गौतम बुद्ध ने बताया छूत अछूत कौन है जानें यह अनोखी कहानी Gautam Buddha motivational Story In Hindi

Gautam Buddha motivational Story In Hindi

Gautam Buddha motivational Story In Hindi धैर्य की कमी

महात्मा बुद्ध जोकि एक महान ज्ञानी थे वह अक्सर अपने ज्ञान को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक नगर से दूसरे नगर जाते रहते थे उन्होंने यह कार्य जिंदगी भर किया और उनके साथ उनके शिष्य भी हुआ करते थे।

वह अपने शिष्यों को आसपास की चीजों से भी जीवन में सुधार लाने की शिक्षा देते थे उसी पर आधारित यह एक छोटी सी अद्भुत कहानी प्रस्तुत है।

एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ दूर नगर में प्रवचन देने के लिए जा रहे थे तभी शिष्यों ने एक खेत में बहुत सारे गड्डे खुदे हुए देखे जिसे देख सभी शिष्य हैरान हुऐ।

वह सोचने लगे आखिरकार कोई व्यक्ति अपने खेत में इतने सारे गड्डे क्यों खोदेगा यह नजारा देख सभी शिष्य हैरान थे पर वह सोच नही पा रहे थे की किसी ने ऐसा क्यों किया होगा।

तभी एक शिष्य बेचैन होकर महात्मा बुद्ध के पास पहुंचा जो की सबसे आगे चल रहे थे वह महात्मा बुद्ध से जाके बोला “तथागत कृपया आप ही बताएं” की इन गड्ढों को क्यों खोदा गया होगा।

महात्मा महात्मा बुद्ध ने मुस्कुराते हुए शिष्य की तरफ देखा और वहीं रुक गए तब उन्होंने सभी शिष्यों को बताया कि इस खेत का किसान अपने खेत में कुआं खोदना चाहता था जिससे वह पानी प्राप्त करना चाहता था।

परंतु उसमें धैर्य ही कमी थी वह कुआं खोदता था उसमे धैर्य की कमी थी पानी न मिलने पर वह नए स्थान पर दूसरा गड्ढा खोदता था फिर तीसरा इसी प्रकार उसने कई सारे गड्ढे खोद दिए।

परंतु यदि उसमें धैर्य होता तो वह एक ही गड्ढे पर मेहनत करके उसमें से पानी निकाल सकता था उसमें धैर्य की कमी थी इसलिए वह असफल हुआ इसलिए जीवन में धैर्य का होना अति आवश्यक है।

यह सुन सभी शिष्यों को जीवन में धैर्य का मतलब समझ में आया और उन्होंने अपने सफ़र को फिर से शुरू किया। 

Gautam Buddha motivational Story In Hindi का निष्कर्ष

इस Gautam Buddha Story in Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि जिन लोगों के जीवन में धैर्य की कमी होती है वह अक्सर अपनी छोटी सी समस्याओं में भी ज्यादा उलझ जाते हैं जिससे उनका जीवन अत्यधिक कठिन हो जाता है जीवन में धैर्य का होना अति आवश्यक है पौधे को भी बीज से निकलने में समय लगता है एक ही दिन में पौधा फल नहीं देने लगता है मेहनत जारी रखें सफ़लता जरुर मिलेगी।

Gautam Buddha motivational Story In Hindi वर्तमान में जीना सीखो

महात्मा बुद्ध एक नगर में लोगों को प्रवचन दे रहे थे कि “अहिंसा वह अग्नि है जो मनुष्य के प्रत्येक रिश्ते को नष्ट कर देती है” क्रोधित व्यक्ति हिंसा के कारण खुद भी बर्बाद होता है एवं वह दूसरों के जीवन को भी बर्बाद करता है।

इसलिए हमें क्रोधित मन पर नियंत्रण करना चाहिए एवं एक अच्छा व्यक्ति बनने का प्रयास करना चाहिए महात्मा बुद्ध की यह बातें लोग बहुत ध्यान से सुन रहे थे।

परंतु लोगों के बीच में बैठा एक हिंसाकारी व्यक्ति जिसे यह बातें फिजूल लग रही थी वह खड़ा हुआ और महात्मा बुद्ध को कहने लगा तुम गरीबों और लाचारों के बारे में क्या जानते हो?गरीब यदि पेट भरने के लिए कमा नहीं पाता है तो वह चोरी करता है जिसके दंड में लोग उसे मारते हैं एवं उसे कारावास हो जाती है।

यह इस दुनिया का काला सच है और तुम हमें शांति का पाठ पढ़ा रहे हो जीवन जीना कितना मुश्किल हो गया है क्या तुम्हें अंदाजा भी है उस व्यक्ति ने महात्मा बुद्ध को बहुत अपमानजनक बातें कहीं यह देख सभी लोग हैरान थे।

कि महात्मा बुद्ध शांत क्यों है महात्मा बुद्ध को शांत देख उस व्यक्ती को और भी ज्यादा क्रोध आ गया और वह महात्मा बुद्ध के पास जाकर और भी तेजी से चिल्लाने लगा और अपमानजनक बातें करके वहां से चला गया।

यह देख सभी को बहुत बुरा लगा कि उनके गुरु का कोई अपमान कर गया परंतु वह उस व्यक्ति से कुछ नहीं बोल सकते थे क्योंकि महात्मा बुद्ध अहिंसा का पाठ पढ़ाते थे जब व्यक्ति घर पहुंचा तब रात्रि के समय उसे नींद नहीं आ रही थी।

क्योंकि उसे महसूस हो रहा था कि उसने एक महान पुरुष का अपमान किया है उसे रात भर नींद नहीं आई वह पश्चात की आग में जल रहा था वह दूसरे दिन महात्मा बुद्ध से क्षमा मांगने के लिए उसी स्थान पर पहुंचा।

परंतु महात्मा बुद्ध दूसरे नगर के लिए निकल चुके थे व्यक्ति भागता हुआ उस मार्ग की ओर जाने लगा बहुत भागने के बाद उस व्यक्ति को महात्मा बुद्ध और उनके शिष्यों का काफिला मिला।

व्यक्ती रोता हुआ महात्मा बुद्ध के चरणों में गिर गया और क्षमा मांगने लगा वह व्यक्ति बहुत रो रहा था परंतु महात्मा बुद्ध ने आश्चर्य से उस व्यक्ति से पूछा कि आप कौन हैं? तब उस व्यक्ति ने बताया कि मैं वही व्यक्ति हूं जिसने आपका कल अपमान किया था।

तब महात्मा बुद्ध ने कहा कि परंतु मैं अपना अतीत तो वहीं छोड़ आया यह वर्तमान है और वर्तमान में जीना ही एक अच्छे मनुष्य की पहचान है इसलिए तुम भी अतीत को भूल जाओ और मेरे उपदेशों पर चलो जिससे तुम्हारा जीवन बेहतर हो जाएगा।

वह व्यक्ति समझ गया कि अतीत को भूल जाना ही अच्छा है क्योंकि यदि वह अतीत को याद करेगा तो वह खुद को माफ नहीं कर पाएगा क्योंकि उसने एक सिद्ध पुरुष का अपमान किया था इसलिए उसने महात्मा बुद्ध की बात मानी और वह अपने अतीत को भूल गया और महात्मा बुद्ध ने उस व्यक्ति को माफ कर दिया।

Gautam Buddha motivational Story In Hindi का निष्कर्ष

इस Gautam Buddha Story in Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि अतीत वह उपस्थित है जिसका हाथ यदि मनुष्य पकड़ ले तो वह जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएगा इसलिए हमें अतीत को भूल जाना चाहिए ताकि हम अपने जीवन को बेहतर तरीके से जी सकें।

Gautam Buddha motivational Story In Hindi अछूत व्यक्ती कौन

एक समय की बात है महात्मा बुद्ध वैशाली नगर में धर्म प्रचार के लिए गए थे उन्हे प्यास लग रही थी इसलिए वह कुएं के पास रुके तभी उसी स्थान पर एक बालिका भागती हुई आई और छुपने लगी।

पर सैनिकों ने देख लिया और उसे अपने साथ जाने को कहने लगें पर महात्मा बुद्ध ने हाथ का इशारा करते हुऐ सैनिकों को वहीं रुकने को कहा तब महात्मा बुद्ध ने उस बालिका से कहा की बालिके आप कुएं से पानी निकालो खुद भी पियो और मुझे भी पिलाओ।

जिस पर उस बालिका ने कहा कि मैं अछूत हूं परंतु महात्मा बुद्ध ने कहा मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता तुम कुएं से जल निकालो पर फिर भी उस कन्या ने मना कर दिया।

उसी वक्त वैशाली नगर के राजा भी उसी स्थान पर आ पहुंचे और महात्मा बुद्ध को देखकर उन्हें प्रणाम करने लगे महात्मा बुद्ध जानते थे कि सैनिक राजमहल से आए हैं इसलिए उन्होंने राजन से इसका जवाब जानना चाहा।

परंतु राजा कुछ नहीं बोले तब लड़की ने बोलना शुरू किया कि मैं एक गायक हूं मुझे महाराज के महल में संगीत गाने का मौका मिला मैंने बहुत अच्छा संगीत गाया जिसके लिए महाराज ने मुझे अपने गले का कीमती हार दिया।

परंतु मंत्रियों के बताने पर महाराज को पता चला कि मैं अछूत हूं इसलिए महाराज ने अपने सैनिकों को मुझे जान से मारने का आदेश दे दिया एवं वह कीमती तोहफा भी मुझे वापस ले लिया गया मैं सैनिकों से जान बचाकर भाग कर आपकी शरण में आ गई।

यह सब सुनने के बाद राजा का सर शर्म से झुक चुका था क्योंकि उस वक्त नगर में महात्मा बुद्ध से बड़ा ज्ञानी कोई भी नहीं था किसी की हिम्मत नहीं थी की वह महात्मा बुद्ध को सही एवं गलत बता सके।

तब महात्मा बुद्ध ने कहा कि हे राजन यह लड़की अछूत नहीं बल्कि अछूत तो तुम हो व्यक्ति धर्म एवं जाति से अछूत नहीं होता है वह अपने कर्म एवं स्वभाव से अछूत होता है।

तुमने अच्छा संगीत सुना जिससे तुम प्रसन्न भी हुए और तुमने एक अच्छा तोहफा दिया परंतु तुमने वह किसी की बातों में आके वापस ले लिया और अपने सैनिकों को इस बालिका को मारने का आदेश दिया।

इससे तो यह पता चलता है कि तुम अछूत हो ना कि कन्या यह सब सुनने के बाद वैशाली नगर के महाराज का सर शर्म से झुक गया और वह महात्मा बुद्ध से क्षमा मांगने लगे फिर राजा ने उस कन्या को वह हार दोबारा सम्मान के रुप में दिया और महात्मा बुद्ध को प्रणाम करके चला गया।

Gautam Buddha motivational Story In Hindi का निष्कर्ष

इस Gautam Buddha Story in Hindi से हमे यह सीख मिलती है कि व्यक्ती को उसके कार्यों से पहचाना जाना चाहिए ना कि उसकी जाति एवं धर्म से।

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