मुझे उससे क्या मतलब मेरी जिंदगी बहुत खराब है मैं यहां पर मजदूरी कर रहा हूं मुझे कोई मतलब नहीं चाहे कुछ भी बने।

जब शाम होगी तब मुझे मेरा पैसा मिलेगा और मैं अपने परिवार को भोजन खिला सकूंगा मुझे इसके सिवा और कुछ नहीं पता संत समझ गया कि यह व्यक्ति दुखी है।

संत दूसरे व्यक्ति के पास गया और उससे पूछा कि भाई यहां पर क्या बनेगा उस व्यक्ति ने कहा बाबा यहां पर कुछ भी बने हमें क्या मतलब हम तो सिर्फ काम कर रहे हैं हमें सिर्फ पैसे से मतलब है हम पूरे दिन मेहनत करते हैं परंतु हमें बहुत कम पैसा मिलता है।

जिससे हमें यह काम करने में आनंद नहीं आता संत ने कहा कि यह कार्य में क्या उन्हे उतने पैसे नहीं मिलते हैं जितने मिलनी चाहिए व्यक्ति ने कहा हां मिलते हैं पर उसमें मेरा गुजारा नहीं होता।

संत तीसरे व्यक्ति के पास गया और उससे पूजा की भाई यहां क्या बन रहा है उस तीसरे व्यक्ति ने बताया कि बाबा जी यहां पर एक सुंदर स्कूल बन रहा है जिसमें हमारे बच्चे सुकून से पड़ेंगे।

पहले गांव में स्कूल नहीं था और गांव के बच्चों को दूर के गांव में नदी पार करके रोजाना स्कूल जाना पड़ता था जिससे बहुत ही कम बच्चे शिक्षित हो पा रहे थे। परंतु अब सरकार हमारे गांव में भी स्कूल बना रहा है जिससे मैं बहुत खुश हूं।

तब संत ने पूछा तुम पर बहुत मेहनत पढ़ती होगी क्या तुम इससे खुश हो उस व्यक्ति ने बताया कि बाबा यदि यह काम मुझसे फ्री में भी करवाया जाता मैं तब भी करता।

क्योंकि इस स्कूल में मेरे बच्चे पढ़ेंगे और बड़े होकर अच्छे व्यक्ति बनेंगे मैं बहुत खुश रहता हूं मैं जब भी इस स्कूल का काम करने आता हूं तो खुशी के कारण गाना भी गाने लगता हूं।

क्योंकि यह मेरे अंदर की खुशी है इसमें मेरे बच्चे पढ़ेंगे और वह बेहतर जीवन जिएंगे मुझ पर भले ही मेहनत पढ़ती है परंतु यह मेरे बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए है।

इसलिए मुझे नहीं लगता कि मुझ पर मेहनत पढ़ती है मैं अपने बच्चों का अच्छा पिता बनना चाहता हूं और इस स्कूल के बनने में अपना योगदान देना चाहता हूं।

संत ने उस व्यक्ति के सर पर हाथ रखा और उससे कहा कि तुम जीवन में सदा खुश रहोगे क्योंकि मैंने दूसरे व्यक्तियों से भी यही बात पूछी थी परंतु उन्होंने मुझे अपने दुख सुनाने शुरू कर दिए पर तुमने मुझे अपने दिल की बात बताई।

कि तुम्हारे बच्चे जब इसमें पड़ेंगे तो तुम्हें बहुत आनंद मिलेगा उन व्यक्तियों के भी बच्चे इसमें पढेंगे फिर भी वह खुश नहीं है अपनी मेहनत और पैसों के कष्ट को दुख समझते हैं।

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें प्रत्येक कार्य में सकारात्मक सोचना चाहिए यदि हम जीवन को नकारात्मक दृष्टि से देखते हैं तो हमें अपना जीवन काफी ज्यादा मुश्किलों से भरा दिखाई देता है परंतु यदि हम हर चीज को सकारात्मक तरीके से देखते हैं तो हमारा जीवन काफी आसान हो जाता है हमे हर लम्हे में खुशी ढूंढनी चाहिए यही जीवन में खुश रहने का मूल मंत्र है।

पछतावा Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Success Stories For Students यह एक जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी है एक समय की बात है एक राजा जंगल में सिपाहियों के साथ शिकार करने के लिए गया राजा को एक हिरण दिखाई दिया।

राजा ने उस हिरण का पीछा किया परंतु वह हिरण जंगल के अंदर जाकर कहीं गायब हो गया। अब राजा और सेना जंगल में भटक चुकी थी क्योंकि जंगल बहुत ज्यादा विशालकाय था सैनिक जंगल से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढने लगे।

परंतु अब राजा को बहुत जोरों की प्यास लगने लगी जब राजा को प्यास लगी तब उसने पानी ढूंढना शुरू किया परंतु उसे कहीं पानी नहीं मिला काफी देर प्रयास करने के बाद उसे एक पेड़ से टपकती कुछ पानी की बूंदे दिखाई दी जिसे देख राजा बहुत खुश हुआ।

राजा ने पत्ते का एक डोना (पत्ते से बना बर्तन) बनाया और पानी को इकट्ठा करना शुरू कर दिया जब राजा उस पानी को पीने ही बाला था तभी एक तोते ने आकर राजा पर हमला किया और राजा के हाथ का पानी गिर गया।

राजा को लगा कि शायद तोते को भी प्यास लगी होगी परंतु उसने गलती से पानी को गिरा दिया राजा ने फिर से वह पानी इकट्ठा करने का मन बनाया जब राजा फिर से पानी पीने ही वाला था तभी तोते ने फिर से पानी गिरा दिया।

जिससे राजा को बहुत गुस्सा आया और उसने सैनिक के हाथ से जाबुक लिया और तोते पर प्रहार किया जिससे तोते की मृत्यु हो गई फिर राजा ने सोचा कि अब मैं सुकून से पानी पियूंगा।

जब राजा ने दोबारा पानी भरना शुरू किया तब उसने महसूस किया कि पानी काफी ज्यादा चिपचिपा है जब उसने पेड़ के बिल्कुल ऊपर देखा तब उसे पता चला कि जिसे वह पानी समझ रहा है।

एक जहरीले सांप की लार है जोकि पेड़ के ऊपर सो रहा है और उसके मुंह सेलार टपक रही है यह देख राजा के पैरों से जमीन खिसक गई क्योंकि उसने एक मासूम तोते को मार दिया था।

जोकि राजा की जान बचाने के लिए जानबूझकर उसके हाथ के जहर जिसे वह पानी समझ रहा था उसे गिरा रहा था ताकि राजा की मृत्यु ना हो परंतु राजा ने क्रोध में आकर उस तोते को ही मार दिया। जो उसकी जान बचाना चाहता था राजा बहुत पछताया परंतु अब बहुत देर हो चुकी थी।

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी (Motivational Success Stories For Students) से हमें यह सीख मिलती है कि हमें बिना सोचे समझे कोई फैसला नहीं लेना चाहिए ऐसा करना या तो आपको किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकता है या तो फिर आपको जिंदगी भर का पछतावा दे सकता है पछतावा मनुष्य को मृत्यु की ओर तेजी से धकेलता है इसलिए गलतियों से बचें निर्णय लेने से पहले कई बार सोचें।

लालच एक श्राप Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Success Stories For Students: एक समय की बात है एक व्यक्ति जिसका नाम मोहन था मोहन बहुत ही ज्यादा मेहनती एवं कार्यशील था पूरा गांव उसकी तारीफ किया करता था।

एक बार जब मोहन अपने घर के बाहर बैठा था तभी उसे एक बुढा व्यक्ति दिखा जोकी अपने सामान को उठा नहीं पा रहा था मोहन उसके बाद गया और उससे कहा क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूं बूढ़े बुजुर्ग ने कहा अगर तुम मेरी मदद करते हो तो मैं तुम्हें 10 सोने के सिक्के दूंगा।

बस तुम्हें मेरे साथ चलकर दूसरे गांव में इस सामान को पहुंचाना मोहन राजी हो गया क्योंकि 10 सोने के सिक्के एक बड़ी रकम थी उस व्यापारी के पास तीन पोटली थी जिनका का आकार काफी बड़ा था।

मोहन ने व्यापारी से पूछा कि इसमें क्या है व्यापारी ने जवाब दिया कि इसमें तांबे के सिक्के हैं मोहन बहुत अच्मबित हुआ कुछ देर बाद रास्ते में एक नदी पड़ी।

तब व्यापारी ने कहा कि मैं नदी को पार नहीं कर पाऊंगा कृपया तुम मेरी एक और पोटली ले लो मोहन ने पोटली ले ली और व्यापारी ने बताया कि इसमें चांदी के सिक्के हैं यह सुनने के बाद मोहन काफी ज्यादा हैरान हुआ।

परंतु उसने नदी पार की काफी दूर जाने के बाद पहाड़ी आई व्यापारी ने कहा कि मैं इस पहाड़ी को पोटली के साथ नहीं चढ़ पाऊंगा इसलिए तुम मेरी यह आखरी पोटली भी ले लो।

परंतु भाग मत जाना मैं तुम्हारा पीछा नहीं कर पाऊंगा इसमें मेरी जिंदगी भर की कमाई है इसमें सोने के सिक्के हैं यह सुनने के बाद मोहन और भी ज्यादा हैरान हुआ।

मोहन जल्दी से पहाड़ी पर चढ़ गया और बूढ़ा व्यापारी धीरे-धीरे पहाड़ी पर चढ़ रहा था तभी मोहन के मन में लालच जागा कि यदि मैं यह तीनों पोटली लेकर भाग जाऊं तो बुजुर्ग मुझे पकड़ भी नहीं पाएगा और मेरा जीवन बेहतर हो जाएगा।

उसने ऐसा ही किया वह तीनों पोटली लेकर भाग गया जब उसने घर पर जाकर उन पुतलियां को खोला तो उनमें लोहे के सिक्के थे यह देख मोहन को बहुत गुस्सा आया कि उस व्यापारी ने उससे झूठ बोला।

परंतु मोहन ने जब ध्यान से देखा तब उस एक पत्र मिला जिसमें लिखा था कि यह मेरे द्वारा बनाया हुआ एक खेल है मैं इस नगर का राजा हूं।

मैं एक ईमानदार व्यक्ति की तलाश कर रहा हूं परंतु तुम इस पोटली को लेकर भाग चुके होगे तभी तुम यह पत्र पढ़ रहे हो तुम लालची हो तुम्हारे मन में लालच जाग गया यदि तुम मेरे साथ-साथ चलते आखिर में मैं तुम्हें चुन लेता और तुम नगर के राजा बन जाते।

यह पढ़ने के बाद वह लड़का बहुत पछताया और बहुत रोया परंतु अब उसके पास पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचा था क्योंकि उसने अपनी जिंदगी को बदलने का अवसर खो दिया था उसकी मुख्य वजह थी उसका लालच जिसने उसे आगे नहीं बढ़ने दिया। 

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi For Students )लालच मानव जीवन की वह उपस्थित है जिसके द्वारा इश्वर हमें आजमाता है यदि कोई व्यक्ति खुद के लालच पर नियंत्रण पाले तो वह सदा कामयाबी की तरफ बढ़ता जाएगा परंतु जिसने अपने लालच पर नियंत्रण नहीं किया वह व्यक्ति कभी भी कामयाब नहीं हो पाएगा एवं हमेशा घृणा की दृष्टि से देखा जाएगा।

ऋषि की परिक्षा motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Success Stories For Students यह कमाल की जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी है एक समय की बात है गुरुकुल के विद्यार्थियों का गुरुकुल में आखिरी दिन था क्योंकि उनकी शिक्षा पूरी हो चुकी थी उन्हें अगले दिन अपने घर जाना था।

पंरतु ऋषि आय और उन्होंने कहा मैं तुम्हारी एक प्रतियोगिता करवाना चाहता हूं जिसमें सभी को भाग लेना है जिसमे सभी को दौड़ना है तुम्हे रास्ते में एक गुफा मिलेगी जिसमे बिल्कुल अंधेरा है तुम्हें उसे पार करके आश्रम में लौट आना है।

जो आश्रम में पहले आएगा वह जीतेगा प्रतियोगिता शुरू हुई सभी विद्यार्थियों ने भागना शुरू किया सभी भागते हुए गुफा तक पहुंचे गुफा में बिल्कुल अंधेरा था और गुफा में नुकीले पत्थर थे जिससे शिष्यों को जख्म होने लगे।

परंतु कुछ विद्यार्थियों ने गुफा से पत्थर हटाने शुरू कर दिए यह सोचकर कि आने वाले शिष्यों के पैरों में जख्म न हो पत्थर चमकीले थे इसलिए उन कुछ चुनिंदा विद्यार्थियों ने वह अपने पास भी रख लिऐ।

जब शाम हुई तब तक सारे विद्यार्थी आश्रम पहुंच चुके थे तब ऋषि ने कहा कि तुम लोगों को गुफा से निकलने में इतना समय क्यों लगा एक शिष्य बोला गुरु जी उस गुफा में काफी नुकीले पत्थर थे।

जोकि हमारे पैरों को जख्मी कर रहे थे कुछ लोग एक दूसरे को धक्का देकर जल्दी से निकलने का प्रयास कर रहे थे जबकि कुछ लोग उन पत्थरों को रास्ते से हटाने में लगे थे ताकि किसी को नुकसान न पहुंचे।

तब ऋषि ने कहा कि वह विद्यार्थी सामने आए जोकी गुफा में से पत्थर हटा रहे थे कुछ विद्यार्थी सामने आए उन्हें वह पत्थर काफी अच्छे लगे थे इसलिए उन्होंने कुछ पत्थर अपनी जेब में ही रख दिए थे।

ऋषि ने कहा कि उन पत्थरों को अपनी जेब से निकालो जब उन्होंने उन पत्थरों को अपनी जेब से निकाला तब ऋषि ने बताया कि यह धन हमारे आश्रम को कई धनी राजाओं ने भेंट किया था।

और मैंने यह धन उन महान विद्यार्थियों को भेंट किया है जिन्होंने अपनी परवाह किए बिना दूसरों की परवाह की इस प्रकार ऋषि ने आखिरी वक्त भी यह सिखाया की हमें जीवन की भाग दौड़ में कुछ नेक काम कर लेना चाहिए।

जिस प्रकार ऋषि ने विद्यार्थियों को आजमाया इसी प्रकार ईश्वर भी मनुष्य को आजमाता है यह जीवन की भाग दौड़ एक दिन खत्म हो जानी है एवं हमें ईश्वर को अपने कर्मों का हिसाब देना है।

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस Motivational Story In Hindi जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने जीवन की भाग दौड़ के साथ-साथ कुछ अच्छे कर्म भी करने चाहिए ताकि हम ईश्वर को अपना चेहरा दिखा सके क्योंकि यह दुनिया एक परीक्षा है और इश्वर हमें आजमाता है।

स्वभाव से पहचान Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Success Stories For Students एक व्यक्ती राजा के दरबार में नौकरी मांगने के लिए आया उससे उसकी काबिलियत पूछी गई तो वह बोला मैं आदमी हो चाहे जानवर, चेहरा देखकर उसके बारे में बहुत कुछ बता सकता हूं।

राजा ने उसे अपने खास घोड़ों के अस्तबल का प्रभारी बना दिया। कुछ ही दिन बाद राजा ने उससे अपने सबसे महंगे और मनपसंद घोड़े के बारे में पूछा तो उसने कहा नस्ली नहीं है राजा को हैरानी हुई।

उसने जंगल से घोड़े वाले को बुलाकर पूछा तो उसने बताया घोड़ा नस्ली तो है पर उसके पैदा होते ही इसकी मां मर गई थी इसलिए ये एक गाय का दूध पीकर पला-बढ़ा है।

राजा ने प्रभारी को बुलाया और पूछा तुम्हें कैसे पता चला कि घोड़ा नस्ली नहीं है उसने कहा जब ये घास खाता है तो गाय की तरह सिर नीचे करके खाता है जबकि नस्ली घोड़ा घास मुंह में लेकर सिर उठाकर शान से खाता है।

राजा उसकी काबिलियत से बहुत खुश हुआ उसने उसके घर अनाज, घी, मुर्गे, और ढेर सारी बकरियां बतौर इनाम भिजवा दिए और उसे रानी के महल में तैनात कर दिया गया।

कुछ दिन बाद राजा ने उस व्यक्ति से रानी के बारे में राय मांगी उसने कहा, तौर-तरीके तो रानी जैसी हैं, लेकिन पैदाइशी नहीं है।

राजा के पैरों तले जमीन खिसक गई उसने अपनी सास को बुलाया और इस बारे में पूछा सास ने कहा- हकीकत ये है कि आपके पिताजी ने मेरे पति से हमारी बेटी की पैदाइश पर ही रिश्ता तय कर लिया था।

लेकिन हमारी बेटी 6 महीने में ही मर गई थी लिहाजा हमने आपके रजवाड़े से रिश्ते रखने के लिए किसी और की बच्ची को अपनी बेटी बना लिया।

राजा ने फिर अपने नौकर से पूछा तुम्हें कैसे पता चला उसने कहा रानी साहिबा का नौकरों के साथ सुलूक गवारो जैसा है एक खानदानी इंसान का दूसरों से व्यवहार करने का तरीका अनोखा होता है।

जो रानी साहिबा में नहीं है राजा फिर उससे खुश हुआ और फिर से बहुत सारा इनाम दिया और उसे दरबार में तैनात कर लिया।

कुछ वक्त बाद राजा ने उससे अपने बारे में पूछा नौकर ने कहा जान की सलामती हो तो कहूं राजा ने वादा किया तो उसने कहा न तो आप राजा के बेटे हो और न ही आपका चलन राजाओं वाला है।

राजा को बहुत गुस्सा आया लेकिन वह जान की सलामती का वचन दे चुका था इसलिए राजा सीधा अपनी मां के महल पहुंचा राजा की मां ने कहा ये सच है तुम एक चरवाहे के बेटे हो।

हमारी औलाद नहीं थी तो तुम्हें गोद लिया था और तुम्हे बहुत प्यार दिया राजा ने नौकर से पूछा बताओ तुम्हें कैसे पता चला उसने कहा जब कोई राजा किसी को इनाम देता हैं तो हीरे-मोती और जवाहरात की देता है।

लेकिन आप भेड़ बकरियां, खाने-पीने की चीजें देते हैं ये रवैया किसी राजा का नहीं किसी चरवाहे के बेटे का ही हो सकता है क्योंकि उसके दिल में जानवरों के प्रती प्रेम भाव है और वह उन्हे ही कीमती समझ के भेंट करता है यह सुन राजा हैरान हो गया।

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस Motivational Story In Hindi जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जिस व्यक्ति का जैसा स्वभाव एवं चाल चलन होता है उससे उसकी छवि का पता चलता है यदि किसी व्यक्ति को अपनी अच्छी छवि बनानी है तो उसको अपने जीवन में बदलाव करने होंगे।

तालाब का राक्षक motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi यह जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी है जोकि कुछ इस प्रकार है,जंगल में एक तालाब था जिसमें जंगल के सभी जानवर पानी पीने जाया करते थे परंतु जानवरों में एक बात बहुत मशहूर थी।

कि शाम के वक्त जो भी उस तालाब पे पानी पीने जाता है उसे तालाब का राक्षक मार देता है इसलिए कोई भी जानवर शाम के वक्त पानी पीने नहीं जाया करता था।

परंतु उस जंगल में एक नया खरगोश आया जो कि यह बात नहीं जानता था वह गलती से शाम के समय उस तालाब पर पानी पीने चला गया तभी उसे एक मगरमच्छ उसकी ओर तेजी से आता दिखा।

जिसके डर से खरगोश तेजी से जंगल की ओर भागा जब जानवरों ने उसे भागते हुए देखा तब उन्होंने पूछा कि तुम क्यों भाग रहे हो खरगोश ने बताया कि मैं तालाब पर पानी पीने गया था परंतु एक मगरमच्छ ने मुझे मारने का प्रयास किया।

जंगली जानवरों ने बताया कि उसमें कोई मगरमच्छ नहीं है बल्कि तालाब का राक्षस है जो अभी तक कई जानवरों को मार चुका है परंतु खरगोश ने कहा मेरा भरोसा करो उसमे मगरमच्छ है।

जानवरों को उसकी बात पर भरोसा हो गया क्योंकि जानवरों ने खरगोश की आंखों में मौत का डर देखा था इस स्थिति में कोई भी झूठ नहीं बोलता जानवरों ने अगले दिन उस तालाब पर जाकर जांच करने का निर्णय लिया।

अगले दिन शाम हुई तो सभी जानवर उस तालाब के पास गए जानवरों को आता देख मगरमच्छ पानी में छुप गया परंतु उसकी पीठ तालाब के ऊपर दिखाई दे रही थी।

जिसे जानवर पत्थर समझ रहे थे परंतु खरगोश समझ गया की वह मगरमच्छ है उसने मगरमच्छ को सबके सामने लाने के लिए एक तरकीब सोची और उसने कहा कि हम सबको पता है कि यह पत्थर है परंतु हम तब यकीन करेंगे जब यह हमें खुद बताएगा कि यह पत्थर है।

मगरमच्छ बोला मै पत्थर ही हूं सभी जानवर समझ गय कि यह मगरमच्छ ही है जोकि अभी तक कई जानवरों को मार चुका है तब खरगोश ने कहा वेअक्ल मगरमच्छ पत्थर बोला नहीं करते।

सभी जानवरों ने मिलकर उस मगरमच्छ को तालाब से हमेशा के लिए भगा दिया और वह खुशी-खुशी जंगल में रहने लगे।

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस Motivational Story In Hindi जबरजस्त मोटिवेशनल कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मुश्किल परिस्थिति को देखकर हमें उससे बचने का प्रयास नहीं करना चाहिए वरना वह बढ़ती रहती है जिस प्रकार जंगल के जानवरों में तालाब के राक्षक का भय था।

इसी प्रकार हमारे जीवन की नाकामयाबी भी है यदि हम उसे खत्म करने का निर्णय ले लें तो हम उसमें सफल हो सकते हैं परंतु यदि हम कोशिश ही ना करें तो नाकामयाबी के सिवा हमें कुछ नहीं मिलेगा।

सेठ की टेंशन motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi यह सोच बदलने वाली कहानी है एक नगर में बहुत अमीर सेठ रहा करता था जिसकी बहुत सारी संपत्ति थी परंतु उसे आंकड़ा नहीं पता था कि उसके पास कितनी संपत्ति है।

इसलिए उसने एक मुनीम को बुलाया और उससे कहा कि आप एक हफ्ते के अंदर बताइए कि मेरे पास कुल कितनी संपदा है।

मुनीम ने सभी चीजों का ब्योरा निकालना शुरू किया और वह एक हफ्ते के बाद आया और बोला सेठ जी आपके पास इतना धन है कि आपकी साथ पीढ़ियां बैठकर खा सकती है।

सेठ बहुत ज्यादा चिंतित हुआ क्योंकि उसे लगा उसकी आठवीं पीढ़ी भूखी मरेगी इसलिए वह बहुत ज्यादा चिंतित रहने लगा सेठ के मन में यह बात बैठ चुकी थी कि मुझे ऐसा कुछ करना होगा कि मेरी आठवीं पीढ़ी भी सुकून से बैठकर कर खा सके।

मुनीम से सेठ की हालत देखी नहीं गई क्योंकि वह बहुत ज्यादा चिंतित रहने लगा था और उसे बीमारियां भी घेरने लगी थी तब मुनीम ने कहा कि सेठ जी आपकी आठवी पीढ़ी भूखी नहीं मरेगी इसका उपाय है मेरे पास।

सेठ ने उत्साह से पूछा क्या है ? इसका उपाय मुनीम बोला नगर के कोने में एक बुद्धि अम्मा रहती हैं आप उन्हें सिर्फ 1 किलो आटा देकर आ जाओ आपको इसका जवाब मिल जाएगा।

सेठ बहुत उत्साह से पूरा एक कुंतल आटा लेकर उस बुद्धि अम्मा की कुटिया में पहुंच गया। बूढ़ी अम्मा ने सेठ को अपने घर में सम्मान देते हुए बुलाया आने की वजह पूछी तो सेठ ने बताया कि वह अम्मा के लिए आटा लाया है।

परंतु अम्मा ने यह कहकर मना कर दिया कि बेटा मैं सिर्फ उतना ही अपने पास रखती हूं जितने कि मुझे जरूरत है सेठ ने कहा अम्मा कल के लिए रख लीजिए अम्मा ने कहा नहीं बेटा जिस प्रकार आज मेरा खाने का इंतजाम हो गया।

इसी प्रकार ईश्वर कल भी मुझे भूखा नहीं सोने देगा और वह मुझे हिम्मत देगा ताकि मैं कल के लिए भी भोजन इकट्ठा कर सकूं। इसलिए मुझे तुम्हारे आटे की आवश्यकता नहीं है यह सुन सेठ की आंखें खुल गईं क्योंकि वह यह सोचकर चिंतित है।

कि उसके आठवीं पीढ़ी भूखी न मर जाय परंतु अम्मा ने सिखा दिया कि जिस प्रकार ईश्वर ने मुझे अभी धन कमाने की शक्ति दी है इसी प्रकार वह मेरी आगे की पीढ़ी को भी देगा मुझे ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है तब सेठ को सुकून मिला। 

Motivational Story In Hindi For Students का निष्कर्ष

इस जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी (Motivational Story In Hindi For Students) से हमें यह सीख मिलती है कि जो चीज हमारे बस में नहीं है अर्थात जिन चीजों को हम बदल नहीं सकते हैं उनके बारे में सोचना समय की बर्बादी है एवं जीवन को बर्बादी की ओर धकेलने जैसा है हमें वर्तमान में जीना चाहिए यदि हम वर्तमान को किसी टेंशन के कारण बर्बाद करते हैं तो यही हमारा अतीत बन जाता है जोकि हमें बढ़ती उम्र के साथ तकलीफ देने लगता है। 

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Motivation Story In Hindi FAQ

Q.मोटिवेशन का मतलब क्या हुआ?

Ans.किसी भी कार्य के प्रति मन में उत्सुकता होना एवं सदा कार्यशील बने रहना ही मोटिवेशन है आसान भाषा में कहें तो जीवन में हार ना मानने की जिद को मोटिवेशन कहा जाता है।

Q.बेस्ट मोटिवेशनल लाइन क्या है?

Ans.”जब तक कामयाबी न मिल जाय हार मत मानो” कामयाबी मिलने से पहले हार मान लेना एक कायर व्यक्ति की पहचान है ऐसा हम नहीं बल्कि समाज कहता है यदि सच में आपके हौसले पक्के हैं तो आपको कभी हार नहीं माननी चाहिए।

Q.सेल्फ मोटिवेशन कैसे बनाएं?

Ans.खुद का सम्मान करना शुरू करें जब आप खुद की इज्जत करेंगे तभी समाज आपकी इज्जत करेगा खुद को बेहतर महसूस कराने के लिए जीवन में कामयाबी की पहली सीढ़ी को जरूर पार करें। 

Q जीवन में मोटिवेशन क्यों जरूरी है?

Ans.किसी भी कार्य को करने के लिए उसकी इच्छा होना जरूरी है जिसे मोटिवेशन कहा जाता है बिना पानी एवं भोजन के कुछ समय तक जीवित रहा जा सकता है परंतु बिना उम्मीद के जीवन नहीं जिया जा सकता है यह सत्य है इसलिए जीवन में मोटिवेशन अति आवश्यक होता है। 

Q.मोटिवेशन कब होता है?

Ans.जब हमें किसी कार्य को करने की इच्छा होती है एवं हमें पता होता है कि वह कार्य किस प्रकार होगा तब हमें खुद में मोटिवेशन महसूस होता है। 

Q.मोटिवेशन के लिए क्या लिखें?

Ans.मोटिवेशन के लिए अपने जीवन के लक्ष्य को एक पर्चे पर लिखें और उसे घर के किसी ऐसे हिस्से पर चिपका लें जिस पर आपकी नज़र बार बार जाय इससे ये होगा की आपने हमेशा उन चीजों को हासिल करने की इच्छा जागरुक होती रहेगी और आप हमेशा मोटिवेट बने रहेंगे।

Q.बेस्ट मोटिवेशन कौन है?

Ans.जीवन में व्यक्ति का सबसे बड़ा मोटिवेशन उसके माता-पिता होते हैं एवं उसका प्यार क्योंकि यदि कोई व्यक्ति समय रहते कामयाब नहीं हुआ तो उसका प्यार किसी और का हो जाएगा एवं यदि समय समय रहते वह अपने माता-पिता को जीवन का सुख नहीं दे पाया तो वह जीवन भर पछताएगा क्योंकि समय किसी के लिए नहीं रुकता।

Q.हर समय प्रेरित कैसे रहें?

Ans.अपने फोन में जीवन के लक्ष्य को लिख लें एवं जब भी मोटिवेशन कम हो तब आपको उन्हें देखना है और खुद से कहना है मुझे हार नहीं माननी है मुझे यह सभी चीजें हासिल करनी है यह हमेशा मोटिवेट रहने का सबसे अच्छा तरीका है।

Q.खुद को मोटिवेट रखने के लिए क्या करना चाहिए?

Ans.हमें खुद को मोटिवेट रखने के लिए सदा कार्य करना चाहिए एवं जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने का सदा प्रयास करते रहना चाहिए इस प्रकार हमें कामयाबी की किरण दिखाई देती है और हम सदा खुद को बेहतर महसूस करते हैं जो व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं करते अक्सर सबसे ज्यादा कम कॉन्फिडेंस उनमें ही देखने को मिलता है।

Q.खुद पर कैसे काम करें?

Ans.एक पर्चे पर पहले खुद ही कमियां लिख लें फिर जो आपके जीवन में है फिर उस पर्चे पर लिखें कि मुझे यह कमियां किस प्रकार ठीक करनी है इस प्रकार आपके जीवन बदलाव आएगा और आप खुद को बेहतर महसूस करेंगे। 

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