motivational success stories for students विद्यार्थियों को शिक्षित करने में सक्षम हैं क्योंकि यह जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी हैं और यह short motivational stories with moral के साथ हैं जोकि उन्हें शिक्षा के प्रती काफी ज्यादा प्रेरित करती हैं motivational success stories for students with moral नैतिक शिक्षा से भरपूर कहानियों में से प्रचलित कहानियां हैं motivational success stories for students हमेशा से ही विद्यार्थियों को शिक्षित करने का काम करती आई हैं।
चरवाहे का लड़का short motivational stories with moral hindi
एक चरवाहे का लड़का जोकि हमेशा झूठ बोला करता था जिससे चरवाहा बहुत ही ज्यादा परेशान था चरवाहे का लड़का जिसका नाम मोहन था वह अक्सर कहा करता था। की जब वह भेड़ों को घास चराने लेकर गया तब वहा भेड़िया आ गया था जिसे उसने मार के भगा दिया कर दिया था।
सभी जानते थे कि मोहन झूठ बोलता है उसकी झूठ बोलने की आदत के कारण कोई भी उसकी बात पर यकीन नहीं करता था।
परंतु एक बार जब मोहन भेड़ों को पहाड़ी के उस पार घास खिलाने लेकर गया तभी उसकी भेड़ों पर सच में भेड़िए ने हमला कर दिया यह देख मोहन घबरा गया और वह पहाड़ी पर जाकर जोर-जोर से चिल्लाने लगा “भेड़िया भेड़िया ” मेरी मदद करो यहां पर भेड़िया आ गया है।
पहाड़ी से कुछ नीचे काफी घर थे परंतु सभी को लगा कि मोहन झूठ बोल रहा है इसलिए सभी ने उसकी बात को टाल दिया और कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं गया।
परंतु मोहन इस बार सच बोल रहा था भेड़िए ने मोहन की कई भेड़ों को जख्मी कर दिया एवं कुछ को मार दिया था जिससे मोहन बहुत पछताया और बहुत रोया।
जब उसके पिता को यह सब पता चला तो उसे बहुत गुस्सा आया परंतु वह जानता था कि मोहन अपनी गलती समझ चुका है मोहन के पिता ने उसे समझाया।
कि यदि तुम लोगों से झूठ ना बोला करते होते तो आज लोग तुम्हारी बात पर यकीन करते और हमारी भेड़ें मरने से बच जाते है।
परंतु तुमने हमेशा झूठ बोला इसलिए लोगों को लगा कि आज भी तुम मजाक कर रहे हो और झूठ बोल रहे हो इसलिए कोई तुम्हारी मदद के लिए नहीं आया।
मोहन भी भली भांति समझ चुका था कि उसकी भेड़ों की मृत्यु उसकी वजह से हुई है क्योंकि वह सदा झूठ बोलता रहा जिस कारण आज उस पर किसी ने यकीन नही किया और उसकी भेड़ें मारी गईं।
short motivational stories with moral hindi का निष्कर्ष
इस motivational success stories for students से हमें यह सीख मिलती है कि हमें सदा सच बोलना चाहिए झूठ बोलने वाले व्यक्ति कि सच बातों पर भी यकीन नहीं किया जाता है जिससे जीवन में बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं इसलिए सदा सच बोलना चाहिए व्यक्ति की यही पहचान उसे समाज में सम्मान दिलाती है।
अनोखा लडका short motivational stories with moral hindi
एक लड़का जिसकी उम्र सिर्फ़ 13 साल थी जो की काफी दिनों से आइसक्रीम खरीदने के लिए पैसे जोड़ रहा था जब संडे का दिन आया तब वह आइस्क्रीम खाने के लिए गया।
उसने वेट्रेस से पूछा कि अच्छी आइसक्रीम कितने की है उस वेट्रेस ने बताया अच्छी आइस्क्रीम 50 रुपए की है। परंतु उस लड़के ने वेट्रेस की ओर देखा और कहा कि इससे सस्ती वाली कितने की है ? उस वेट्रेस ने बताया कि ₹35 की है।
लड़के ने उस वेट्रेस से कहा कि आप मुझे 35 वाली आइसक्रीम लाकर दे दीजिए लड़का काफी ज्यादा बुरी हालत में बैठा था सभी लोग उसी की तरफ देख रहे थे।
क्योंकि उसके कपड़े गंदे थे और वह काफी ज्यादा गरीब लग रहा था वेट्रेस लड़के के लिए 35 रुपए वाली आइसक्रीम लेकर आई और वहां से चली गई।
लड़के ने आइसक्रीम को खाया और काउंटर पर गया आइसक्रीम की कीमत जो की ₹35 थी उसे अदा किया और वहां से चला गया।
जब वेट्रेस टेबल को साफ करने आई जहां वह लड़का बैठा था तो उसने टेबल को साफ़ करना शुरू किया वह यह देखकर हैरान हो गई की उस लड़के ने वेट्रेस के लिए ₹15 की टिप छोड़ी थी।
यह देख उस लड़की की आंखों में आंसू आ गए क्योंकि वह लड़का किसी भी प्रकार से सामान्य नहीं लग रहा था जिसकी उम्र मात्र 13 साल थी लड़की समझ गई कि वह चाहता तो ₹50 वाली आइसक्रीम भी ले सकता था।
परंतु उसने मुझे टीप देने के लिए सिर्फ ₹35 वाली सामान्य आइसक्रीम खाई जिसके लिए वह पता नहीं कब से पैसे जोड़ रहा होगा।
ना है वेट्रेस ने उन पैसों को अपने पास संभाल कर रखने का मन बना लिया और उसने उन्हें संभाल के रख लिया वह लड़का सिर्फ 15 रूपए देकर वेट्रेस और सभी को इंसानियत का पाठ पढ़ा गया था।
short motivational stories with moral hindi का निष्कर्ष
यह motivational success stories for students हमें सिखाती है की हमें छोटे-छोटे कार्यों की सहायता से लोगों के दिलों में जगह बनानी चाहिए और उन्हें अपनी कमी का एहसास दिलाना चाहिए जिससे आपका सम्मान बढ़ता है और वह आपका आदर करते हैं जिस प्रकार उस लड़के ने वेट्रेस के दिल में अपने लिए सम्मान को तो उत्पन्न कर दिया था। कभी-कभी आपका छोटा सा फैसला किसी के लिए एक बड़ा सबक हो सकता है।
शिकारी का लालच short motivational stories with moral hindi
एक शिकारी जिसका कार्य था जानवरों का शिकार करना वह अक्सर जंगल में शिकार करने के लिए जाया करता था वह बहुत ही ज्यादा लालची एवं मतलबी व्यक्तियों में से एक था।
जब वह एक बार जंगल में शिकार करने के लिए गया तो वह पूरे दिन जंगल में भटकता रहा परंतु उसे कोई शिकार ना मिला। गर्मी के कारण वह भूख प्यास से तड़पने लगा परंतु जब शाम होने को आई तब उसे एक पेड़ की डाल पर बैठा सुनहरे रंग का तोता दिखाई दिया।
जिस पर शिकारी ने जाला फेका और उसे पकड़ लिया उसने तोते को अपने हाथ में पकड़ा तोता नाजुक पंछी था इसलिए शिकारी ने तोते तो रस्सी में बांधना जरुरी नही समझा।
शिकारी ने पूरे दिन मेहनत की थी इसलिए जब उसने तोता को पकड़ लिया तो वह बहुत खुश हुआ। समय काफी ज्यादा हो चुका था इसलिए उसने जंगल में ज्यादा रुकना सुरक्षित नहीं समझा इसलिए वह अपने घर की तरफ लौटने लगा।
परंतु जब वह जंगल से घर की ओर जा रहा था तभी उसे एक हिरण दिखाई दिया। जोकि घास खा रहा था हिरण का ध्यान पूर्ण रुप से घास पर था शिकारी की नजर ने हिरण को देखा तब उसके मन में लालच जगा और उसने हिरण को पकड़ने का विचार बनाया।
उस हिरण का शिकार करने के लिए तोते को छोड़ना जरूरी था क्योंकि उसे दोनों हाथों से तीर एवं कमान चलाकर हिरण का शिकार करना था।
उसने ऐसा ही किया शिकारी ने तोते को छोड़ दिया एवं तीर कमान निकाले शिकारी ने हिरण पर निशाना साधा और तीर चलाया परंतु आखिरी वक्त में हिरण का ध्यान शिकारी पर चला गया और वह तेजी से जंगल की ओर भाग गया।
अब शिकारी बहुत पछताया क्योंकि उसने पूरे दिन मेहनत करके मुश्किल से एक तोता पकड़ा था परंतु उसने हिरण के लालच में उस होते को भी छोड़ दिया ना तोता उसके हाथ लगा न ही हिरण। इस शिकारी को एक बड़ा सबक मिला क्योंकि आज की रात उसे भूखा ही सोना था।
इस short motivational stories with moral hindi का निष्कर्ष
इस motivational success stories for students से हमें यह सीख मिलती है कि लालच बुरी बला है एवं ज्यादा लालच करने से वर्तमान में उपस्थित हमारी चीज भी हमसे छिन जाती है इसलिए हमें लालच नहीं करना चाहिए सृष्टि में इतना पैसा एवं ताकत है ही नहीं जो किसी व्यक्ति की तमन्ना को पूरा कर सके इसलिए हमें सदा सामान्य जीवन की ओर ध्यान देना चाहिए जिस प्रकार गांधी जी ने सामान्य जीवन जिया था।
ऊटनी का बेटा short motivational stories with moral hindi
एक ऊटनी और उसके बच्चे को रेगिस्तान से पकड़ लिया गया और उन्हें सर्कस में लोगों के मनोरंजन के लिए उपयोग किया जाने लगा ऐसा बहुत लंबे समय तक चला।
ऊटनी का बेटा थोड़ा सा बड़ा हुआ वह भूल चुका था कि वह कभी रेगिस्तान में सफर किया करता था उसने अपनी मां से पूछा की मां हमारी पीठ पर कुबड़ क्यों होता है क्योंकि इससे मुझे सर्कस में कला दिखाने के दौरान समस्या होती है।
ऊटनी ने जवाब दिया कि हम रेगिस्तान जानवर है जोकी काफी लंबा सफ़र तय करने में सक्षम है ईश्वर ने हमें कुबड़ दिया ताकि हम उसमें एक बार में ज्यादा पानी इकट्ठा कर सके और समय आने पर उसे उपयोग कर सके।
लड़के को अपनी मां का यह जवाब सुन बहुत अच्छा लगा फिर ऊटनी के बच्चे ने पूछा की मां हमारे पैर गद्दे जैसे मुलायम एवं गोल क्यों होते हैं ऊटनी ने बड़ी सरलता से जवाब दिया कि हमारी हम रेगिस्तानी जानवर है हम रेगिस्तान में रहते है।
यदि हमारे पैर पतले होंगे तो वह रेगिस्तान रेत में घुस जाएंगे इसलिए हमारे पैर इश्वर ने गोल बनाय है ताकि हम रेगिस्तान के ऊपर सफर कर सके।
फिर ऊटनी के अच्छे ने पूछा की मां हमारी पलकें इतनी ज्यादा घनी क्यों होती है जिससे मुझे देखने में भी समस्या होती है ऊटनी ने जवाब दिया कि हम रेगिस्तानी जानवर है ईश्वर ने हमारी पलकों को इसलिए घना बनाया है।
ताकि रेगिस्तानी धूल हमारी आंखें को नुकसान न पहुंच सके। यह सभी जवाब जानने के बाद ऊटनी के बच्चे ने कहा मां यह सभी बातें अच्छी है परंतु इनका फायदा तो जब है जब हम रेगिस्तान में होते हम तो सर्कस में कला दिखाने का कार्य करते हैं यह हमारे लिए समस्या की तरह ही है।
क्योंकि मोटी पलक होने के कारण में देखा नहीं पाता हूं और मुझे कला के दौरान समस्या होती है। ऊटनी ने अपने बेटे को समझाया कि हम जानवर हैं और हम रेगिस्तान में चलने के लिए बने हैं ना कि किसी सर्कस में कला दिखाने के लिए ईश्वर ने हमें बहुत सोच समझकर बनाया है।
यहां पर हमारी यह खूबियां बेकार है परंतु यही खूबियां अगर हमारी रेगिस्तान में हमारे साथ हो तो हम बहुत कुछ कर सकते हैं और हम रेगिस्तान में सबसे ज्यादा सम्मान पाने वाले जानवरों में से एक हैं।
इस short motivational stories with moral hindi का निष्कर्ष
इस short motivational stories with moral hindi, motivational success stories for students से हमें यह सीख मिलती है की काबिलियत यदि सही जगह उपयोग की जाए तो वह हमारे लिए फायदेमंद है वरना हुनर को यदि सही जगह पर उपयोग न किया जाए तो वह हमारे लिए बोझ के समान है अपनी कला को सही जगह उपयोग करना एक बेहतर प्राणी की पहचान है।
इश्वर से वार्तालाप short motivational stories with moral hindi
एक व्यक्ती जोगी बहुत मेहनत करता था परंतु उसे सफलता नहीं मिल रही थी और वह अपनी नाकामयाबी के लिए हमेशा ईश्वर को कोश्ता रहता था।
वह सदा कहता है कि इश्वर चाहे तो मुझे धनी बन सकता है परंतु वह मुझे खुश नहीं देखना चाहता है इसलिए वह मुझे धन नहीं देता।
उसकी इन बातों को सुनकर लोग अक्सर उसे समझाया करते थे कि ईश्वर ने हमें हाथ पैर दिए हैं हमें उनकी सहायता से मेहनत से कमा कर खाना चाहिए ना कि हमें ईश्वर से हमेशा अपने फायदे के लिए मांगते रहना चाहिए।
वह बहुत प्रयास कर चुका था परंतु सफलता उसके हाथ नहीं लग रही थी एक रात वह सोया तो उसे सपने में ईश्वर के दर्शन हुए सपने में वह एक ऊंची पहाड़ी पर खड़ा था और ईश्वर एक चमकती रोशनी के रूप में प्रतीत हो रहे थे।
उस व्यक्ति ने ईश्वर से कहा कि मैंने अपनी पूरी जिंदगी मेहनत करके कमाया और अभी भी मेहनत कर रहा हूं। ईश्वर ने उस व्यक्ति से कहा कि सृष्टि में प्रत्येक व्यक्ति को मेहनत करके कमाना पड़ता है एवं अपनी इच्छाओं के लिए जीना पड़ता है।
उस व्यक्ति ने कहा कि मैं दूसरे व्यक्तियों से ज्यादा मेहनत करता हूं तो मुझे दूसरे व्यक्ति से ज्यादा धन की प्राप्ति होनी चाहिए जोकि नहीं होती है।
उस व्यक्ति ने ईश्वर से कहा कि ही ईश्वर आपके लिए 10 लाख साल कितना समय है इश्वर ने जवाब दिया कि मानव जीवन के 10 लाख साल मेरे लिए मात्र 1 मिनट के बराबर है।
फिर उस व्यक्ति ने ईश्वर से कहा कि 10 करोड रुपए आपके लिए कितनी कीमत हैं इश्वर ने जवाब दिया कि 10 करोड रुपए मेरे लिए एक पैसे के समान है।
उस व्यक्ति ने ईश्वर से कहा हे इश्वर जब 10 करोड रुपए आपके लिए एक पैसे के समान है तो कृपया मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि आप मुझे सिर्फ एक पैसा दे दे जिससे मैं अपने जीवन को बेहतर बना सकूं।
ईश्वर ने कहा “अवश्य परंतु तुम्हें 1 मिनट रुकना होगा”। यहीं पर उस व्यक्ति का स्वपन टूट गया और वह समझ गया कि प्रत्येक व्यक्ति को मेहनत करके कमाना पड़ता है एवं यह सृष्टि इसी प्रकार चलती है इश्वर किसी को कुछ भी फ्री में नहीं देता है।
इश्वर जब किसी को कुछ देता भी है तो किसी सामान्य इंसान में वह क्षमता नहीं जो ईश्वर के भेट देने तक इंतजार कर सके।
इस short motivational stories with moral hindi का निष्कर्ष
इस short motivational stories with moral hindi, motivational success stories for students से हमें यह ऐसी मिलती है कि हमें अपनी नाकामयाबी के पीछे ईश्वर को नहीं कोशना चाहिए कामयाबी उसी व्यक्ति को मिलती है जिनके इरादे पक्के हैं एवं जो हार ने मानने को तैयार नहीं है।
हमें सदा ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए कि उसने हमें यह है जीवन दिया वह चाहे तो वह हमें इससे भी बत्तर जीवन दे सकता था जिसमें शायद हम उस काबिल ना होते की अपनी ख्वाहिशों के लिए कुछ कर भी पाते।
गौतम बुद्ध और तालाब का पानी short motivational stories with moral hindi
एक बार गौतम बुद्ध पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगा रहे थे उन्हें ध्यान लगाए काफी देर हो चुकी थी काफी समय बाद उन्होंने आंख खोली तो उन्हें प्यास लगी।
उन्होंने पास में काम कर रहे शिष्य को अपने पास बुलाया और उससे कहा कि मुझे प्यास लगी है पास के तालाब से पानी लेकर आ जाओ जिसके लिए मैं तुम्हारा आभारी रहूंगा।
शिष्य ने महात्मा बुद्ध से कहा कि आप तो हमारे गुरु हैं हमारा कर्तव्य है कि हम आपकी सेवा करें शिष्य बिना देरी किय लोटा लिए तालाब पर पानी भरने पहुंच गया।
जब वह पानी भरने वाला था तो उसने देखा कि कुछ बैलों का एक झुंड तेजी से तालाब को पार करते हुऐ निकल गया जिससे तालाब का सारा पानी दूषित हो गया जोकि किसी प्रकार से पीने लायक नहीं बचा था।
वह शिष्य उदास मन से महात्मा बुद्ध के पास वापस आया और उसने कहा कि वह पानी लाने में असक्षम हो गया क्योंकि जंगली बैलों ने सारे पानी को दूषित कर दिया वह पानी पीने लायक नहीं बचा।
महात्मा बुद्ध ने शिष्य को कहा कि थोड़ी देर रुको, तुम उस तालाब पर दोबारा पानी भरने जाना तो वह पानी साफ मिलेगा।
शिष्य ने कहा गुरु जी वह पानी दूषित हो चुका है अब वह पीने लायक नहीं बचा फिर भी आप मुझे बोल रहे हैं कि वह पानी पीने लायक है।
आप मुझे इसका कारण बता सकते हैं महात्मा बुद्ध ने कहा तुम थोड़ी देर बाद दोबारा उस तालाब पर पानी भरने जाना तुम खुद सब कुछ समझ जाओगे।
थोड़ी देर बाद शिष्य तालाब पर पानी भरने गया उसने देखा कि तालाब में सारी मिट्टी ठहर चुकी है और स्वच्छ पानी दिख रहा है उसने पानी भरा।
और महात्मा बुद्ध के पास बड़ी उत्साह से आकर पूछा कि गुरुजी जब मैं उस पानी को छोड़कर आया तब वह दूषित था परंतु जब मैं दोबारा गया तब वह पानी स्वच्छ एवं पीने लायक था यह कैसे मुमकिन है।
महात्मा बुद्ध ने कहा कि उन बैलों ने तालाब की मिट्टी को उखाड़ दिया था जिस कारण वह दूषित हो गया था। परंतु जब तुम कुछ समय बाद गए तो वह मिट्टी जमीन पर ठहर चुकी थी इस कारण पानी स्वच्छ हो गया इसी प्रकार हमारा मन भी है।
जब हम क्रोधित होते हैं तो हम भी तालाब के पानी की तरह अपवित्र हो जाते हैं जिससे कोई बोलना एवं संबंध रखना नहीं ज्यादा इसलिए हमें जब भी क्रोध आए तो हमें ज्यादा से ज्यादा शांत रहने का प्रयास करना चाहिए।
जिसके कुछ समय पश्चात हम ठीक हो जाते हैं और हम दूसरे व्यक्तियों से बात करने के लायक हो जाते हैं जैसे कुछ समय बाद वह तालाब का पानी स्वच्छ हो गया था।
इस short motivational stories with moral hindi का निष्कर्ष
इस short motivational stories with moral hindi, motivational success stories for students से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि क्रोध करने से मन दूषित होता है जिस प्रकार वह तालाब का पानी दूषित हो गया था एवं शिष्य को लगा कि वह पीने लायक नहीं है इसी प्रकार क्रोध करने वाला व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों को हिंसावादी एवं क्रूर नजर आता है इसलिए हमें क्रोध एवं हिंसा से ज्यादा से ज्यादा बचने का प्रयास करना चाहिए।
शेरनी का दर्द short motivational stories with moral hindi
एक शेरनी जोकी जंगल के राजा की जोड़ीदार थी उसे इस बात का घमंड भी था और वह सदा दूसरों पर हुकुम जमाया करती थी उसके अहेंकर के कारण अधिकतर जानवर उससे बोला नहीं करते थे।
क्योंकि उसका बर्ताव दूसरों के प्रति काफी ज्यादा क्रूर था एक बार शेरनी अकेले ही शिकार करने निकल गई जहां पर उसे कई भेड़ियों ने घेर लिया एवं उसे काफी ज्यादा जख्मी कर दिया।
शेरनी वहां से भाग कर अपने इलाके में आ गई परंतु भगाने के दौरान उसके पैर में एक बड़ा कांटा भी चुभ गया था।
जिस कारण वह भाग नहीं पा रही थी भेड़ियों ने उसका पीछा करना छोड़ दिया तब उसने सोचा कि वह किसी जानवर से मदद ले ले ताकि वह अपने पैर का कांटा निकाल सके और सुकून से अपनी गुफा की तरफ जा सके।
परंतु वह घमंडी थी इसलिए उसके घमंड ने उसे रोका की वह शेरनी है और उसे किसी भी जंगल के जानवर से मदद नहीं लेनी चाहिए उसका दर्जा सबसे बड़ा है इसलिए वह दर्द से परेशान धीरे-धीरे चलती रही।
पास से गुजर रहे एक तेंदुए ने उससे कहा कि क्या वह उसके पैर का कांटा निकाल दे परंतु शेरनी के घमंड में उस तेंदुए को मदद करने से मना कर दिया
शेरनी को काफी ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ रहा था परंतु उसका अहंकार उसे हर पल मौत की तरफ धकेलता जा रहा था।
एक वक्त ऐसा आया कि ज्यादा खून बहने के कारण वह बेहोश हो गई परंतु जब थोड़ी देर बाद उसकी आंख खुली तो उसने देखा कि एक खरगोश उसके पैर का बड़ा सा काटा निकालने का प्रयास कर रहा है यह सब शेरनी अपनी आंखों से देख रही थी।
खरगोश भी जानता था कि उसकी जान को खतरा है परंतु उसने खुद की परवाह किए बिना शेरनी की मदद करने का मन बनाया और बहुत मेहनत करने के बाद खरगोश ने वह बड़ा कांटा निकाल दिया।
जिससे शेरनी को काफी ज्यादा राहत मिली और उसने खरगोश को धन्यवाद कहा तब शेरनी को समझ में आया कि यह अहंकार ही है जो हमें अच्छे संबंधों से दूर रखता है और दूसरों के प्रति क्रूर भाव को उत्पन्न करता है।
इसलिए उसे इतना दर्द सहना पड़ा यदि वह किसी से पहले ही मदद ले लेती तो उसे इतना दर्द का सामना न करना पड़ता काटा निकालने के वह शेरनी अपनी गुफा की ओर चली गई फिर।
उसने सभी जानवरों से नर्म भाव से बोलना शुरू किया और जंगल के सभी जानवरों ने उसका सम्मान करना शुरू कर दिया इस प्रकार उसे वह खुशी मिली जोकि उसे जीवन में कभी नहीं मिली थी।
इस short motivational stories with moral hindi का निष्कर्ष
इस short motivational stories with moral hindi, motivational success stories for students से हमें यह सीख मिलती है कि अहंकार मानव जीवन में वह उपस्थित है जो उसे बढ़ने नहीं देता है एवं कामयाबी की सबसे बड़ी बाधा अहंकार है जोकि उसे कई बड़े अवसर से वंचित रखना है अहंकार मानव के जीवन में काले बादलों की तरह है यदि वह हटा दिया जाए तो मानव जीवन चमकते नीले आसमान की तरह खूबसूरत हो जाएगा इसलिए हमें सदा अहंकार से बचना चाहिए एवं सभी से प्रेम भाव से बोलना चाहिए।
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