जीवन में चल रहे दुख को खतम करने के लिए अक्सर जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी पढ़नी चाहीए ताकी जीवन के दुख को खत्म किया जा सके। कहानी पढ़ने में सही रुचि जब ही आती है जब जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी हो जिनमे सच्चाई होती है जोकि जबरदस्त मोटिवेशनल कहानी होती हैं जिनसे जीवन के अनोखे ज्ञान की प्राप्ति होती है और दूसरों के जीवन से कुछ नया सिखने को मिलता है इसलिए हम आपसे motivational short story in hindi भाषा में पेश करेंगे जिससे आपको अनोखा अनुभव होगा।
जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी छोटी सी भी बहुत बडा ज्ञान दे सकती है इसलिए इस ब्लॉग पोस्ट में मोटिवेशन कहानी छोटी सी दी गई हैं जोकि बहुत अद्भुत हैं। इस ब्लाग पोस्ट में हमने motivational story in hindi for success with moral सभी प्रकार की कहानियां अनोखे प्रकार से प्रस्तुत की हैं, जोकि अनोखी और रोचक है जोकि ज्ञान से भरपूर हैं इसलिए इन्हें पढ़के एंजॉय करें।
1.जिम कैरी (Jim Carrey) Motivational Short Story In Hindi
अगर आप Hollywood की फिल्मे देखते है और अगर आपने Jim Carrey के बारे में नही सुना तो मतलब आप हॉलीवुड के बारे में कुछ नही जानते क्योंकि यह हॉलीवुड के सबसे जबरजस्त कॉमेडी एक्टर हैं और यह सबसे मशहूर हॉलीवुड कॉमेडी सेलेब्रिटी है जो किसी के भी चेहरे पे सिर्फ़ 2 मिनट में हसी ला सकते है।
परंतु दुनियां को हसाने वाले जिम कैरी का जीवन इतने दुखों में बीता है की वह बचपन में अकसर रातें रोते रोते गुजार देते थे।
जिम कैरी बताते है की उनके पिता बहुत ही हसमुक थे वह चाहते तो कॉमेडियन बन सकते थे पर वह डरते थे अपनी नाकामयाबी से इसलिए उन्होंने रिस्क नही लिया और अकाउंटेंट की नौकरी करने लगे पर उनका उस काम में मन नहीं लगता था जिसके बाद उन्हे नौकरी से निकाल दिया गया।
और उनके परिवार का इतना ज्यादा बुरा हाल हो गया की उन्हे वह जगह छोड़ कर जानी पड़ी और एक शहर में पूरे परिवार को एक फैक्टरी में रोजाना सफाई करने का काम करना पडा जिसने जिम कैरी की आत्मा तक तो ठेस पहुंचा दी थी।
जिम कैरी जब भी बच्चो को खेलते देखते तो उन्हे अपने हालातों पर बहुत गुस्सा आता। अपने परिवार की ऐसी हालत देख जिम कैरी की मां डिप्रैशन में रहने लगी और वह बिस्तर पे ही लेती रहती थी। पंरतु जिम कैरी एक अच्छे बेटे थे इसलिए वह अक्सर स्कूल से आने के बाद अपनी मां को खुस करने के लिए उन्हे जोक सुनाया करते थे जिससे जिस कैरी की ना थोडा अच्छा मेहसूस करती थीं।
अपने परिवार को संभालने के लिए जिम कैरी ने 12 साल के उम्र में ही फुल टाइम सफाई का काम करना सुरु कर दिया जिससे उन्हे अपना स्कूल छोड़ना पड़ा। 15 साल की उम्र में जिम कैरी एक स्टैंडअप कॉमेडी छोटे से शो में शो करने गए।
लोगों को वह इतना ज्यादा बुरा लगा की उन्हे हटाने के लिए स्टेज पे 3 बार सोंग्स चलाए गय ताकी वह चले जाएं फिर लोगों ने उन्हे हाथ पकड़ की बाहर निकाल दिया जिससे उन्हे बहुत बुरा लगा पर वह अपने हुनर को जानते थे।
इसलिए उन्होने खुद से कहा की इन लोगों में इतनी समझ नही की यह मेरे जोक्स को समझसकें इसलिए मुझे समझदार लोगों में जाना होगा यह बाकायी एक हसी दिलाने वाली बात थी की कोई खुद को मोटिवेट रखने के लिए दूसरों के बेवकूफ समझने लगा।
अपने हुनर से कामयाबी पाने के लिए वह Los Angeles चले गए और सपने देखा करते की एक दिन वह Hollywood पे राज करेगे।
उन्हे खुद पे इतना ज्यादा भरोसा था की उन्होंने एक Bank Check में Amount 10,00000$ लाख डॉलर डाला और उसपे तारीख 5 साल आगे की डाली की ऐसा ही चैक में 5 साल बाद एक अच्छा इंसान मेरी कामयाबी के लिए देगा।
पर कुछ समय बाद जिम कैरी के पिता की मृत्यु हो गई फिर जिम कैरी ने अपना वह नकली चैक अपने पिता के मृत्य शरीर की कोट की जेब में डाल दिया जोकि काफ़ी हंसाने वाली बात थी।
जिम कैरी को लोग धीरे धीरे जानने लगे और वह फेमस होने लगे क्योंकि वह एक अच्छे कलाकार थे, 5 साल बाद उन्हे एक फिल्म ऑफर हुई जिसका नाम Dumb And Dumber था जिसके लिए जिम कैरी को 10,00000$ लाख डॉलर का चैक दिया गया और यहीं पर जिम कैरी की जिन्दगी का सपना पुरा हुआ।
जिसके बाद उन्होने हॉलीवुड पे राज किया उनके जैसा हॉलीवुड में कोई भी कॉमेडी एक्टर नही है और वह अद्भुत इन्सान है जिम कैरी कहते है की कभी किसी भी समस्या के कारण हिम्मत न हारें जीवन का हिस्सा परिश्रम है पर कामयाबी हमारा हक है हमे इसके कायनात से छीनना पढ़ता है अपनी मेहनत के दम पर।
2.श्रीकांत बोला (Srikanta bolla) Motivational Short Story In Hindi
श्रीकांत का जन्म आंध्र प्रदेश के सीतारामपुरम में हुआ था पर जब वह पैदा हुए तो वह देख नही सकते थे मतलब की वह जन्म से ही नेत्रहीन थे।
गांव वालों ने कहा की इसको पालना आप पर बोझ होगा बच्चे मां बाप का सहारा होते है पर यह आप पर ही एक दिन बोझ बन जायेगा इस लिए इसकी परवरिश न करें इसे मिटा दिया जाय पर श्रीकांत के मां बाप ने किसी की बात नही सुनी और बड़े होने पर उनका एडमिशन नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में कराया।
10th में श्रीकांत ने आंध्र प्रदेश बोर्ड से 90% मार्कस से टॉप किया जिसके बाद उन्होने साइंस स्ट्रीम लेने का विचार बनाया पंरतु उन्हे यह कह कर साइंस लेने से मना कर दिया गया की दृष्टिहीन बच्चे साइंस नहीं ले सकते जिस बात ने उन्हे बहुत निराश किया।
परंतु श्रीकांत एक एजुकेटेड स्टूडेंट थे उनके हिसाब से सभी के साठ सामान्य व्यवहार होना चाहिए। इसलिए आंध्र प्रदेश बोर्ड के खिलास केस फाइल कर दिया जोकि 6 महिने तक चला जिसके बाद आंध्र प्रदेश बोर्ड की हार हुई और श्रीकांत की जीत हुई जिसके बाद उन्हे एडमिशन दे दिया गया।
श्रीकांत ने 12th में 98% से टॉप किया। फिर उन्होने IIT एंट्रेंस देने का विचार बनाया पर उन्हे IIT एंट्रेंस एक्जाम ने नही बैठने दिया गया सभी भारतीय यूनिवर्सिटीज ने हाथ खडे कर दिए कोई भी श्रीकांत को एडमिशन नही देना चाहते थे।
फिर उन्होने अमेरिका की यूनिवर्सिटीज ने अप्लाई किया और उन्हे वहां सेलेक्ट कर लिया गया फिर श्रीकांत ने अमेरिका से अपनी शिक्षा पुरी करी फिर अमेरिका में श्रीकांत को कई नौकरी के ऑफर आए पर उन्होने किसी को भी एक्सेप्ट नही किया और भारत वापस आ गए।
श्रीकांत ने भारतीय दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को सुधारने का प्रयास करना शुरू कर दिया और उन्होने Bolant Industries नाम की एक कंपनी खोली जहा उन्होने दिव्यांग और दृष्टिहीन व्यक्ती को दिल खोल कर नौकरियां दि और लाखों लोगों को रोजगार दिया जिन्हे दुनियां घृणा की निगाह से देखती है।
इस प्रकार श्रीकांत ने अपने द्रण संकल्प से अपनी दुनियां में एक अनोखी पहचान बनाई और वह अमेरिका के पहले भारतीय एजुकेटेड पर्सन बने जिन्हे दुनियां ने बहुत सम्मान दिया।
3. मुनीबा मजारी (Muniba mazari) Motivational Short Story In Hindi
मुनीबा को पाकिस्तान की आयरन लेडी कहा जाता है पर क्यों जानेंगे विस्तार से। मुनीबा मजारी का जन्म 3 मार्च 1987 में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुआ था मुनीबा बलोच परिवार से थी मुनीबा को बचपन से ही पेंटर बनने का बहुत शौक था।
लेकिन उनका सपना उनकी फैमिली की वजह से पूरा न हो सका करीब 18 साल की उम्र में मुनीबा ने अपने पिता के कहने पर शादी कर ली। लेकिन मुनीबा का शादी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था उनकी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल नहीं थी मुनीबा शादी के साथ सादी के तीन साल बाद ही एक ऐसी दुर्घटना घटी जिसने मुनीबा की पूरी जिंदगी बदल कर रख दी।
एक कार एक्सीडेंट में उनकी रीड की हड्डी टूट गई जिससे वह अब जीवन भर चल नही सकती थीं। उन्होने बताया की उनका पति कार चलाते वक्त सो गया था और एक्सीडेंट होते वक्त वह कार से कूद गया था पर मुनिबा भी कूद पाई जिससे उनकी जिंदगी खराब हो गई।
परंतु कि उनका पति कार चलाते हुए सो गया था और उतने में ही गाड़ी के बेकाबू हो जाने के बाद वह बाहर कूद गया लेकिन मुनीबा कार के अंदर ही रह गई और उस दुर्घटना के दौरान उन्हें बुरी तरीके घायल हो गई ढाई महीने तक हॉस्पिटल में रहने के दौरान जब वह बाहर आई तो उन्हें पता चला कि वह पहले की तरह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती है डॉक्टर ने उन्हें बताया कि वह कभी मां नहीं बन सकती हैं।
अभी इतनी परेशानियां कुछ कम नहीं थी कि एक और बड़ी परेशानी आ गई मुनीबा के विकलांग हो जाने के बाद उनके पति ने उन्हे एक साल के बाद तलाक दे दिया उसने सोचा अब यह किसी काम की नहीं है इसका बोझ कौन।मुनीबा का पति उनका सहारा था लेकिन उसने भी ऐसे बुरे वक्त में उनका साथ छोड़ दिया।
दोस्तों इतनी दिक्कत अगर किसी और लड़की के साथ हो जाती तो वह कब तक सुसाइड कर चुकी होती लेकिन मुनीबा ने तय किया कि वह किसी और पर निर्भर नहीं रहेंगी और अपनी जिंदगी खुद जियेंगी। मुनीबा का कहना था मैं नी संदेश स्वीकारती हूं कि मैं मेरे शरीर की वजह से मैं कैद हूं पर मेरा मन आजाद है और मेरी आत्मा भी मैं अब भी बड़े सपने देख सकती हूं।
और फिर मुनीबा ने ठान लिया कि वह अपने पेंटिंग के शौक को पूरा करेंगी उन्होंने रंग और कूची मंगवाई और अपनी सारी भावनाओं को रंगों और रेखाओं के माध्यम से व्यक्त करना शुरू कर दिया धीरे धीरे उनकी कला को पहचान मिलने लगी मुनीबा ने चेयर पर होने के बाद भी मॉडलिंग की और यहां तक कि उन्होंने गाना भी गाना शुरू कर दिया।
वह महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाने में भी आगे रहती हैं आज वह मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर सबसे ज्यादा चर्चा में रहती है। अब मुनीबा एक मां भी बन चुकी है उन्होंने एक बच्चे को गोद भी ले लिया है और आज मुनीबा संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की नेशनल अंबैसडर है।
ब्रिटिश समाचार संस्था बीबीसी ने साल 2015 में उन्हें अपनी हंटर वूमेन सीरीज में शामिल किया था यहां तक कि उन्हें फोर्ब्स पत्रिका ने 2016 में 30 साल से कम उम्र की दुनिया की 30 शख्सियतों में शुमार किया था।
दोस्तों अगर इस कहानी ने आपके अंदर थोड़ी सी भी आग लगाई है तो तुम शुरू तो करो अपने सपनों से प्यार करो और ठान लो कि जब तक वह हासिल न हो जाए तब तक कोशिश करना नहीं छोड़ोगे और जीवन में कभी किसी समस्याके आगे अपने घुटने नही टेकेंगे।
4.निकोलस वुजीसिक (Nicolas vujicic) Motivational Short Story In Hindi
निकोलस वुजीसिक का जन्म 1982 को मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया में हुआ जन्म से ही उनके हाथ पैर नहीं थे डॉक्टरों के बहुत प्रयासों के बाद भी वह निकोलस को ठिक नही कर पाए।
निकोलस को बचपन में कई मुश्किलों का सामना करना पढ़ता था जिससे वह एक बार इतने ज्यादा परेशान हो गए की 10 साल की छोटी सी उम्र में उन्होने आत्महत्या करने का प्रयास किया था।
परंतु उन्हे बचा लिया था फिर उन्होंने अपने माता पिता की हालत देखी जोकि उनसे बहुत प्यार करते थे इसलिए निकोलस ने जीने का फैसला किया और पैर की जगह पर निकली छोटी छोटी उंगलियों से लिखना और पढ़ना सीखा।
जब वह बड़े हुए तो वह एक मोटिवेशनल स्पीकर बने जोकि दुनियां के लिए प्रेरणा हैं और उन्होने अपनी पहचान दुनियां को बताने के लिए एक कंपनी भी खोली किसका Attitude Is Attitude रखा जिसकी सफ़लता के कारण आज के समय में निकोलस वुजीसिक दुनियां के सबसे अच्छे मोटिवेशनल स्पीकर में से एक है और दुनियां के लिए एक चलती फिरती मिसाल हैं।
5.सेडियो माने (Sadio mane) Motivational Short Story In Hindi
हम बात करने वाले हैं इस सदी के सबसे महान फुटबॉलर में से एक सेडियो माने के बारे में जहां इनका जन्म हुआ वहां 90% लोगों के पास दो वक्त का खाना नहीं होता था। गरीबी इतनी ज़्यादा थी की सेडियो माने ने बचपन में कई बार मिट्टी खा के गुजारा किया था।
12 साल की उम्र में सेडियो माने को अपनी जिंदगी का पहला फुटबॉल ट्रायल देने के लिए घर से 160 किलो मीटर दूर जाना था, तो वहां जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे तो वह पैदल चलके गए थे।
जब वह वहां पहुंचते है तो दौड़ते-दौड़ते सेडियो माने के जूते फट चुके थे जिस कारण सभी उन्हे गिरी नजर से देख रहे थे।
परंतु वह गरीब परिवार से थे इसलिए उनके नसीब में यही है यह बात वह अपने दिमाग में बैठा चुके थे, और उन्होने बहुत ही कमाल का ट्रायल दिया जिससे सभी हैरान हो गए परंतु किसी ने भी उनकी प्रसंशा नही करी।
जब वह घर पहुंचे तो उनके पिता की मृत्यु हो चुकी थी, क्योंकि इनके गांव ने कोई भी हॉस्पिटल नही था इसलिए उनके पिता की मृत्यु हो गई। गरीब और लाचारी ने उन्हे और भी मजबूत बना दिया उनका हुनर कमाल का था उन्हे कोई भी फुटबॉल में हरा नहीं पाता था इसलिए वह जीवन में बस आगे बढते गए।
समय बीतता है और जब सेडियो माने दुनियां की सबसे बड़ी लीग खेलने इंग्लैंड जाते हैं तो सिर्फ 13 मिनट के अंदर तीन गोल दागकर दुनिया को बता देते हैं कि टैलेंटेड प्लेयर्स सिर्फ शहर के ग्राउंड में नहीं मिलते कुछ टैलेंटेड प्लेयर्स गांव की गलियों में भी होते है।
सेडियो माने इस समय बहुत पैसा कमाते है और आज के समय में एक बेहतरीन जीवन जीते हैं यह अपनी कमाई का 60% पैसा गरीब बच्चों को दान कर देते है। जिनके पास रहने के लिए घर खाने के लिए रोटी नहीं होती आज यह गांव में 6 हॉस्पिटल खुलवा चुके है जहां एक हॉस्पिटल न होने की वजह से इनके पिता की मृत्य हो गई थी और उसी गांव में स्कूल बनवा चुके है जहां कभी यह स्कूल ना होने की वजह से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे।
6.सल्वेस्टर स्टेलोन (Sylvester Stallone) Motivational Short Story In Hindi
एक समय के रह चुके सबसे बडे़ हॉलीवुड एक्टर्स में से एक सल्वेस्टर का नाम सुनते ही लोग मोटिवेट हो जाते है ऐसा इसलिए है क्योंकि इनके जीवन में बहुत कुछ दुखद हुआ है जोकि शायद ही कोई सहन कर पाए।
सल्वेस्टर का जन्म 6 जुलाई 1946 में न्यू यॉर्क सिटी में हुआ था डॉक्टर के गलती के कारण सल्वेस्टर के चेयर की एक छोटी नस गलती से कट गई थी जिस वजह से उनका चेहरा आज भी अजीब नजर आता है।
1950 में सल्वेस्टर का परिवार वॉशिंगटन डीसी सिफ्ट हो गया जहां उन्होने लिंगटन हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई पुरी करी आखिर में University Of Miami से अपनी पढ़ाई पुरी करने के बाद वह अपने एक्टिंग करियर को लेके काफ़ी सीरियस हो गए।
क्योंकि उन्हे बचपन से ही एक्टिंग का बहुत शोक था, जिसे वह कभी भी दबाना नहीं चाहते थे। उन्होने कई एक्टिंग क्लासेस ली और बहुत जगह रोल के लिए भटके पर उन्हे कोई भी रोल नही देता था पर 1970 में उन्हे छोटे मोटे रोल मिलने चालू हुए पर उनसे मिले पैसों से उनके घर का गुजारा भी नही हो पाता था।
फिर इसी दौरान सल्वेस्टर ने 1974 में सादी कर ली जिससे अब उन्पे और भी जिम्मेदारियां आ चुकी थीं। पर उन्होने हार नही मानी और कई जगह एक्टिंग के लिए भटकते रहे उन्होंने राइटिंग में भी हाथ आजमाया पंरतु उनकी स्टोरी किसी ने नही खरीदी कई दिनो तक ऐसा ही हुआ किसी ने स्टोरी नही खरीदी सल्वेस्टर को स्टोरी पे भरोसा था पर डायरेक्टर्स को वो पसंद ही नहीं आ रही थी।
बहुत समय तक सल्वेस्टर भटकते रहे। एक समय ऐसा आया की उनके घर में खाने को नहीं था जिस कारण उन्हे दुनियां का सबसे लाचार इंसान मेहसूस हुआ क्योंकि उन्हे अपनी खाना लाने के लिए अपने कुत्ते को बेचना पड़ा जिसे उन्होने पाल के बडा किया था।
यह सल्वेस्टर के जीवन का सबसे मुश्किल वक्त था जब वह सबसे ज्यादा लाचार मेहसूस कर रहे थे पर फिर उनकी वाइफ ने सल्वेस्टर को हिम्मत दी और कहा की हम पैसे जुटा के उसे दोबारा खरीद लेंगे।
यह बात सल्वेस्टर को अच्छी लगी तभी दूसरे दिन एक डायरेक्टर के पास गए जिसे सल्वेस्टर की कहानी पसंद आई जिसके लिऐ डायरेक्टर्स ने सल्वेस्टर 1,25,000$ डॉलर का चैक दिया। पंरतु सल्वेस्टर की शर्त थी की उन्हे मैन रोल दिया जाय जोकि डायरेक्टर्स को पसंद नही था इसलिए उन्होने कहा की यदि तुम रोल करोगे तो तुम्हे सिर्फ 30,000$ डॉलर ही मिलेंगे पर सल्वेस्टर मान गए क्योंकि उन्हे दुनियां में अपनी पहचान बनानी थी।
उन्होने 30,000$ का चैक लिया और पैसे बैंक से निकाले सबसे पहले वह अपने कुत्ते को लेने गए जिसका मालिक अब उस कुत्ते को बेचने को तैयार नही था। उस कुत्ते का नया मालिक सल्वेस्टर के कुत्ते के प्रति इमोशंस को समझ गया था जिसके बाद उसने कहा की अगर तुम ले सकते हो तो मै तुम्हे यह कुत्ता 15,000$ डॉलर का दूंगा।
यह सुन सल्वेस्टर हैरान थे क्योंकि उन्होने वह कुत्ता सिर्फ 20$ डॉलर में बेचा था पर वह कुत्ता उनका सब कुछ था इसलिए उन्होने उस कुत्ते को 15,000$ डॉलर में खरीद लिया।
और जब सल्वेस्टर की फिल्म रिलीज़ हुई तो उसने तहलका मचा दिया जोकि सुपर डुपर हिट रही जिसका नाम Rockey था। जिसने अपनी कामयाबी के लिए Oscar Award जीता जिससे सारी दुनियां में सल्वेस्टर की कामयाबी के चर्चे होने लगे इस प्रकार सल्वेस्टर ने अपनी जिंदगी के काले साए को पार किया जिससे वह एक कामयाब इंसान कहलाए जिन्होंने कभी हिम्मत नही हारी और जब तक कामयाबी नही मिली हिम्मत नही टूटने दी।
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