यहां आपको Motivational Story In Hindi का संग्रह मिलेगा जो मुख्य रूप से छात्रों और सफलता की तलाश में लगे व्यक्तियों के लिए खोजी गई हैं जो आपको जिंदगी में आगे बढ़ने और मुश्किल वक्त में भी हिम्मत बनाए रखने के लिए प्रेरित करेंगी। ये Motivational Story In Hindi छात्रों को सफलता के रास्ते पर ले जाने में मदद करेंगी और जीवन में कामयाब होने के लिऐ उनकी सहायता करेंगी।
गुरू और शिष्य की बातें Motivational Story In Hindi
यह एक सच्ची Motivational Story In Hindi है एक सामान्य बच्चा स्कूल की वार्षिक परीक्षा में फेल हो गया उसके साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था इसलिए वह बहुत निराश हुआ उसके फेल हो जाने के कारण उसकी कक्षा के विद्यार्थियों ने उसका बहुत मजाक बनाया।
इससे उसे बहुत दुख हुआ निराश मन लिया जब वह अपने घर पहुंचा तो उसकी मां ने पूछा कि क्या हुआ ? बेटे ने बताया कि मैं स्कूल की परीक्षा में फेल हो गया हूं मां को बेटे की मानसिक स्थिति देख बहुत बुरा लगा।
क्योंकि बेटे की आंख में आंसू झलक रहे थे अपने बेटे को दुःख से गुजरता देख माता पिता ने उसे समझाया कि जीवन की छोटी सी असफलता से हमें निराश नही होना चाहिए।
परंतु बेटे को यह बातें फिजूल लग रही थी वह काफी ज्यादा अपमानित महसूस कर रहा था इसलिए उसे रात को नींद नहीं आ रही थी। उसने आत्महत्या करने का मन बना लिया और वह जंगल की ओर चला गया।
इस कहानी से बदल जायेगा किसी भी विद्यार्थी का जीवन Student Motivation Story In Hindi
जब वह जंगल से गुजर रहा था तभी उसे एक मठ दिखाई दिया जिसमें से कुछ आवाज़ें आ रही थी वह दीवारों से अंदर झांकने लगा तब उसे एक शिष्य और गुरू बात करते दिखाई दिए शिष्य गुरु से पूछा रहा था।
कि पानी मैला क्यों नहीं होता है गुरु ने जवाब दिया कि क्योंकि वह निरंतर बहता रहता है फिर शिष्य ने पूछा कि पानी के रास्ते में कोई बाधा क्यों नहीं आती है तब गुरु ने कहा क्योंकि वह निरंतर गतिशील रहता है।
और आगे बढ़ने का प्रयास करता रहता है। शिष्य ने पूछा महात्मा पहाड़ की चोटी से निकली एक सामान्य बूंद एक समय पर समुद्र में जाकर मिल जाती है आखिरकार वह इतना लंबा सफर कैसे तय कर लेती है।
तब महात्मा ने जवाब दिया क्योंकि वह एक स्थान पर नहीं रुकती है यह सच है की बूंद के रास्ते में समस्याएं आती है परंतु वह हार नहीं मानती है और वह अनंत समुद्र तक जाने का अपना सफर जारी रखती है।
वह एक जगह रूकती नहीं है वरना उसका मूल्य खत्म हो जाएगा इसी प्रकार हमारा जीवन भी है यदि हम किसी नाकामयाबी के चलते अपने जीवन को रोक देते हैं तो इससे हमारा जीवन और भी ज्यादा बर्बाद हो जाता है।
यदि हमें अपने जीवन को बेहतर बनाना है और कामयाबी को प्राप्त करना है तो हमें लगातार जीवन में कार्यरत रहना चाहिए एवं सफलता के प्रति कार्य करते रहना चाहिए।
संघर्ष के बिना किसी को सफलता नहीं मिलती है यही सृष्टि का नियम है यह सभी बातें वह बच्चा सुन रहा था उसको समझ में आ गया कि यदि मुझे कामयाब होना है तो छोटी नाकामयाबी से घबराना छोड़ना होगा।
मुझे लगातार मेहनत करनी होगी वह सकारात्मकता को अपने जीवन का मुख्य गुण बन चुका था और वह दूसरे दिन स्कूल गया,
उसने बहुत मेहनत से पढ़ाई की और एक समय ऐसा आया जब वह “वियतनाम के राष्ट्रनायक हो ची मिन्ह के नाम से जाना गया” यह Motivational Story In Hindi अक्सर कामयाबी को प्राप्त करने के लिऐ सुनाई जाती है जोकि विश्वभर में प्रचलित है।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
हमें यह सीख मिलती है कि हमें असफलता से घबराना नहीं चाहिए कामयाबी को प्राप्त करने के लिए हमें संघर्ष करना पड़ता है कोई भी इस प्रक्रिया को किए बिना सफलता को प्राप्त नहीं कर सकता है यही सृष्टि का नियम है।
गुरू नानक देव का कटोरा Motivational Story In Hindi
एक समय की बात है गुरु नानक देव एक घने जंगल से अपने सभी शिष्यों के साथ गुजर रहे थे गुरु नानक के पास हमेशा उनका एक कटोरा था जिसमे वह भोजन किया करते थे एवं पानी भी पिया करते थे।
वह उन्हें बहुत ही ज्यादा प्रिय था वह उसे सदा अपनेपास रखते थे जंगल में चलते-चलते गुरु नानक को एक कीचड़ भरा बड़ा गद्दा दिखाई दिया जो की बहुत बड़ा था गुरु नानक ने बिना सोचे समझे।
अपने उस प्रिय कटोरे को कीचड़ वाले गड्ढे में फेंक दिया और शिष्यों से कहां की इस कटोरे को बाहर निकाल कर लाओ यह सब देख सभी शिष्य अचंभित हुए कि जब कटोरे को बाहर ही निकलवाना है।
गौतम बुद्ध से सीखो अहंकार खत्म करने का पाठ क्या है।
तो गुरु जी ने ऐसा क्यों किया सभी शिष्यों को डर था कि कीचड़ में कहीं फस न जाए एवं कहीं गड्ढा ज्यादा बडा न हो सभी शिष्यों ने किसी न किसी प्रकार से बहाना बनाकर गुरु नानक को गड्डे में जाने से मना कर दिया।
और वह कटोरा निकालने नहीं गए परंतु तभी एक शिष्य सामने आया और वह बिना सोचे समझे गड्डे में कूद गया और उस कटोरे को बाहर निकाल लाया उसने पास के झरने से खुद को भी साफ किया।
एवं कटोरा धोकर गुरु नानक देव को दे दिया यह देख गुरु नानक उस शिष्य से बहुत खुश हुए जिसका नाम “लहना” था जोकि आगे जाके “गुरु अंगद” के नाम से जाने गय जिन्हें एक महान गुरू बताया गया है।
गुरु नानक इस प्रक्रिया से एक बेहतर शिष्य का चयन करना चाहते थे जिसमें उनके शिष्य लहना सफल हुए और गुरु नानक की कृपा दृष्टि उनपर पड़ी जिस कारण वह महान गुरु अंगद के नाम से प्रचलित हुए।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
हमें अपने गुरुओं का सम्मान करना चाहिए गुरु एवं शिष्य के बीच प्रेम एवं भरोसे की डोर होती है हमें इसे कमजोर नहीं करना चाहिए हमें गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
मंत्री का बेटा Motivational Story In Hindi
एक नगर में प्रताप सिंह नाम का राजा राज किया करता था उसके राज्य का मंत्री जिसका नाम किशन था वह सबसे ज्यादा समझदार था उसके पास राजा के प्रत्येक सवाल का जवाब होता था।
एक बार राजा ने भरे दरबार में किशन से कहा कि तुम बहुत ही ज्यादा बुद्धिमान हो परंतु तुम्हारा बेटा ना समझ है और बुद्धिमान नहीं है मंत्री ने कारण पूछा तो राजा ने बताया है कि मैं रोजाना उससे पूछता हूं।
कि सोना ज्यादा महंगा है या चांदी वह रोजाना चांदी ही बताता है इससे किशन को बहुत ज्यादा गुस्सा आया क्योंकि यह सुनने के बाद दरबार में सभी लोग किशन के बेटे पर हंसने लगे थे।
वह उसी वक्त अपने घर की ओर रवाना हुआ और घर पहुंच कर वह अपने बेटे को ढूंढने लगा तभी उसे दूर से आता उसका बेटा दिखाई दिया उसका बेटा काफी ज्यादा भोला था इसलिए किशन का सारा गुस्सा खत्म हो गया।
दुनियां के 11 सबसे कामयाब व्यक्तियों की कहानी।
वह अपने बेटे के पास गया और उसे कहा कि बेटा मुझे बताओ की सोना ज्यादा महंगा होता है या फिर चांदी बेटे ने जवाब दिया पिताजी निसंदेह सोना ज्यादा महंगा होता है मंत्री बोला जब तुम्हें पता है।
कि सोना ज्यादा महंगा होता है तो तुम राजा को रोज क्यों कहते हो की चांदी ज्यादा महंगा है बेटा हंसने लगा और अपने पिता का हाथ पकड़ कर कमरे में लेकर गया और एक पेटी को खोला।
जिसमें कई सारे चांदी के सिक्के थे यह देख मंत्री हैरान हो गया तब बेटे ने बताया की राजा रोजाना प्रजा से मिलने के लिए आते हैं मैं भी वहीं उपस्थित होता हूं राजा रोजाना अपने हाथ पर दो सिक्के रखते हैं।
जिसमें से एक सोने का एवं एक चांदी का होता है राजा मुझसे पूछते हैं कि इन दोनों में से जो तुम्हें ज्यादा महंगा लगता है तुम उसे उठा लो मैं रोजाना चांदी को ही उठाता हूं और राजा मुझे मूर्ख समझ कर हंस कर वहां से चले जाते हैं।
इस प्रकार मैंने चांदी के सिक्कों से इस बेटी को भर लिया है जिस दिन मैंने सोने के सिक्के को उठा लिया राजा उसी दिन मुझसे पूछना बंद कर देंगे कि कौन सा सिक्का ज्यादा महंगा है।
जिससे मेरा घाटा होगा और मुझे रोजाना एक चांदी का सिक्का मिलना बंद हो जाएगा अपने बेटे की समझदारी देख मंत्री बहुत खुश हुआ और वह उसी वक्त राज दरबार पहुंचा।
और उसने अपने बेटे की बुद्धिमानी राजा को बताई जिससे राजा मंत्री के बेटे से बहुत ज्यादा प्रसन्न हुआ और उसने मंत्री के बेटे को 1000 स्वर्ण मुद्राएं उसकी बुद्धिमानी के लिए भेंट करी,
और कहा की मंत्री जी के बाद उनका बेटा ही राज्य का अगला मंत्री बनेगा क्योंकि बचपन में ही उसने अपनी बुद्धिमानी को साबित कर दिया है।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
हमें अपनी बुद्धिमानी का प्रचार नहीं करना चाहिए ऐसा करने वाले मूर्ख व्यक्ति होते हैं एक समय ऐसा आएगा जब सभी को पता चल जाएगा कि आप कितने काबिल हैं। कामयाबी अपने आप शोर मचा देगी इसलिए आप सिर्फ कामयाबी को प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहें जब आप कामयाब हो जाएंगे तब खुद सबको पता चल जाएगा की आपकी अहमियत क्या है।
शेरों का शिकारी Motivational Story In Hindi
एक साधु जोकि बड़ा ज्ञानी था एक सुनसान जंगल से गुजर रहा था तभी उसे दूर से अपनी तरफ आता एक शेर दिखाई दिया वह समझ गया कि यह उसके जीवन का आखिरी समय है क्योंकि वह शेर उसे खा जाएगा।
शेर ने एक लंबी छलांग मारी और साधु के पास आ गया साधु समझ चुका था कि अब उसकी मृत्यु पक्की है क्यों ना बचने का प्रयास किया जाए इसलिए वह जोरों से ताली बजाते हुए हंसने लगा।
शेर ने साधु से कहा कि हे मूर्ख व्यक्ति तू क्यों हंस रहा है जबकि तेरी मौत तेरे सामने खड़ी है तब साधु ने कहा कि मैं शेर का शिकार करता हूं और मैं रोजाना उसका ही मांस खाता हूं आज मुझे कोई शेर नहीं मिल रहा था परंतु तुम आ गए हो।
दुनिया का सबसे बडा ज्ञान देती है ये अनोखी कहानी।
अब मैं तुम्हारा शिकार करूंगा मेरी झोली में भी एक शेर और है शेर को विश्वास नहीं हुआ तब साधु ने उससे कहा कि तुम मेरी झोली में देखो जब शेर ने झोली में झाककर देखा तो उसे अपनी ही झलक दिखाई दी उसे लगा कि शेर है।
उसने साधु की बात पर यकीन कर लिया कि साधु सचमुच शेर का शिकार करता है शेर को डर लगने लगा इसलिए वहां से भाग गया और वहां से जाने के बाद उसने जंगल के राजा शेर को यह बात बताई।
राजा शेर ने सभी शेरों के झुंड को इकट्ठा किया और उस साधु की तलाश करनी शुरू कर दी जो की शेरों का शिकार किया करता था तब तक साधु के पास एक लकड़हारा भी आ चुका था।
जिसे साधु अपनी समझदारी का किस्सा सुना रहा था तभी शेरों के झुंड ने साधु और लकड़हारे को ढूंढ लिया लकड़हारे को पेड़ पर चढ़ना आता था इसलिए वह जल्दी से पेड़ पर चढ़ गया।
परंतु साधु को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था इसलिए वह पेड़ के नीचे छिप गया लकड़हारे ने जल्दी से पेड़ पर चढ़ने के कारण अपनी कुल्हाड़ी नीचे ही छोड़ दी थी।
जिसे साधु ने अपने हाथ में पकड़ लिया था तभी वह शेर जो कि साधु से डर कर भाग गया था उसने राजा शेर से कहा कि देखो महाराज पहले यह अकेले था अब इसका साथी भी आ गया है हमें यहां से भाग जाना चाहिए।
परंतु राजा शेर ने कहा कि मैं किसी से नहीं डरता हूं तुम सभी इस पेड़ को घेर लो ताकी यह भाग न सकें शेरों को अपनी तरफ़ आता देख लकड़हारे को घबराहट हुई और उसके हाथ फिसल गए।
जिससे वह नीचे गिर गया जब वह नीचे गिरा तो आवाज़ आई ” धड़ाम” साधु ने बिना कुछ सोचे समझे चिल्लाना शुरु कर दिया कि जल्दी से उठो शेर को पकड़ो।
साधु ने कुल्हाड़ी उठाई और शेरों की तरफ भागा यह देख सभी शेर डर गए और उन्हें विश्वास हो गया कि वह साधु सच में शिकारी है और वह शेरों का शिकार करता है।
यह देख सभी शेर वहां से दुम दबाकर भाग गए यह सब देख लकड़हारे ने साधु से कहा कि मैंने सुना था की अकल बड़ी होती है परंतु आज देख भी लिया।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि बुद्धिमानी और धीरज से काम लेने पर किसी भी बड़ी से बडी मुश्किल का समाधान किया जा सकता है। सफ़लता पाने का सूत्र है की एक और आखरी प्रयास किया जाय।
गौरैया चिड़िया की सलाह Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hindi एक गौरैया चिड़िया पेड़ पर घोंसला बनाकर रहती थी एक बार उसी पेड़ के नीचे तीन बंदर इकट्ठे हुए जिन्हे ठंड लग रही थी वह आग जलाना चाहते थे उन्होंने लकड़ियों को इकट्ठा करके एक झुंड बनाया।
और उसमें आग जलाने के लिए चिंगारी ढूंढने लगे परंतु उन्हे पता नहीं था की चिंगारी को किस प्रकार उत्पन्न किया जाता है तभी उन्हें एक उड़ता हुआ जुगनू दिखाई दिया उन्हें लगा की चिंगारी है।
इसलिए एक बंदर ने छलांग मार कर उस जुगनू को अपनी मुट्ठी में कैद कर लिया बंदरों ने उस जुगनू को लकड़ियों के बीच में रखा और उम्मीद करने लगे कि इससे आग जलने लगेगी।
यह सब देख पेड़ पर बैठी गौरैया से चुप ना रहा गया और उसने कहा बंदर भैया यह कोई चिंगारी नहीं है चिंगारी को उत्पन्न करने के लिए आपको दो पत्थरों को रगड़ना चाहिए ताकि चिंगारी उत्पन्न हो सके और आप आग जला सके।
परंतु बंदरों ने कहा कि मूर्ख चिड़िया हमें मत समझा हम अपना काम करना जानते हैं चिड़िया चुप हो गई बंदर जुगनू की सहायता से आग जलाना चाहते थे इसके लिए वह प्रयास कर रहे थे।
वह उस पर फूंक मारते परंतु आग जलाना नामुमकिन था फिर चिड़िया ने कहा कि आपको आग जलाने के लिए दो लकड़ियों को आपस में लगड़ना चाहिए जिससे चिंगारी उत्पन्न होगी और आप आग जला सकेंगे।
परंतु इससे बंदरों को और भी ज्यादा गुस्सा आया क्योंकि वह आग नहीं जला पा रहे थे वह गौरैया की सलाह मानने को तैयार नहीं थे उन्हें लगता था कि गौरैया गलत बता रही है बंदरों ने बहुत प्रयास किया।
परंतु उनसे आग नहीं जली वह निराश होकर बैठे गय तभी गौरैया बोल पड़ी कि मैं तो आपसे पहले ही कहा था कि आग जलाने के लिए आपको पत्थर या फिर लकड़ियों को आपस में घिसना पड़ेगा।
तभी आग जल सकती है यह सुन एक बंदर को बहुत ज्यादा गुस्सा आया और उसने पेड़ पर छलांग मारी गौरैया को पकड़ा और जमीन पर जोर से पकड़ कर मारा जिससे गौरैया उसी स्थान पर मृत्यु को प्यारी हो गई।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अहंकारी एवं दुष्ट व्यक्ति को समझाने का प्रयास नही करना चाहिए अहंकारी व्यक्ती किसी बात को समझने की सक्ति खो चुका होता है ऐसे व्यक्ती को समझाने से हमे खुद भी नुक्सान हो सकता है मूर्ख को समझाना किसी मूर्खता से कम नही है।
जीवन का असली सुख Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hindi एक बार एक गुरु और शिष्य दूर गांव में प्रवचन देने के लिए जा रहे थे तभी बीच रास्ते में उन्हें एक जोड़ी जूते दिखाई दिए जब शिष्य ने आसपास देखा था उसे पता चला कि वह जूते दूर खेतों में काम कर रहे किसान के हैं।
तभी उसे शरारत करने का विचार आया और उसने अपने गुरू को विचार बताया जिसे सुन गुरू को अच्छा नही लगा गुरु ने कहा तुम उसे किसान को उसके जूते छुपा कर परेशान करोगे तो यह एक बडा पाप होगा।
क्योंकि तुम उसे परेशान कर रहे हो और इसे तुम मन का सुख समझते हो तुम्हें मन का सुख चाहिए तो जैसा मैं कहता हूं तुम वैसा करो इससे तुम्हे बहुत सुख मिलेगा, तभी गुरु ने शिष्य को 2 स्वर्ण मुद्राएं दी।
गौतम बुद्ध और अतीत में डूबे इंसान की अनोखी कहानी|Gautam Buddha Motivational Story In Hindi
और कहा कि दोनों जूते में एक-एक डालकर आ जाओ शिष्य ने ऐसा ही किया और वह दूर झाड़ियां में छुप गए तभी किसान अपने जूते पहनने के लिए आया उसने जूते में पैर डाला तब उसके पैर में कुछ चुभा।
उसने जब जूते को पलट कर देखा तो उसमें एक स्वर्ण मुद्रा मिली जिसे पाते ही किसान की आंखों से आंसू आने लगे और वह आसमान की तरफ़ हाथ करते हुए रोने लगा वह बोलने लगा की है ईश्वर मैं तेरा धन्यवाद करता हूं।
यदि आज मुझ पर तू कृपा ना करता तो मेरे बच्चे भूखे ही सोते और मैं अपनी बीमार बीवी के लिए दवा नहीं ला पता वह यह बोलकर रोने लगा जब उसने दूसरे जूते में भी पैर डाला तब उसे एक और स्वर्ण मुद्रा मिली।
जिससे वह और भी ज्यादा खुश हुआ और ईश्वर को धन्यवाद करने के लिए जमीन पर सजदा करने लगा यह सब देख गुरू और शिष्य को बहुत आनंद मिला,
क्योंकि उनकी वजह से एक गरीब व्यक्ति के घर में भोजन बनेगा और वह अपनी बीवी के लिए दवाई भी ला सकेगा।
शिष्य और गुरु पीछे से ही अपने रास्ते की ओर चले गय तब गुरु ने शिष्य को बताया कि असली सुख दूसरों की सहायता करने में है ना कि दूसरों को परेशान करने में।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
किसी की मदद करना जीवन का सबसे अनोखा सुख है हमे ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहायता करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति पहले से ही जीवन में दुखी है आपकी एक मदद किसी के जीवन में खुशियां ला सकती हैं और आपकी छबि को बेहतर कर सकती है।
बच्ची की वफादारी Motivational Story In Hindi
एक बार एक गांव में अकाल पड़ा सभी गांव वाले भूख से व्याकुल रहने लगे क्योंकि उनके पास अनाज नहीं था उसी गांव में एक धनी व्यक्ति रहा करता था जिसने शादी नहीं की थी जिस कारण उसकी कोई औलाद भी नहीं थी।
वह काफी धनी था इसलिए उसने गांव के सभी बच्चों को रोजाना एक रोटी देने का ऐलान किया अगले दिन उसके घर के सामने बच्चों की भीड़ लग गई तभी सभी रोटियां लाई गई और बच्चों में बाटनी शुरू करी गई।
रोटियां का आकार छोटा एवं बड़ा था सभी बच्चे आपस में लड़ने लगे कि उन्हें बड़ी रोटी चाहिए सभी बड़ी रोटी के लिए परिश्रम कर रहे थे परंतु आखिर में एक बच्ची को सबसे छोटी रोटी मिली।
वह चुपचाप उस रोटी को लेकर घर चली गई एवं दूसरे दिन भी उसे छोटी रोटी मिली वह दूसरे दिन भी उसे घर लेकर चली गई जब तीसरे दिन वह रोटी को लेकर घर पहुंची और उसने अपनी मां के साथ उसे रोटी को तोड़ा।
तो उस रोटी में एक सोने की चैन निकली तब लड़की की मां ने बताया कि यह है उस धनी व्यक्ति की होगी तुम उसे यह लौटा आओ लड़की बहुत मासूम थी वह चैन को लेकर धनी व्यक्ति के पास पहुंची।
तब धनी व्यक्ति ने पूछा कि तुम क्यों आई हो। बच्ची ने बताया कि यह आपकी चैन है शायद आटे में गलती से गिर गई होगी मां ने कहा मै आपको यह वापस लौटा दूं,
बच्ची की वफादारी और मां की ईमानदारी से धनी व्यक्ति बहुत खुश हुआ घनी व्यक्ति ने उस महिला को अपनी बहन मान लिया और हर महिने उसके घर राशन पहुंचाने का निर्णय लिया।
वह बच्ची सदा इमादार रही जिससे खुश होकर धनी व्यक्ति ने बुढ़ापे में उस बच्ची जोकि अब बडी हो चुकी थी उसे अपना उत्तराधिकारी बनाया और इस प्रकार उसकी ईमानदारी ने उसे किस्मत पे राज करना सिखा दिया।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि इमादारी वह गुण है जो कि आपको किस्मत का सिकंदर बना सकती है ईमानदारी इश्वर के द्वारा बनाई गई वह शर्त है जिसके बिना कामयाबी को प्राप्त नहीं किया जा सकता है कोई भी कार्य हो ईमानदार रहना अति आवश्यक है।
पागल से बडा पागल कौन Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hindi एक सूर्यकांत नाम का राजा एक नगर में राज किया करता था वह बहुत लालची था जिस कारण वह अक्सर पड़ोसी राज्यों पर आक्रमण करके उनके सभी संसाधन लूट लिया करता था।
एवं उनका लूटा हुआ खजाना अपने शाही खजाने में इकट्ठा करता रहता था वह एक बार अपने नगर में घुसने ही वाला था तभी उसने देखा कि शमशान के बाहर एक व्यक्ति सदा बैठा रहता है।
राजा उस व्यक्ती से बोला कि तुम्हे नगर के अंदर रहना चाहिए परंतु तुम नगर के बाहर शमशान के बाहर बैठे रहते हो इसका क्या कारण है व्यक्ती बोला राजन एक न एक दिन सभी को इसी श्मशान में आना है।
इसलिए मैं यहीं पर उनका इंतजार करता हूं राजा को बहुत हंसी आई की यह व्यक्ति तो मूर्ख है राजा ने एक सोने की छड़ी उस व्यक्ति को दी और कहा कि यदि तुम्हें कोई तुमसे बड़ा पागल मिले तो तुम यह छड़ी उसे दे देना।
पागल व्यक्ति मन ही मन मुस्कुराया और उसने कहा ठीक है राजन कुछ समय बिता और राजा की तबीयत बहुत ज्यादा खराब होने लगी बचने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।
तभी पूरी प्रजा अपने राजा को आखिरी बार प्रणाम करने के लिए गई प्रजा के साथ वह पागल व्यक्ति भी गया पागल व्यक्ति ने राजन को प्रणाम किया और कहा राजन मैं वही पागल व्यक्ति हूं जो शमशान के पास बैठता है।
जिंदगी बदल देंगी यह अद्भुत मोटीवेशन हिन्दी स्टोरीज|Motivational Story In Hindi
राजन ने कहा मुझे याद है तब पागल व्यक्ति ने कहा कि राजन आप कुछ दिनों में उसी स शमशान में जाएंगे क्योंकि आप मृत्यु को प्यारे हो जाएंगे तो क्या आपने अपने सोने के वस्त्र एवं अच्छे पकवान उस शमशान पहुंचा दिए हैं।
यह सुन राजन ने कहा मूर्ख व्यक्ति तुम आज भी मूर्ख ही हो क्योंकि कोई भी व्यक्ति कुछ भी नहीं ले जा सकता है सभी को खाली हाथ ही जाना होता है तब उस पागल व्यक्ति ने,
वह सोने की छड़ी राजन के हाथ में रख दी। और कहा राजन आपने कहा था कि मैं यह छड़ी उस व्यक्ति को दूं मुझसे ज्यादा पागल हो आप मुझसे ज्यादा पागल है।
क्योंकि आपको पता था कि आपको खाली हाथ मृत्यु को गले लगाना है फिर भी आप जिंदगी भर पड़ोसी राज्य एवं मासूम लोगों को सताते रहे जब आपको यहां से कुछ भी नहीं ले जाना है।
आपको खाली हाथ जाना है तो आप क्यों जिंदगी भर दूसरों को कष्ट देते रहे एवं खुद को भी कष्ट देते रहे यह बातें सुनकर राजन को अपनी जिन्दगी की सारी गलतियां याद आने लगीं।
और राजन की आंखों में आंसू आ गए दुख इस प्रकार बढ़ा की राजा ने उसी वक्त अपनी सांसे तोड़ दी और वह मृत्यु को प्यारे हो गय।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में लालच, अत्याचार और अनावश्यक संग्रह का कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि मृत्यु के बाद कोई भी चीज़ साथ नहीं जाती।
चाणक्य का ज्ञान Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hindi: मगध के महामंत्री चाणक्य एक बार महल में बुलाया गया जब वह अपने शिष्यों के साथ महल की तरफ जा रहे थे तभी रास्ते में एक काटे के पौधे से उनका पैर जख्मी हो गया।
जिसके दर्द के कारण चाणक्य के मूंह से पीड़ा भरी आवाज निकली जिससे सभी शिष्य हैरान हो गए। क्योंकि चाणक्य कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे चाणक्य ने खुद को संभाला।
और उस पौधे को जड़ से पकड़ कर उखाड़ दिया और अपने एक शिष्य से कहा कि फावड़ा लेकर आओ चाणक्य ने एक बड़ा गड्ढा खोदा और उस पौधे को उखाड़ कर उस गड्ढे में गाड़ दिया।
यह देख सभी शिष्य हैरान हो रहे गय क्योंकि एक सामान्य से पौधे से छुटकारा पाने के लिए इतना सब करने ही क्या जरूरत थी उसको उखाड़कर दूर भी फेका जा सकता था।
उसको दफनाने की क्या जरूरत थी। तभी चाणक्य वहां से जाने लगी और उन्होंने कुछ सोचा तभी वह रुक गए उन्होंने अपने शिष्य से कहा कि वह छाछ लेकर आए शिष्य छाछ लेकर आया।
चाणक्य ने जिस स्थान पर उस पौधे को गाड़ा था वहीं पर छाछ का छिड़काव किया ताकि वह कभी भी उग ना सके यह सब देख एक शिष्य से रहा नही गया और वह चाणक्य से बोला कि गुरुजी,
आपको इतना कष्ट लेने की आवश्यकता नहीं थी आप हमें बता देते हम इस पौधे को उखाड़ कर बहुत दूर फेंक देते तब चाणक्य ने कहा कि मुझे पता है कि तुम यह कार्य करने में सक्षम हो।
परंतु मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि इस पौधे से आने वाले समय में किसी को भी पीड़ा ना सहनी पड़े। जिस प्रकार मुझे सहनी पड़ी यह पौधा हमारे जीवन की नकारात्मकता की तरह है।
यदि इसे जड़ से ना खत्म किया जाए तो यह आने वाले समय में किसी न किसी को जरूर कष्ट पहुंचाएगा हमारे जीवन में भी नकारात्मकता होती है यदि इसे जड़ से खत्म न किया जाए।
तो यह हमारे लिए भी दुखदायक है एवं दूसरों को भी कष्ट पहुंचा सकती है इसलिए इसको जड़ से खत्म कर देना ही एक बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान है शिष्यों को समझ में आया।
कि असली मकसद पौधे को दबाना नहीं बल्कि शिष्यों को शिक्षित करना था और उन्हें जीवन की अनोखी सीख देना था इसलिए चाणक्य ने ऐसा किया।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने जीवन से नकारात्मकता को जड़ से ख़त्म कर देना चाहिए नकारात्मकता हमारे जीवन को बर्बाद करती है एवं यह हमें कष्ट पहुंचती है, जब हम इसे खत्म करने का प्रयास करते हैं तो हमें इसे जड़ से खत्म कर देना चाहिए ताकि भविष्य में भी हमें इससे किसी प्रकार का नुकसान ना हो।
हार असली या नकली Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hindi एक लड़का अपने पिता के साथ रहा करता था उसके पिता बीमारी के कारण बहुत ज्यादा बीमार रहने लगे एवं एक समय ऐसा आया जब उनकी मृत्यु हो गई परिवार को संभालने वाला कोई भी नहीं बचा था पूरे परिवार की जिम्मेदारी उस पर ही थी।
घर का गुजारा करना भी मुश्किल हो रहा था लड़के की मां के पास एक हार था जिसे देकर उन्होंने लड़के से कहा कि इसे अपने चाचा के पास लेकर जाओ और इसे बेचकर कुछ पैसे ले आओ।
जिससे घर का गुजारा हो सके वह उस हार को लेकर अपने चाचा के पास लेकर गया जो की जोहरी थे उन्होंने हार को देखा और कहा कि तुम्हें हार बेचने की जरूरत नहीं है तुम मेरे यहां नौकरी कर लो और कुछ पैसे मुझे एडवांस में ले लो।
लड़के को यह सुझाव अच्छा लगा उसने वह हार ले जाकर अपनी मां को दे दिया और अपने चाचा की दुकान पर नौकरी करने लगा वह समय के साथ-साथ जोहरी का काम अच्छी तरीके से सीख गया और असली नकली की पहचान करने लगा।
उसकी कला इस प्रकार प्रदर्शन करने लगी कि वह दूर-दूर के गांव में मशहूर हो गया लोग अक्सर अपने सोने की पहचान कराने के लिए उसके पास आया करते थे।
जब लड़के के चाचा को लगा कि लड़का एक अच्छा कारीगर बन गया है और अब असली नकली की पहचान कर सकता है तब उसके चाचा ने उसे कहा कि वह हार लेकर आओ जो तुम मुझे बेचना चाहते थे।
दूसरों पर हसने बालों को ये कहानी सुना दें Short Motivational Story in hindi
जब लड़का घर पर अपनी मां से वह हार लेने पहुंचा तो उसने देखा कि वह हार नकली है यह देख वह बहुत ज्यादा अचंभित हुआ वह अपने चाचा के पास गया चाचा लड़के को देखकर मुस्कुराए।
और कहा कि बेटा यदि मैं उस समय तुमसे कहता कि यह हार नकली है तो तुम समझते की मेरे चाचा ने भी बुरे वक्त में मेरा साथ छोड़ दिया परंतु मैने तुम्हें यह काम सिखाया ताकि तुम समझ सको की सही एवं गलत क्या है।
मैंने तुम्हें नौकरी पर रखा ताकि तुम जीवन भर इस हुनर के जरिए पैसा कमा सको और अपने जीवन को बेहतर कर सको अपने,
अपने चाचा के विचार और समझदारी पर लडके को हैरानी हुई और मन से आवाज़ आई की इश्वर किसी को लाचार नही रहने देता।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि मुश्किलों का सामना धैर्य और समझदारी से करना चाहिए सही मार्गदर्शन और हुनर से हम अपनी समस्याओं को सुलझा सकते हैं और जीवन संवार सकते हैं।
ईश्वर से भेंट Motivational Story In Hindi
Motivational Story In Hindi एक व्यक्ति जो की बहुत ही ज्यादा आलसी था वह पूजा पाठ किया करता था ताकि भगवान उसे कोई खजाना दे दें वह कोई भी कार्य नहीं करता था वह बस इतना ही कमाता था।
ताकि भोजन कर सके और सदा ईश्वर से प्रार्थना करता था कि उसे किसी खजाने की प्राप्ति हो जाए वह एक बार जंगल टहलने के लिए गया तभी उसे एक लोमड़ी नजर आई उसने देखा लोमड़ी कहीं जा रही थी।
जिसका पीछा करते-करते वह व्यक्ति शेर की गुफा के पास पहुंच गया शेर की दहाड़ सुनकर वह व्यक्ति पेड़ के पीछे छुप गया तभी उसने देखा कि वह शेर गुफा से निकला,
और अपने मुंह में लोमड़ी के लिए भोजन दबाकर लाया और लोमड़ी को दे दियाजिसे लोमड़ी बैठकर खाने लगी और शेर फिर से गुफा में चला गया यह सब देख व्यक्ति सोचने लगा कि शेर जंगल का राजा होता है।
इसलिए उसने लोमड़ी को पालने का जिम्मा उठा रखा है मैं भी इश्वर की भक्ति करता हूं अर्थात ईश्वर का कार्य है कि वह मुझे पाले इसलिए वह घर पर गया और ईश्वर से प्रार्थना करने लगा।
सफ़लता कदम चूमेगी पढ़े यह Jabardast Motivational Kahani For Success
कि अब आपको मुझे पालना ही होगा एवं आपको मुझे भोजन देना होगा इश्वर से लगातार प्रार्थना करते-करते उस व्यक्ति को 5 दिन हो गए परंतु उसे भोजन की प्राप्ति नहीं हुई अर्थात वह कमजोर हो गया।
क्योंकि उसने 5 दिन से भोजन नहीं किया था वह अपनी खाट से उठ भी नहीं पा रहा था तभी उसे अपने घर के बाहर संतों की आवाज आई जिसे सुनकर वह बड़ी मुश्किल से,
खाट से उठा और दरवाजा तक गया कमजोरी के कारण वह दरवाजे पर ही गिर गया किसी को दरवाजे पर गिरा देख संतों का ध्यान उस व्यक्ति की तरफ गया और वह उसके पास आए।
और संतों ने व्यक्ति की कमजोरी का कारण पूछा तो उसने आप बीती सुनाई जिसे सुन संत मुस्कुराए और उन्होंने उसे समझाया कि तुम सदा ईश्वर से धन मांगते हो ईश्वर तुम्हें समझाना चाहता था।
कि तुम्हें दूसरों को भोजन देने के लायक बनना चाहिए ना कि भोजन मांगने के लायक जिस प्रकार वह शेर दूसरों को अपने हिस्से में से भोजन दे रहा था इसी प्रकार तुम्हें भी उस लायक बनना चाहिए
कि तुम दूसरे गरीबों यतिमों भोजन खिला सको तुम्हारे हाथ पैर ठीक है तो तुम कमाओ और दूसरों का भी भला करो यह सुन व्यक्ति को जीवन का असली मतलब समझ में आया।
कि हमें मेहनत करनी चाहिए ताकि हम दूसरों का भी भला कर सके ना कि हमें सदा ईश्वर से मांगते रहना चाहिए ईश्वर हमें रास्ता दिखाते हैं बाकी प्रतिक्रिया करना मनुष्य का कार्य है।
Motivational Story In Hindi का निष्कर्ष
इस Motivational Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि कड़ी मेहनत और परिश्रम से ही सफलता मिलती है हमें दूसरों की मदद करने लायक बनना चाहिए सिर्फ मांगते रहने से कुछ नहीं मिलता बल्कि ऐसा करना समय की बर्बादी है।
लता मंगेशकर Motivational story in Hindi for success
Motivational story in Hindi for success: लता मंगेशकर जो कि बॉलीवुड सिनेमा की वह आवाज रही हैं जिसके बिना बॉलीवुड गूंगा है क्योंकि वह भारतीय सिनेमा की बहुत बड़ी सिंगर रही हैं,
जब लता मंगेशकर किशोरावस्था में थी तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी उनके कोई भाई नहीं थे जिस कारण पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन पर ही आ गई थी।
क्योंकि वह बड़ी थी और उनसे छोटी एक बहन भी थी उन्होंने छोटी सी उम्र में ही अपने पिता की म्यूजिक क्लास को चलाना शुरु कर दिया था पिता का साया न होने के कारण समाज उन्हे ताने मारा करता था।
क्योंकि वह दौर ऐसा था जब लड़कियों को उन्नति करने के दौरान पाबंदियां लगा दी जाती थी एवं यदि कोई लड़की जीवन में सफल होने के लिए संघर्ष करें तो समाज को अच्छा नहीं लगता था।
उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया और अपने परिवार को पाला पर एक समय ऐसा आया जब उनके पिता के दोस्त ने उन्हें एक म्यूजिक डायरेक्टर से मिलवाया और उन्होंने अपनी जिंदगी का पहला गाना गाया
“माजी सन” मराठी फिल्म “किट्टी हार” के लिए जो कि लोगों को ज्यादा पसंद नही आया परंतु उनकी आवाज इतनी ज्यादा आकर्षक थी कि मुंबई के बड़े म्यूजिक डायरेक्टरों का ध्यान उनकी तरफ गया।
जिनके लिए लता मंगेशकर ने कई गाने गाए जिसके बाद लता मंगेशकर बॉलीवुड की वह आवाज बन चुकी थी जिसके बिना हर म्यूजिक डायरेक्टर खुद को अधूरा समझने लगा था।
उनकी सफलता का अंदाजा इस प्रकार लगाया जा सकता है कि 1947 को स्वतंत्रता दिवस के दौरान 15 अगस्त को लता मंगेशकर ने पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं अन्य नेताओं के सामने।
सारी जनता को पैगाम देने के लिए एक जीत गया था ए मेरे वतन के लोगों उसे वक्त उस गीत को सुन रहे लोग रोने लगे थे उस समय जनता सिर्फ लता मंगेशकर के ही गाने सुनना चाहती थी।
इस प्रकार वह जीवन भर मेहनत करती रही और वह समाज के लिए ऐसी प्रेरणा बनी जिससे कई स्त्रियों को सीख मिली कि जमाना कुछ भी कहे यदि आपका लक्ष्य निर्धारित है।
एवं आपको सफलता को प्राप्त करना है तो आपको निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। जो लोग उन्हें ताने मारा करते थे बाद में उन्हीं लोगों ने लता मंगेशकर के गाने सुने और न चाहते हुए भी,
उनकी तारीफ करनी पड़ी थी इसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति का जीवन है आज आपको रोकने वाले व्यक्ति जब आप सफल हो जाएंगे तो वह आप का हाल पूछेंगे।
और आपके ना चाहते हुए भी वह आपसे बोलना चाहेंगे इसे सफलता की ताकत कहते हैं इसलिए सदा सफलता को प्राप्त करने के लिए कार्यरत रहे।
लता मंगेशकर को भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म श्री, नेशनल फिल्म अवार्ड, फिल्मफेयर अवार्ड, दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, सरस्वती सम्मान से भी नवाजा जा चुका है,
लता मंगेशकर का निधन 6 फरवरी 2022 को हुआ था उनकी मृत्यु पेनक्रियाटिक कैंसर के कारण हुई थी उस वक्त उनकी उम्र 92 वर्ष थी।
जैक मा Motivational story in Hindi for success
Motivational story in Hindi for success जैक मा का जन्म चीन के सामान्य परिवार में हुआ था वह बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे नहीं थे इसलिए वह अक्सर वार्षिक परीक्षा में फेल हो जाया करते थे खराब रिजल्ट मिलने के कारण उन्हे एक सामान्य कॉलेज में एडमिशन मिला।
जहां उन्होंने पढ़ाई करी साथ ही वह इंग्लिश सीखने में भी रुचि रखते थे जो की एक अद्भुत बात थी क्योंकि उस वक्त इंग्लिश सीखने को चीन में महत्व नहीं दिया जाता था।
एवं रोजगार के लिए चीनी भाषा में अच्छी पकड़ होना ज्यादा जरूरी समझा जाता था जैक मा ने इंग्लिश सीखने के लिए टूरिस्ट गाइड बनने का फैसला लिया और वह टूरिस्ट गाइड बन गए।
उन्होंने यह काम 9 साल तक किया इसी दौरान उनकी एक अमेरिकी व्यक्ति से मुलाकात हुई जो कि उनका अच्छा दोस्त बन गया जोकि उन्हें अमेरिका है पत्र लिखा करता था।
बढ़ती उम्र के साथ जैक मा अमेरिका के अपने दोस्त से मिलने अमेरिका गए जहां उन्होंने पहली बार इंटरनेट को चलाया तब उन्होंने इंटरनेट पर चीन से संबंधित सामान्य बातें सर्च करी इसके बारे में गूगल के पास किसी प्रकार का कोई उत्तर नहीं था।
तब उन्हें समझ में आया कि उनके पास एक अच्छी अपॉर्चुनिटी है उन्हें अपने देश में एक ऐसी कंपनी बनाने का विचार आया जिसका वजूद अभी तक चीन में नहीं था इसलिए उन्होंने alibaba.com की नीव रखी।
और अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसे बनाया जो की बहुत सफल रही अलीबाबा से पहले चीन पर ebay का राज़ था परंतु अली बाबा तरक्की करने लगी तब ebay को चीन से जाना पड़ा।
क्योंकि चाइना विदेशी कंपनियों को समर्थन नहीं करता है जैक मा की कंपनी अलीबाबा इतनी ज्यादा सफल है कि Amazone एवं ebay जितना पैसा एक साथ कमाते हैं उतना अकेले alibaba.com ही कमाता है।
जैक मा एक सामान्य व्यक्ति थे मैं पढ़ने में भी अच्छे नहीं थे परंतु फिर भी उनके ख्वाब बड़े थे वह जानते थे कि यदि वह शिक्षित नहीं हुए एवं उन्होंने इंग्लिश जैसी प्रचलित भाषा को नहीं सीखा,
तो वह अपने ख्वाबों को कभी भी पूरा नहीं कर पाएंगे इसलिए उन्होंने बचपन से ही अपने ख्वाबों को बुनना शुरू कर दिया था और वह अपने ख्वाबों के लिए कार्य करते रहे।
और वर्तमान समय में वह चीन के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं इसलिए कहते हैं सपने बड़े देखो और फिर उन्हे पुरा करने का प्लान बनाओ और लग जाओ,
उसे पुरा करने के लिऐ आज जो आपसे नही बोलते कल मजबूर हो जायेंगे आपसे बोलने के लिए इसे कहते हैं कामयाबी का शोर।
ओपरा विनफ्रे Motivational story in Hindi for success
Motivational story in Hindi for success ओपरा विनफ्रे का जन्म एक बहुत ही ज्यादा गरीब परिवार में हुआ था बचपन से ही उन्हें उनकी नानी के द्वारा बहुत ज्यादा टॉर्चर किया जाता था और दो वक्त का खाना खाने के लिए भी उन्हें बहुत ज्यादा अपमान सहना पड़ता था।
ओपरा का परिवार इतना जाना गरीब था कि उन्हें खुद का बदन ढकने के लिए बोरे ( घास, अनाज भरने के कट्टे ) का सहारा लेना पड़ता था, ताकि वह अपने बदन को ढक सके।
9 साल की उम्र में उनके रिश्तेदारी के भाई ने उनका कई बार रेप किया जिससे वह परेशान होकर अपना घर छोड़कर भाग गई और 15 साल की उम्र में मां बन गई परंतु उस बच्चों को नहीं बचाया जा सका।
छोटी सी उम्र में यह सब सहना उनके लिए एक बहुत बड़ा दुख था इन सबसे निजात दिलाते हुए ओपरा के पिता ने उनका ध्यान शिक्षा की तरफ लगाया और वह शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने लगी।
परंतु उन्हें विद्यालय में भी उनके अतीत को लेकर माइंडली टॉर्चर किया जाता था वह लगातार शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करती रही उस वक्त अमेरिका में काले गोरे का भेद चरम पर था।
परंतु उन्होंने सभी को अनसुना करते हुए अपनी गरीबी और लाचारी से छुटकारा पाने की कसम खा ली थी उन्हें अमीर शक्श बनना था वह स्कूल के स्पीकिंग कंपटीशन में जाने लगी।
धीरे-धीरे उनकी कला सभी को दिखाने लगी इसके बाद उन्होंने पढ़ाई खत्म करने के बाद टेलीविजन में खुद के हुनर को आजमाने का सोचा और कई सो के लिए इंटरव्यू दिया।
ताकि वह एंकर बन सके बहुत समय के बाद उन्हें एक शो मिला जिसका नाम A.M Chicago था वह शो ओपरा विनफ्रे की मेहनत के कारण बहुत सफल रहा जिस वजह से उस शो का नाम बदलकर,
ओपरा विनफ्रे शो रख दिया गया जिसके बाद उन्हें सफलता मिलती गई उन्होंने कई इंटरव्यू किए जो सुपर हिट रहे वह ब्लैक महिला थी जिस कारण उन्हें कई लोगों ने कामयाब होने से रोकने का,
प्रयास किया परंतु उन्होंने कसम खाई थी कि वह सफल होकर रहेंगी इसलिए उन्हें कोई नहीं रोक पाया वर्तमान समय में अमेरिका में टेलीविजन की दुनिया में ओपरा विनफ्रे का नाम सबसे उपर है।
उन्होंने बराक ओबामा का इंटरव्यू लिया था तब से ओबामा ने ओपरा विनफ्रे को अपना खास मित्र बना लिया और अक्सर बराक ओबामा और ओपरा विनफ्रे मिलते हैं।
कहा जाता है कि वह व्यक्ती की भावनाओं से जुड़ जाती हैं क्योंकि बचपन से ही उन्होंने बहुत ज्यादा दुख देखे हैं इसलिए सभी सेलिब्रिटीज उन्हे ही इंटरव्यू देना पसंद करते है,
ओपरा विनफ्रे की कुल नेट वर्थ 300 करोड़ अमेरिकी डॉलर है वह कामयाब महिला हैं क्योंकि उन्होंने जीवन में हार न मानने की कसम खाई थी।
स्टीव जॉब्स Motivational story in Hindi for success
Motivational story in Hindi for success: स्टीव जॉब्स बचपन से ही अपनी कक्षा में समझदार बच्चों में से एक थे परंतु उनकी समस्या यह थी कि उन्हें पुस्तकों में नहीं बल्कि तकनीकी चीजों में रुचि थी जिस कारण उनका ध्यान अपनी कक्षा में नहीं रहता था।
बढ़ती उम्र के साथ उन्होंने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एप्पल नामक सॉफ्टवेयर बनाया जिसने जल्दी ही दुनिया में उन्हें और उनके दोस्तों को पहचान दिलाई।
यह स्टीव जॉब्स कि अब तक की सारी मेहनत का फल था उन्होंने इसे बनाने में बहुत मेहनत की थी और वह इसे अपना सब कुछ समझते थे परंतु एक समय ऐसा आया जब कंपनी में सत्ता संघर्ष के कारण।
स्टीव जॉब्स को उनकी कंपनी एप्पल से निकाल दिया गया जो कि उनकी जिंदगी का सबसे बुरा वक्त था क्योंकि उन्होंने अब तक की अपनी सारी मेहनत इस कंपनी को उठाने में लगा दी थी।
इसके अलावा उनके पास कुछ भी नहीं था वह पूरी तरीके से टूट चुके थे और उन्हें लग रहा था कि जीवन बर्बाद हो चुका है परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कसम खाई कि वह फिर से एक कंपनी बनाएंगे,
और खुद मालिक बनेंगे इसके बाद उन्होंने Next नाम की कंपनी की स्थापना करी और Pixar Animation जैसी अनोखी कंपनी में ज्यादा से ज्यादा निवेश किया।
जो की काफी ज्यादा सफल रही क्योंकि Pixar Animation ( Toy Story) जैसी बड़ी सीरीज को बनाने का कार्य करती थी, स्टीव जॉब्स का जीवन दोबारा से बेहतर हो चुका था क्योंकि उन्होंने हार नहीं मानी थी।
यदि वह हार मान लेते तो वह जीवन भर अपनी असफलता को रोते रहते बढते समय के साथ Apple Company घाटे में जाने लगी किसी के नियंत्रण में नहीं रहा कि वह कंपनी को संभाल सके।
तब मजबूरन में Apple के मालिक जो की स्टीव जॉब्स के दोस्त ही थे उन्हें स्टीव जॉब्स को दोबारा बुलाना पड़ा और इस प्रकार स्टीव जॉब्स दोबारा एप्पल के मालिक बने इसके बाद एप्पल आसमान की ऊंचाइयों को छूने लगी।
और वर्तमान समय में हम जानते हैं एप्पल दुनिया का वह ब्रांड है जिसे तकनीकी युग में यदि न गिना जाए तो वह व्यक्ति अज्ञानी माना जाएगा स्टीव जॉब्स कहा करते थे कि जीवन में सफल होने का मूल मंत्र है कि “एक बार और प्रयास किया जाए”।
स्टीव जॉब्स का निधन 5 अक्टूबर 2011 को हुआ था उनकी मृत्यु का कारण पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर था परंतु वह दुनिया के लिए एक ऐसी मुहरत बने।
जिनसे प्रेरित होकर कई एंटरप्रेन्योर अपने बिजनेस को खड़ा करते हैं और उन्हें सफल भी बनाते हैं। इश्वर उनकी ही मदद करता है जो खुद की मदद करना जानता है।
अब्राहम लिंकन Motivational story in Hindi for success
अब्राहम लिंकन जिनका जन्म एक सामान्य गरीब परिवार में हुआ था जब वह सिर्फ 9 साल के थे तभी उनकी मां की मृत्यु हो गई थी और वह छोटी सी उम्र में ही अनाथ हो गए थे।
अब्राहम के पिता ने एक विधवा औरत से शादी करी जिसने अब्राहम को अपने बेटे हो से भी ज्यादा प्यार किया और उनका ख्याल रखती थी।
परंतु अब्राहम के पिता अब्राहम को पसंद नहीं करते थे और वह नहीं चाहते थे कि अब्राहम पढ़ें लिखें पिता के समर्थन न मिलने के कारण अब्राहम को छोटी सी उम्र में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी।
परंतु उन्हें पढ़ाई करना पसंद था वह जानते थे कि बिना पढ़े लिखे सफल व्यक्ति नहीं बना जा सकता है इसलिए उन्होंने पढ़ाई के लिए पैसे जुटाने के लिए कई काम करने शुरू किय वह नाव से लोगों का सामान ढोया करते थे।
एवं वह एक स्टोर पर भी काम करने लगे जहां पर उन्हें वकालत की कई प्रकार की पुस्तकें मिली जिसे उन्होंने खुद ही पढ़ना शुरू किया और अपनी पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठे करते रहे।
उस दौर में अमेरिका का सबसे बड़ा मुद्दा दास प्रथा था जिससे उनके गांव के कुछ लोग भी जूझ रहे थे अब्राहम वकालत करके वकील बनना चाहते थे ताकि वह दास प्रथा जैसे बड़े मुद्दे पर अपने विचारों को खोलकर रख सके।
उन्होंने खुद के दम पर वकालत की पढ़ाई करनी शुरू करी जिसके लिए वह बहुत मेहनत किया करते थे, अब्राहम ने वकालत की पढ़ाई जारी रखी एक समय ऐसा आया जब वह वकील बन गए।
उन्होंने 20 साल तक गरीबों यतीमों के लिए फ्री में वकालत करी और किसी से एक भी पैसा नहीं लिया उनके एक दोस्त ने सलाह दी कि अगर दास प्रथा खत्म करनी है,
तो सिर्फ वकालत से कुछ नहीं होगा तुम्हें राजनीति में घुसना चाहिए जिसके बाद अब्राहम लिंकन ने विधायक का चुनाव लड़ा जिसमे वह हार गए जिससे वह बहुत ज्यादा निराश हुए।
क्योंकि विधायक का चुनाव लड़ने के लिए वह वकालत भी छोड़ चुके थे जिसके बाद उनकी जेब खाली हो चुकी थी परंतु उन्होंने अगली बार भी चुनाव लड़ा और वह जीत गए।
इस प्रकार वह विधानसभा में अपने विचारों को खुलकर रखते थे जिससे अमेरिकी कानून व्यवस्था पर असर दिखने लगा था एक समय ऐसा आया जब उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ा।
और वह जीत वह संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बन गए क्योंकि अब तक वह एक अच्छे नेता साबित हुए थे राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने दास प्रथा के खिलाफ मोहिम चलाई।
जिस कारण कुछ बड़े दल उनके खिलाफ़ हो गए परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और अपने नियम पर डटे रहे जिस कारण संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में ग्रह युद्ध भी हुआ परंतु एक समय ऐसा आया,
जब अब्राहम लिंकन ने पूरी तरीके से ग्रह युद्ध को खत्म किया और दास प्रथा को गैर कानूनी गतिविधि बना दिया उन्होंने दुनिया भर में चल रहे दास प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई।
और शुरुआत अपने ही देश से करी जिसके बाद दुनिया भर में दास प्रथा के खिलाफ आवाज में उठने लगी एवं धीरे-धीरे दास प्रथा खत्म होने लगी अब्राहम लिंकन एक सामान्य गरीब परिवार से थे।
इसलिए उन्होंने जीवन में कई बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा राजनीति में कई लोग उनके खिलाफ है जिन्होंने बहुत कोशिश करी कि वह जीवन में आगे ना बढ़ पाए।
परंतु उन्होंने सबको हराते हुए दुनिया को संकेत दिया कि एक सामान्य गरीब लड़का भी एक सफल व्यक्ति बन सकता है जिसके सामने सभी सलाम करें अब्राहम लिंकन फर्श से अर्श पर बैठ गए थे।
यह बात कुछ संगठनों को अच्छी नहीं लगी इसलिए अब्राहम लिंकन को वाशिंगटन डी.सी. के फोर्ड थिएटर में एक नाटक देखते समय जॉन विल्क्स बूथ नाम के व्यक्ति ने गोली मार कर हत्या कर दी थी।
इस प्रकार एक गरीब बच्चा जिसने कामयाबी को छुआ और सफल बना उसने 15 अप्रैल 1865 को इस दुनियां को अलविदा कह दिया।
Your writing has a way of resonating with me on a deep level. I appreciate the honesty and authenticity you bring to every post. Thank you for sharing your journey with us.