इन 11 लोगों से सीखें कामयाबी का राज Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

यह प्रेरणादायक कहानियां ऐसे व्यक्तियों की है जिन्होंने संघर्षों का सामना करते हुए सफलता की ऊँचाइयों को छुआ यह संघर्ष से सफलता की कहानियां हमें सिखाती है कि कठिनाइयों को पार करके ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं इन Motivational Story in Hindi को पढ़ने से आपको जीवन में अधिक प्रेरणा मिलेगी क्योंकि ये प्रेरणादायक कहानियां है इन motivational story of successful person in hindi में सफलता पाने के राज बताए गए हैं इसलिए इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi क्या होती हैं।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi हमे सिखाती हैं कि हम जीवन कठिनाइयों से कुछ ही समय में हार जाते हैं पर कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने हार नही मानी और कामयाबी उनके कदम चूमने लगी यह Motivational Story Of Successful Person In Hindi प्रस्तुत करने का हमारा मकशद है कि लोग ज्यादा से ज्यादा कामयाब लोग (Great Success Persons) की जिंदगी से कुछ अनोखा सीख सके और जीवन की मुश्किलों से जीत जाएं।

रॉबर्ट डाउनी जूनियर

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

यह Motivational Story Of Successful Person In Hindi Robert Downey Jr की है जोकि सिर्फ़ 4 साल की उम्र में ही ड्रग्स लेना सीख गए थे क्योंकि रॉबर्ट के पिता हॉलीवुड फिल्म निर्माता थे और वह बहुत चिंतित रहते थे जिस कारण उन्हे ड्रग्स लेना पढ़ता था।

पर पिता को देख अनजाने में रॉबर्ट ने सिर्फ 4 साल की छोटी सी उम्र में पहली बार ड्रग लिया और 8 साल की उम्र तक चुपके से लेते रहे पर उम्र बढने के साथ साथ वह ड्रग्स के आदि हो गए और अब वह अपने माता पिता के सामने भी नशा करने से नही घबराते थे।

रॉबर्ट के पिता फिल्म निर्माता और मां एक एक्ट्रेस थी इसलिए उन्होंने बचपन में ही एक्टिंग करनी शुरु कर दि थी जिसमे वह माहिर हो चुके थे। एक समय ऐसा आया की माता पिता का तलाक हो गया क्योंकी रॉबर्ट के पिता बहुत ड्रग्स लिया करते थे।

रॉबर्ट बड़े होते गए और पिता की वजह से उन्हे हॉलीवुड में एक बेहतर एक्टर का भी सम्मान मिलने लगा। वह एक अच्छे एक्टर थे इसलिए उन्हे 1992 में Chaplin फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था। पर एक समय ऐसा आया जब उन्हे ड्रग केस में पकड़ लिया गया और 1 साल की सज़ा सुनाई गई।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

जेल जाने से पहले ही रॉबर्ट की सादी हो चुकी थी, जेल में रॉबर्ट को कैदियों के द्वारा बहुत मारा जाता था। उनकी इतनी ज्यादा पिटाई होती थी की वह 2 बार अपने ही खून से सने हुए बाट टप में पाए गए। जेल से छूटने के बाद रोबर्ट की वाइफ ने उन्हे तलाक दे दिया और रोबर्ट अकेले रह गए।

कुछ समय बाद उनका करियर लाइन पे आने लगा और उन्हे कुछ समय बाद सुजन नाम की लडकी से प्यार हो गया, सुजन ने शर्त रखी की या तो तुम ड्रग्स को चुनो या फिर मुझे रॉबर्ट डाउनी जूनियर ने सुजन को चुना।

यह उनके लिए आसान नही था क्योंकि वह बचपन से ही ड्रग्स एड्रिक्ट थे पर उन्होने खुद को संभाला और हिम्मत नही हारी और कुछ समय बाद रॉबर्ट को Iron Man मूवी में Tony Stark का रोल ऑफर हुआ। जिसे रॉबर्ट ने पूरी शिद्दत से निभाया और आज के समय में रॉबर्ट को दुनियां Iron Man और Tony Stark के नाम से जानती है।

रॉबर्ट डाउनी जूनियर की कहानी हमे सिखाती है की यदि जीवन हमे सुधरने और कामयाब होने का मौका देता है तो हमे उस मौके को खोना नही चाहिए और मुश्किल वक्त और मुश्किल हालात से निकलने का जैसे ही मौका मिले हमे निकल जाना चाहिए और कभी हार नही माननी चाहिए।

रॉबर्ट डाउनी जूनियर की यह Motivational Story Of Successful Person In Hindi आपको कैसी लगी रेटिंग में अपनी भावनाएं जरूर बताएं 

बीयर ग्रिल्स

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

एडवर्ड माइकल ग्रील्स (Bear Grylls) का जन्म 7 जून 1974 को नॉर्थन आयरलैंड में पिता सर माइकल ग्रिल्स और माता सारा ग्रिल्स के घर जन्म हुआ। Bear Grylls की एक बहन भी हैं जिन्होंने उन्हे Bear नाम दिया। Bear Grylls को बचपन से ही अद्भुत जोखिम वाले कामों को करना बहुत पसंद है।

उनका सपना बचपन से ही आर्मी में जाना रहा है और उसके लिए उन्होंने बचपन में ही अपनी मेहनत के दम पर कराटे में Black Belt हासिल कर ली थी। बड़े हुए तो मिलिट्री में Survivor Instructor बने। पर कुछ समय बाद एक बार पैराशूटिंग के दौरान bear का पैराशूट ही नही खुला जिसके बाद उन्हे कई महीनो तक हॉस्पिटल में बेड रेस्ट पे रहना पडा।

हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद उन्हे अपनी मिलिट्री की नौकरी को अलविदा कहना पड़ा। पर bear फिर भी रुके नही और सिर्फ 23 साल की उम्र में Mountain Everest पर चढ़ने वाले व्यक्ती बने।

उसके बाद भी उन्होंने कई रोमांचक काम किय जैसे नॉर्थ अटलांटिक महासागर को पार किया बीना कपड़ों के Thames River को पार किया और हिमालय पर Paramounting की साथ ही उन्होंने Escape to the Legion नाम के शो में भी काम किया।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

पर इसी दौरान उन्हे वह शो ऑफर हुआ जिसके बाद हमने और आपने Bear Grylls को जानना शुरू किया है जिसका नाम है Man Vs Wild जिसने दुनियां के सामने bear Grylls के हुनर और चालाकी को प्रस्तुत किया।

इसके अलावा भी Bear ने कई शो में काम किया है जैसे की Bear Wilds Weekend, Worst Case scenario, get out alive, Escape Of Hell, Running Wild With Bear Grylls, इत्यादि।

Bear Grylls ने जीवन में हार नही मानी और हमेशा कामयाबी पाने के लिए कुछ अनोखा और अद्भुत करते रहे यही वह मुख्य वजह है जिस कारण आज के समय में bear Grylls को बहुत प्रशंसा और सम्मान मिला और कामयाबी भी मिली।

A.P.J अब्दुल कलाम जी

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

motivational story of successful person in hindi

आदरणीय एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हे Missile Man भी कहा जाता है वह एक गरीब परिवार में जन्मे थे। उनके पिता मछुआरे थे जिनकी कमाई से घर चालान मुश्किल होता था, इसलिए अब्दुल कलाम सुबह उठकर न्यूजपेपर बेचने जाया करते थे।

उन्हे बचपन से ही पढ़ने का बहुत शौक था पर स्कूल में रोजाना उन्हे सबसे पीछे बैठाया जाता था क्योंकि वह एक मुस्लिम परिवार से थे बचपन से लेके बड़े होने तक अब्दुल कलाम ने बहुत संघर्ष किए पर कभी हिम्मत नही हारी और कॉलेज कंप्लीट होने के बाद अब्दुल कलाम जी ने Indian Arm Force में अप्लाई किया पर सिर्फ 8 वेकैंसिस ख़ाली थीं और उनका 9वा नंबर आया इसलिए वह सेलेक्ट नही हो पाए।

फिर अब्दुल कलाम जी ने DRDO (Difence Research and Defence Organization) में अप्लाई किया जहां उनकी नौकरी पक्की हो गई। पर वह उससे कुछ समय बाद असंतुष्ठ रहने लगे क्योंकि वहां उन्हे कुछ नया सीखेंगे को नही मिलता था पर एक समय पर अब्दुल कलाम जी की मुलाकात विक्रम सारा भाई जी से हुई।

जोकि Ishro के फाउंडर थे जोकि अब्दुल कलाम जी की मेहनत और लगन से बहुत प्रभाभित हुए जिसके बाद उन्होंने अब्दुल कलाम जी को ishro में ज्वाइन होने के लिए आमंत्रित किया यही वह समय था जब अब्दुल कलाम जी ने Ishro में अपना पहला कदम रखा।

motivational story of successful person in hindi

अब्दुल कलाम जी ने Ishro के साथ मिलके कई कामयाब मिशन किए जिनमे उन्होंने कई प्रकार के सफल रॉकेट बनाए और लॉन्च किए। परंतु अब्दुल कलाम जी की लीडरशिप के दौरान भारत को सबसे बडी कामयाबी जब मिली जब अब्दुल कलाम जी ने Nuclear Weapons को टेस्ट करके दुनिया के सामने भारत को न्यूक्लियर पावर देश घोषित कर दिया।

इस कामयाबी के बाद अब्दुल कलाम जी को मिसाइल मैन कहा जाने लगा था और 2002 अब्दुल कलाम जी भारत के 11वें राष्ट्रपति (President) अब्दुल कलाम जी का नाम भारतीय इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों से लिखा जायेगा। अब्दुल कलाम जी ने बचपन से ही बहुत मुसीबतें देखी थीं पर उन्होंने कभी हार नही मानी और कामयाबी की राह पर अपनी मेहनत को लेके चलते रहे।

धीरूभाई अम्बानी Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

धीरूभाई अंबानी जिनका पूरा नाम धीरज लाल गोवर्धनदास अंबानी है जिनका जन्म गुजरात के एक गांव चोरवाड में सन् 28 दिसंबर 1932 को हुआ था। धीरूभाई अंबानी ने 12 कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और घूम घूम कर पकोड़े बेचना शुरू कर दिया था क्योंकि वह एक अमीर इंसान बनना चाहते थे और वह समय को सबसे कीमती चीज़ मानते थे।

और वह कहते थे की पढ़ाई से अमीर होने का कोई कनेक्शन नहीं है पैसा इंसान अपनी कला और सूझबूझ से कमाता है इसलिए उन्होंने पढ़ाई को महत्त्व नही दिया। 16 की उम्र में अपने भाई रामदिक लाल के साथ मिलकर यमन के ईडन शहर चले गए जहा उन्होंने पेट्रोल पंप पर काम किया जहां वह पेट्रोल भरने का काम किया करते थे।

पर धीरूभाई अंबानी बहुत ही मेहनती और ईमानदार इंसान थे उनकी मेहनत और लगन को देख कम्पनी ने उन्हे मैनेजर की पोस्ट दे दी पर वह इससे भी खुश नही थे क्योंकि वह बहुत पैसा कमाना चाहते थे जिसके लिऐ उन्हे पैसे की जरुरत थी।

जैसे ही उन्हे लगा की उन्होंने कुछ पैसे इक्कठा कर लिए है वह तुरंत भारत अपने वतन चले आए और 1955 में अपने चचेरे भाई चंपकलाल दवानी के साथ मिलकर 15 हजार रुपए लगा के मसालों और पॉलिस्टर धागे का आयात व्यापार शुरू किया।

दोनो ने मिलके बहुत मेहनत की और उनका व्यापार चलने लगा क्योंकि उस समय पॉलिस्टर धागे से बने कपड़े बहुत पसंद किए जाते थे जोकि लम्बे समय के बाद भी चमकते रहते थे। पहली साल ही 10 लाख से ज्यादा का टर्नओवर हो गया था।

motivational story of successful person in hindi

कुछ समय बाद दोनो व्यापारी अलग अलग हो गए क्योंकि दोनो का काम करने का तरीका अलग अलग था यही वह मुश्किल वक्त था जब धीरूभाई अंबानी सबसे ज्यादा घबरा गए थे क्योंकि उन्हे डर था की बिजनेस डूब न जाय क्योंकि वह बहुत ज्यादा माहिर नही थे।

पर उन्होंने हिम्मत नही हारी और अपनी मेहनत के दम पर कुछ सालों बाद Telecom, Electricity, Petroleum, Energy जैसी कंपनियां खड़ी करी और उन्हे बहुत कामयाब बनाया।

इस प्रकार एक गरीब लडके ने अपने बिजनेसमैन बनने का सपना पूरा किया और दुनिया को दिखाया की मेहनत और सही सूझबूझ के दम पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है। धीरूभाई अंबानी जी का देहांत 6 जुलाई 2002 को हुआ था।

लता मंगेशकर Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

लता मंगेशकर जोकि एक बहुत ज़्यादा सफल गायक रही हैं पर जब वह छोटी थीं तभी उनकी पिता की मृत्यु हो गई थीं और परिवार में सबसे बडी होने के कारण उन्हे अपने घर की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी जिसके लिऐ उन्हे अपने पिता की म्यूजिक क्लास चलानी पड़ी।

लता मंगेशकर को बचपन से ही म्यूजिक में रुचि थी पर इससे उन्हे कामयाबी नही मिल रही थीं और परिवार को संभालना मुश्किल हो रहा था जिसके बाद उन्हे 1942 में एक बंगाली मूवी के सॉन्ग को गाने का ऑफर मिला जिसे उन्होंने बहुत अच्छा गाया और एक साल बाद हिन्दी गाना भी ऑफर हुआ।

जिसके बोल थे “माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू” हिन्दी गानों में कामयाबी देख वह पूरी तरह 1945 में मुंबई शिफ्ट हो गईं और स्किल को इंप्रूव करने के लिए उस्ताद अमन अली खान से म्यूजिक सीखा। फिर उन्हे सबसे बडी सफ़लता 1948 में मिली जहा उन्होंने मजबूर फिल्म के लिए गाना गाया जिसके बोल थे “दिल मेरा तोड़ा कहीं का न छोड़ा”

motivational story of successful person in hindi

जिसके बाद बहुत बड़े बड़े म्यूजिक डायरेक्टर उनकी आवाज के दीवाने हो गए और अपने गाने के लिए उन्हे ऑफर देने लगे उन्हे बहुत कामयाबी मिल चुकी थी। पर इसी दौरान 1962 में तबीयत बिगड़ने के कारण टेस्ट कराया गया तो तो पता चला की कोई उन्हे रोजाना उन्हे उनके खाने में जहर दे रहा था।

यह शाजिश उन्हे मारने की थी, पर तब तक वह बाबरची व्यक्ति भाग चुका था। 27 जनवरी 1963 को लता मंगेशकर ने जवाहरलाल नेहरू के सामने गाना गाया। “ए मेरे वतन के लोगों” गाना गाया कहते हैं की वहां बैठे सभी लोग रोने लगे थे।

अपनी आवाज के कारण लता मंगेशकर अभी तक पद्म भूषण, दादा साहब फाल्के अवॉर्ड, राजीव गांधी सद्भावना अवॉर्ड, भारत रत्न अवार्ड जीत चुकी हैं। लता मंगेशकर दुनिया के लिए प्रेरणा है क्यूंकि वह उस समय एक कामयाब और सफल महिला बनीं जब बेटियों को पढ़ते लिखने से रोका जाता था।

और लता मंगेशकर एक नारी शक्ति की तरह दुनिया को प्रेरणा दी की महिलाएं भी पुरुषों के बीच सम्मान पाने के लायक हैं और वह कुछ स्थानों पर पुरुषों से भी अच्छे कार्य कर सकती हैं। लता मंगेशकर का देहांत 93 साल की उम्र में 6 फरवरी 2022 को हुआ था। 

अरुणिमा सिन्हा Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

11 अप्रैल 2011 को अरुणिमा लखनऊ से दिल्ली आ रही थी तभी ट्रेन में कुछ बदमाशों ने अरुणिमा से उनकी सोने की चैन छीननी चाहि पर अरुणिमा ने उन्हे चैन नही लेने दी।

इन्होंने चैन छीन के गुस्से में अरुणिमा को चलती ट्रेन से फेक दिया अरुणिमा को किस्मत इतनी ज्यादा खराब थी की सामने से आती एक ट्रेन में अरुणिमा टकरा गई और उनका एक पैर पुरा कट गया जिससे अरुणिमा बेहोसे हो गई।

पर कुछ देर बाद होस आया तो देखा की कुछ पंछी उनका मास नोच रहे थे जिन्हे वह हटा भी पा रहि थीं क्योंकि उनका शरीर बिल्कुल काम नही कर रहा था। और अरुणिमा फिर से बेहोस हो गई कुछ समय बाड़ कुछ लोगों ने अरुणिमा को एम्स अस्पताल पहुंचाया और डॉक्टर्स ने बताया की अब इनका बचना मुश्किल है पर अरुणिमा ने कहा मेरा ऑपरेशन करो मुझे कुछ नही होगा।

ऑपरेशन के बाद अरुणिमा की एक टांग कट चुकी थी क्योंकि वह पहले ही कट चुकी थीं। अरुणिमा को सभी लाचार की नजर से देख रहे थे इसलिए अरुणिमा ने खुद को साबित करने की कसम खाई और कुछ समय बाद ठिक होने के बाद अरुणिमा में Mountain Everest पर चढ़ने का फैसला किया।

उनके परिवार और सुभचिंतकों ने उन्हे मना किया पर वह नही मानी और Mountain Everest पर चढ़ाई शुरू कर दी, एक जगह ऐसी आई जहा उन्होंने बहुत सारे मृत शरीर देखे जिसे देख वह घबरा गई थीं की यह लोग भी Mountain Everest की चढ़ाई कर रहे थे जबकि इनके हाथ पैर सब ठीक थे फिर भी यह कामयाब नही हुए तो मै कैसे हो सकती हूं।

पर उसी वक्त अरुणिमा को अपना अपमान और लोगों की लाचार नजर याद आई इसलिए उन्होंने खुद से कहा चाहे मैं बचूं या न बचूं पर मै यह चढ़ाई जरुर चडूंगी। एक समय ऐसा आया की उनकी ऑक्सीजन खत्म हो रही थीं जिसके बाद उनके दोस्तों ने उनसे कहा अरुणिमा अगर जान बच गई तो हम दोबारा आ जायेंगे इसलिए वापस चलो तुम्हारी ऑक्सीजन खतम हों रही है।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

पर अरुणिमा और उनके दोस्त बहुत ऊपर आ चुके थे इसलिए अरुणिमा रुकी नही और Mountain Everest की चढ़ाई को पुरा किया इस प्रकार उन्होंने दुनिया को दिखाया की कोई विकलांग नही होता इन्सान का दिमाग़ विकलांग होता है जोकि उसेकामयाब नही होने देता।

स्टीव जॉब्स Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

स्टीव जॉब्स की मां कॉलेज के दिनों में ही बिना सादी किए प्रेगनेंट हो गई थीं जिस कारण वह उस बच्चे को अपने पास नही रख सकती थीं। इसलिए उन्होंने बच्चे को किसी फैमिली को सौंपने का सोचा, जिसके बाद उन्हे पॉल और कालरा मिले जिन्होंने स्टीव जॉब्स को पाला और बडा किया।

वह मिडिल क्लास थे फिर भी स्टीव की सारी ख्वाहिश पूरी किया करते थे और स्टीव से बहुत प्यार किया करते थे। स्टीव ने 12th के बाद अच्छी शिक्षा के लिए माता पिता के कहने पर Monta Loma College में एडमिशन ले लिया। पर कुछ समय बाद स्टीव को मेहसूस हुआ की उनके माता पिता पूरी कोशिश करने पर भी कॉलेज फीस नहीं दे पा रहे है।

जिसके बाद स्टीव ने वीकेंड्स पर कोल्ड्रिंक्स की बॉटल्स बेचनी शुरू कर दी। और कमरे का किराया बचाने के लिऐ स्टीव अपने दोस्तों के कमरे के फर्श पर ही सो जाया करते थे और पैसे बचाने के लिऐ पास के धार्मिक स्थल पर जाके खाना खा लिया करते थे।

पर फिर भी स्टीव के गरीब माता पिता पूरी कोशिश करने पर भी फीस नहीं भर पा रहे थे मां बाप की लाचारी देख के स्टीव से उस कॉलेज में रुका नही गया और उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया।

कॉलेज छोड़ने के बाद उन्हे बस पैसा कमाना था कैसे भी वह अपने प्लान पर काम करना चाहते थे उन्होनें अपने दोस्त बुजनियक के साथ मिलके अपने पिता की गैरेज में Macintosh Operating System बनाया।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

इस एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर को बेचने के लिऐ स्टीव और उनके दोस्त को apple नामक एक सॉफ्टवेयर की जरुरत थी जिसे बनाने के लिऐ पैसों की जरुरत थी पर उनकी इस मुसीबत को माइक मार्कुला ने दूर कर उन्होंने apple सॉफ्टवेयर को बनवाने में मदद की।

और इस प्रकार Apple का उदय हुआ कुछ सालों की मेहनत के बाद Apple 2 अरब डॉलर और 4000 एम्प्लॉय बाली कंपनी बन चुकी थी। पर एक ऐसा समय आया जब स्टीव जॉब्स और उनके दोस्तों के अच्छे संबंध न होने के कारण और Apple कंपनी डूबने के जिम्मेदार मान के उन्हे Apple से निकाल दिया गया।

पर apple डूबती ही जा रही थी यह उनके जीवन का सबसे बुरा समय था क्योंकि उन्होंने जिस कंपनी को अपने बचपन के आइडिया से बनाया था उसी से उन्हे निकाल दिया गया था। पर स्टीव जॉब्स ने हिम्मत नही हारी और कुछ ही समय में 2 कंपनिया खड़ी कर दीं जिनका नाम Pixler, Next-Ink रखा यह दोनो कंपनियां चल पड़ी और apple डूबती ही जा रही थी।

जिसके बाद aaple के डायरेक्टर्स जोकि स्टीव जॉब्स के दोस्त ही थे उन्होनें बहुत बिनती करके वापस Apple में बुलाया और स्टीव ने Apple को Pixler से जोड़ दिया। 5 अक्टूबर 2011 को स्टीव जॉब्स का देहांत हो परंतु उन्हे हमेशा एक मज़बूत और हिम्मत न हारने बाला व्यक्ती माना जाता है जिन्होंने दुनिया के सामने Imac और iPhone kaise प्रोडक्ट्स लाके सभी को हैरान कर दिया।

वाल्ट डिज्नी (Walt Disney) Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

वाल्ट डिज्नी जिनके माता पिता बहुत ही गरीब किसान थे जोकि उनके 5 बहन भाई को पालने के लिए बहुत मेहनत किया करते थे। वाल्ट डिज्नी ने बचपन में ही बहुत गरीबी देखी थी उनके पिता सुबह 4 बजे उठकर न्यूजपेपर भी बेचा करते थे अपने पिता की मेहनत देख वाल्ट डिज्नी ने सिर्फ 6 साल की छोटी सी उम्र में सुबह 4 बजे उठकर न्यूजपेपर बेचना शुरू कर दिया था।

जिस कारण उन्हे क्लास का सबसे अजीब बच्चा कहा जाता था और उनके ग्रेड अच्छे नही आते थे। पर उन्हे बचपन से ही आर्ट बनाने का बहुत सहौक था। वह आर्ट के लिऐ इतने उयादा प्रचलित थे की उनके पड़ोसी उनकी आर्ट पैसे देके खरीद लेते थे।

वाल्ट डिज्नी बड़े हुए और उन्होंने एक कम्पनी में आर्टिस्ट की नौकरी करनी शुरू करी पर उन्हे यह कहके निकाल दिया गया की उनकी सोचने की छमता कम है जिससे उन्हे बहुत झटका लगा क्योंकि उनका बचपन कल्पना करते करते ही बीता है।

कम्पनी से अपमानित होके निकलने के बाद वाल्ट डिज्नी ने खुद की कंपनी खोली जोकि कुछ ही दिनों में दिवालिया हो गई और उन्हे वह बंद करनी पड़ी। उसके बाद उनके पास कुछ नही बचा था सिर्फ 2 डॉलर और एक शूटकेस जिसने उनकी बनाई कुछ आर्ट्स थी।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi
Source :- Disney History 101

वाल्ट डिज्नी का जज्बा देख उनके बड़े भाई रॉय डिज्नी ने उन्हे 2 हजार डॉलर दिए जिससे उन्होंने फिर से एक नई कंपनी शुरू करी जिसका नाम उन्होंने Disney Brothers रखा। यह कंपनी चल पड़ी और यह प्रचलित होने लगी राय डिज्नी के कहने पर कंपनी का नाम बदल दिया गया और नाम रखा गया The Walt Disney Company जिसने बहुत कामयाबी हासिल की जिसका काम था कार्टून्स को पब्लिश करना।

पर अभी कुछ कमी थी वाल्ट डिज्नी एक बार ट्रेन से कहीं जा रहे थे टाइम बिताने के लिऐ उन्होंने अपनी आर्ट बुक निकाली और कुछ बनाना शुरू किया जब वह बनके तैयार हुआ तो वाल्ट डिज्नी हैरान थे की यह कैसे बन गया।

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

जोकि Mickey Mouse था अब वाल्ट डिज्नी ने एक ऐसा अनोखा कैरेक्टर बना लिया था जोकि उन्हे आसमान की ऊंचाइयों पर लेजाने बाला था। इसके बाद Disney Company ने बहुत तरक्की करी और 15 दिसंबर 1966 को वाल्ट डिज्नी का देहांत हो गया तब तक वह डिज्नी को World Famous Company बना चुके थे।

Also Read: गरीब बच्चा कैसे बना “The Walt Disney, Success Story In Hindi

वाल्ट डिज्नी की कहानी हमे सिखाती है की हम आज मज़बूत हैं अगर हमने आज से भविष्य के लिऐ मेहनत करनी शुरू नही करी तो हम हमेशा लाचार बने रहेंगे। वाल्ट डिज्नी का जीवन हमे सिखाता ही की एक गरीब लड़का दुनिया के दिलों पे राज़ कर सकता है और हमेशा याद किया जाने वाला बन सकता है।

अल्बर्ट आइंस्टीन Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

14 मार्च 1879 जर्मनी के UIM शहर में हुआ वह बचपन में 6 साल तक की उम्र तक बोल नही पाते थे जिस कारण उनका स्कूल में एडमिशन लेट हुआ और उन्हे स्कूल जेल लगता था इसका एक मुख्य कारण यह भी था की वह शिक्षक से ज्यादा सोच सकते थे वह अक्सर शिक्षक से अजीब अजीब प्रकार के सवाल पूछते थे जिनके जवाब टीचर्स के पास भी नही होते थे।

एलबर्ट आइंस्टीन के सवालों से परेशान शिक्षकों ने उनका नाम मंद बुद्धि रख दिया था जोकि उन्हे अच्छा नही लगता था। उन्होंने पूछा मैडम मंद बुद्धि का मतलब क्या होता है टीचर ने बताया जिसका दिमाग पुरा विक्षित न हुआ हो फिर एलबर्ट आइंस्टीन ने पुछा मेरा दिमाग़ कैसे विक्षित होगा शिक्षक ने कहा प्रयास ही एक मात्र कामयाबी का रास्ता है।

यह बात एलबर्ट आइंस्टीन समझ गए और अपने दिमाग के विकास के लिऐ बहुत पढ़ाई करने लगे और सोचने समझने लगें। जिसके बाद उन्होंने मैथ्स और फिजिक्स में महारथ हासिल कर ली जिसके बाद उन्होंने बहुत सारी खोजें करी उनकी खोज इतनी ज्यादा महत्त्वपूर्ण रही हैं की घर बैठे जानकारी उपलव्ध कराने वाले डिवाइसेज भी इनकी कैलकुलेशन के बीना अधूरे हैं।

उनकी सोचने की छमता को ध्यान में रखते हुए इजरायल देश ने उन्हे प्रेसिडेंट बनने के लिऐ भी कहा था पर उन्होंने माना कर दिया और 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

थॉमस अल्वा एडीसन Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

थॉमस अल्वा एडीसन बचपन से ही अपने ही ख्यालों में ही खोए रहते थे और दुनिया की अजीब अजीब चीज़ें सोचते रहते थे। वह इतने ज्यादा अजीब थे की उन्होंने एक बार एक चिड़िया को कीड़े खाते देखा और उन्हे लगा की उड़ने के लिए कीड़े खाना जरुरी है।

इसलिए उन्होंने कुछ कीड़ों को पकड़ के खोल बना दिया और अपने दोस्त को वह घोल पिला दिया जिसके बाद वह बीमार पड़ गया जिसके लिऐ थॉमस अल्वा एडीसन को बहुत डाट सुननी पड़ी थी। वह स्कूल में इतने ज्यादा सवाल पूछा करते थे की उन्हे सनकी कहा जाने लगा और स्कूल से निकाल दिया गया।

फिर थॉमस अल्वा एडीसन की मां ने उन्हे घर पर ही पढ़ाना शुरू किया। छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपने घर के एक हिस्से में एक प्रयोगशाला बना ली थी जिसके कारण लोन उन्हे पागल कहते थे पर बहुत प्रयास और प्रयत्न करने के बाद और 1 हजार बाद बल्ब के आविष्कार में फेल होने के बाद थॉमस अल्वा एडीसन ने बल्व बना के तैयार कर दिया।

और उनका यह प्रयोग सफल रहा जिसने दुनिया को रफ्तार उनकी कामयाबी देख जो लोग उन्हे पागल कहते थे वह खुद को ही पागल समझने लगें और थॉमस अल्वा एडीसन के आविष्कार के कारण उन्हे पूरी दुनिया ने सम्मान और इज्जत दी।

थॉमस अल्वा एडीसन ने सिखाया की नाकामयाबी से डरना नहीं चाहिए और लोगों का काम है बोलना इसलिए हमे उनके बोलने से कोई फ़र्क नही पड़ना चाहिए हर कामयाब इन्सान को कामयाब होने से पहले पागल ही बोला जाता है क्योंकि वह वो काम कर रहा होता है जो किसी ने नही किया।

अब्राहम लिंकन Motivational Story Of Successful Person In Hindi

Motivational Story Of Successful Person In Hindi

अब्राहम लिंकन के माता पिता बहुत ही ज्यादा गरीब थे जोकि उनकी पढ़ाई भी नही करा पाते थे और बुक्स भी खरीद के नही दे सकते थे इसलिए वह दूसरों से बुक्स मांग के काम चलाया करते थे। अपना पेट पालने के लिऐ और परिवार की सहायता करने के लिए अब्राहम लिंकन ने बचपन से हि मजदूरी करनी शुरू कर दी थी।

सिर्फ 9 साल की छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपनी मां को खो दिए उनका देहांत हो गया। वह थोड़े बड़े हुए तो उन्हे एक लडकी से प्यार हुआ वह उससे सादी करना चाहते थे पर उसकी डेथ हो गई इससे अब्राहम लिंकन पूरी तरह टूट चुके थे।

उन्होंने अमेरिका में दाशप्रथा को खत्म करने के इलेक्शन लड़ा पर वहां भी हार ही हाथ लगी। एक समय पर वह ऐसी चीजों से दूर रहते थे जोकि उन्हे किसी भी प्रकार का हथियार लगता था जैसे चाकू, गैस सिलेंडर इत्यादि।

उन्हे लगता था कहीं वह खुद को इन सब चीजों से मिटा न दें कहीं सुसाइड न कर लें क्योंकि वह जीवन में हार रहे थे और उनकी हर प्यारी चीज़ उनसे छीन चुकी थी पर 16वीं बार प्रेसिडेंट का चुनाव लडने पर वह जीत गए और उन्होंने अमेरिका से दाशप्रथा खत्म कर दी और इस प्रकार धीरे धीरे दुनिया भर से दाशप्रथा खत्म हो गई।

उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसी पॉलिसीज बनाई जोकि आज के समय में भी अमेरिका में फॉलो की जाति हैं और जब सबसे अच्छे प्रेसिडेंट की बात आती है तब अब्राहम लिंकन का नाम सबसे पहले आता है।

दोस्तो अगर आपको हमारे द्वारा बताई गई Motivational Story Of Successful Person In Hindi अच्छी लगी हो और अगर इस प्रेरणादायक कहानी ने आपको कुछ सिखाया हो तो कृप्या इसे अपने मित्रों के साथ साझा जरुर करें। और कृपया इस ब्लॉग Khanisegyani.com ब्लॉग को रेटिंग करना न भूलें रेटिंग करने का ऑप्शन आर्टिकल के अंत में है अपना कीमती समय इस कहानी को देने के लिए धन्यवाद।

इन्हे भी जानें :-

जिंदगी बदल देंगी यह अद्भुत मोटीवेशन हिन्दी स्टोरीज|Motivational Story In Hindi

संदीप महेश्वरी का गरीबी से करोड़पति तक का सफ़र | success story of sandeep maheshwari

3 बक्सों का राज़ क्या है गौतम बुद्ध की प्रचलित कहानी|Gautam Buddha Motivational Story In Hindi

हैरान करके जीवन बदलने बाली छोटी कहानियां|Short Motivational Stories in Hindi

Rate this post

Leave a Comment