गौतम बुद्ध विश्व के सबसे महान महात्माओं में से एक माने गए हैं क्योंकि उनके पास सभी समास्याओं के अनोखे जवाब होते थे। जिसपे आधारित कई कहानियां प्रचलित हैं जोकि किसी के भी जीवन में बदलाव ला सकती हैं उन्ही कहानियों में से एक यह Gautam Buddha Motivational Story In Hindi भी है।
जो आपको जीवन के अनोखे से से रूबरू कराएगी क्योंकि इसमें महात्मा बुद्ध ने जीवन के अनोखे सच को किस प्रकार प्रतीत किया है यह बहुत ही अद्भुत है जाने इस Gautam Buddha Motivational Story In Hindi के माध्यम से।
Gautam Buddha Motivational Story In Hindi के बारे में
इस Gautam Buddha Motivational Story In Hindi में बताया गया है एक अनोखे लडके के बारे में जो अपने अतीत को भुला नही पाता था, जिससे उसका जीवन बहुत ही मुश्किल भरा हो चुका था। फिर कैसे पहुंचा वह महात्मा गौतम बुद्ध के पास और ऐसा क्या बताया महात्मा बुद्ध ने जिससे उसका जीवन सुधर गया और वह एक अच्छा नागरिक बन गया जानेंगे इस Gautam Buddha Motivational Story In Hindi में इसलिए ध्यान से पढ़ें इस अनोखी प्रेरणादायक कहानी को जो जीवन का अनोखा ज्ञान देती है
Gautam Buddha Motivational Story In Hindi
बहुत पुराने समय की बात है एक गांव में एक सबसे अनोखा लड़का रहता था उसके अनोखे होने का मुख्य कारण था कि वह हमेशा अपने अतीत को याद करके अपनी किस्मत को कोस्ता रहता था।
अतीत में उसके साथ जो कुछ भी बुरा हुआ था उसे भूलना नहीं चाहता था एवं यदि किसी के साथ उसका झगड़ा या बहस हो जाए तो वह उस व्यक्ति से बदला लेने का विचार बनाया करता था वह अपने अतीत में ही खोया रहता था।
वह अपने अतीत की किसी भी बात को भूलना नहीं चाहता था जिस कारण उसके जीवन में कई समस्याएं होने लगी उसके गांव में कोई भी उसे प्रेम से नहीं बोलता था, क्योंकि यदि कोई उसे प्रेम से बोलने का प्रयास करता तो वह उन्हें याद दिलाता कि तुमने अतीत में मेरे साथ क्या किया है।
यह जीवन है अच्छा जीवन जीने के लिए अपने अतीत को भुलना पढ़ता है यह बात अकसर गांव के लोग उसे समझाया करते थे। यदि किसी से कभी उसकी वहेश हुई थी तो वह लोग भी उससे आके माफी मांगते पर वह फिर भी नही सुधरता।
वह सभी से बदला लेना चाहता था इस लिए लोग भी समझ गए की इससे दूर रहना ही ठीक है इसलिए सभी ने उससे बोलना बंद कर दिया।
कुछ समय तक उस लड़के को सब कुछ सामान्य लगा परंतु जब गांव के प्रत्येक व्यक्ति ने उससे बोलना बंद कर दिया तो उसे बहुत ही अजीब लगने लगा और उसका गांव में रहना मुश्किल हो गया इस बात से उसे भी पश्चाताप होने लगा कि उसे अपने अतीत को भूल जाना चाहिए और सभी से प्रेम भाव से बात करनी चाहिए।
परंतु वह ऐसा कर नहीं पा रहा था इसलिए वह अपने एक मित्र से सलाह लेने गया कि मुझे क्या करना चाहिए और मैं किस प्रकार से अपने अतीत को भूल सकता हूं ताकि वर्तमान में चल रहे जीवन को सुखी से जी सकूं और सभी से प्रेम भाव से बोल सकूं।
लड़के के मित्र ने बताया कि पास के गांव में बहुत ही प्रसिद्ध गुरु महात्मा बुद्ध आए हैं तुम्हें उनके पास जाना चाहिए जो तुम्हारी समस्या का हल बता सकते हैं और तुम्हें जीवन के अनोखे ज्ञान से रूबरू करा सकते हैं।
लड़का दूसरे दिन सुबह सूरज निकलने से पहले ही महात्मा बुद्ध से मिलने के लिए गांव से पैदल ही चल दिया। काफी देर तक पैदल चलने के बाद वह दूसरे गांव में महात्मा बुद्ध जहां पर प्रवचन देने आए थे वहां जा पहुंचा।
उसका सवाल सबसे अनोखा था इसलिए उसने महात्मा बुद्ध से अकेले में बात करने का निर्णय लिया और प्रवचन खत्म होने का इंतजार किया काफी देर तक प्रवचन चला जिसके बाद सभी लोग वहां से चले गए सिर्फ महात्मा बुद्ध और उनके कुछ मुख्य शिष्य ही वहां पर बचे थे।
लड़के ने हिम्मत करी और महात्मा बुद्ध के पास जाकर उन्हें प्रणाम किया लड़के ने महात्मा बुद्ध को प्रणाम करने के बाद महात्मा बुद्ध को अपने जीवन की चल रही परिस्थिति के बारे में बताया।
महात्मा बुद्ध लड़के की सारी बात ध्यान से सुनते रहे और उसे बीना कोई जवाब दिए वहां से चले गए यह बात लडके को बहुत ही अजीब लगी, थोड़ी देर बाद महात्मा बुद्ध एक खाली गिलास लाए और लड़के के सामने खड़े हो गए।
उन्होंने लड़के से कहा कि बताओ इस ग्लास का कितना वजन होगा लड़के ने कहा बहुत ही कम वजन है इस क्लास का फिर महात्मा बुद्ध ने कहा यदि मैं इस गिलास को पकड़ कर 1 घंटे तक खड़ा रहूं तो कैसा लगेगा लड़के ने कहा आपको बहुत ही अजीब लगेगा परंतु हो सकता है आपके हाथ अकड़ जाएं।
तब महात्मा बुद्ध ने कहा क्या हो यदि मैं इस गिलास को 5 घंटे तक पकड़ कर खड़ा रहूं। लड़के ने कहा तब तो आपका हाथ भी सुन हो सकता है और दर्द के मारे आपका हाल बेहाल भी हो सकता है क्योंकि हाथ अकड़ जाएगा जिससे मांसपेशियों में दर्द होगा जो की बहुत ही ज्यादा पीड़ा दायक है।
तब महात्मा बुद्ध ने कहा क्या हो यदि तुम इस ग्लास को पूरे दिन पकड़ कर खड़े रहो लड़के ने कहा भगवन ऐसा करना बिल्कुल ही संभव नहीं है, क्योंकि यह मेरे बस का कार्य नहीं और यदि मैं ऐसा करता हूं तो मैं पीड़ा से बेचैन हो जाऊंगा क्या पता महीनो तक वह दर्द ठीक ही न हो इसलिए ऐसा करना बिल्कुल ही बेकार निर्णय है।
महात्मा बुद्ध ने लड़के से कहा कि परंतु तुम तो ऐसा ही कर रहे हो तुमने अपने जीवन के दुखों को इसी प्रकार पकड़ रखा है, जो कि तुम्हें पीड़ा दे रहे हैं।
जिस प्रकार तुम गिलास को यदि लंबे समय तक पकड़ोगे तो वह तुम्हें पीड़ा देगा इसी प्रकार यदि तुम अपने जीवन के किसी दुख को हमेशा पकड़ कर रखोगे तो वह बहुत ही ज्यादा पीड़ा दायक साबित होगा।
महात्मा बुद्ध ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें अक्सर अतीत को भूलना पड़ता है क्योंकि अतीत हमारे जीवन का वह काला सच है जिसे हम कभी बदल नहीं सकते हैं।
परंतु भविष्य वह है जिसे हम बदल सकते हैं जो हम आज करेंगे वह हमें कल भोगने को मिलेगा इसलिए सदा भविष्य के लिए कार्य करें।
अतीत हमें कुछ नहीं देता बस वह हमें दुख और पीड़ा देता है जिसे हम बदल नहीं सकते यदि जीवन को बेहतर तरीके से जीना है तो अतीत को भूलना ही पड़ेगा यदि तुम अतीत को हमेशा पकड़ कर रखोगे तो वह जीवन में बहुत ही ज्यादा कष्ट दायक साबित होगा।
जिस प्रकार यदि गिलास को लंबे समय तक पकड़ा जाए तो उसका दर्द भी बहुत ही ज्यादा होगा इसी प्रकार यदि अतीत को लंबे समय तक पकड़ा जाए तो उसका दर्द भी बहुत ही ज्यादा दुख दायक होगा।
लड़के को उसके जीवन की अनोखी सीख मिल चुकी थी और वह समझ गया था जीवन के अनोखे सच को।
इसलिए उसने महात्मा बुद्ध को प्रणाम करके धन्यवाद कहा और अपने गांव की ओर चला गया उसने सभी से प्रेम भाव से बोलना शुरू किया इसके बाद उसका जीवन धीरे-धीरे बेहतर होने लगा और वह एक सामान्य और बेहतर जीवन जीने लगा।
Gautam Buddha Motivational Story In Hindi से सीख
इस Gautam Buddha Motivational Story In Hindi से हमे यह सीखने को मिलता है की हमें अपने अतीत को भूलकर आने वाले भविष्य के लिए जीवन जीना चाहिए। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए वर्तमान समय में अच्छे कार्य करने चाहिए यदि हम अतीत को भूलने का प्रयास नहीं करेंगे तो वह हमारे जीवन को बर्बाद कर देगा।
जिस प्रकार गिलास को लंबे समय तक पकड़ने से शारीरिक कष्ट होता है उसी प्रकार अतीत को लंबे समय तक पड़े रहने से वह हमारे जीवन को पीड़ा दायक कर बना देता है। जिससे हम कभी भी जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते हैं इसलिए सदा बेहतर भविष्य के लिए कार्य करें एवं अतीत को भूलने का प्रयास करें तभी जीवन में सफलता पाई जा सकती है।
दोस्तों हमने आपको इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से बताया है Gautam Buddha Motivational Story In Hindi के विषय में। हम आपसे आशा करते हैं कि आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई कहानी पसंद आई होगी। यदि आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई Gautam Buddha Motivational Story In Hindi पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरुर बताएं। |
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Gautam Buddha Motivational Story In Hindi FAQ
Q.बुद्ध ने कौन सी 3 बातें कही हैं?
- दूसरों का बुरा न करें।
- अपनी प्राण-रक्षा के लिए जान-बूझकर किसी प्राणी का वध न करें।
- जहां मन हिंसा से मुड़ता है, वहां दुःख अवश्य ही शांत हो जाता है।
Q.क्या भगवान बुद्ध हिन्दू थे?
भगवान बुद्ध हिंदू नही थे (इस आलेख के मुताबिक)
Q.भगवान बुद्ध किसका ध्यान करते थे?
भगवान बुद्ध इश्वर का ध्यान करते थे वह एक इश्वर में भरोसा रखते थे। इसलिए वह इश्वर का नाम नही लेते थे उन्होने अपने जीवन को त्याग दिया ताकी वह जीवन के सच को समझ सकें बाद में उन्हे अहसास हुआ की इश्वर एक ही है इसलिए उन्होने उसी इश्वर पे ध्यान लगाना शुरु किया था।
Q.बौद्ध धर्म के पांच उपदेश क्या है?
जीवित प्राणियों की हत्या न करना
चोरी न करना
यौन दुर्व्यवहार
झूठ नही बोलना
नशा नही करना