Manu Bhaker Biography: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को गर्भ महसूस करा के ओलंपिक 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता और मिश्रित टीम में 10 मीटर एयर पिस्टल खेल में अपने मित्र सरबजोत सिंह के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस प्रकार उन्होंने 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं यह कारनामा कर के मनु ने सभी का दिल जीत लिया है।
वह भारत को निसानेबाजी में मेडल दिलाने वाली पहली भारतीय महिला बन चुकी है। उन्होंने जीवन में कई बार नाकामयाबी देखी उसके बाद वह इस काबिल बनी की दुनियां उनकी प्रशंसा कर रही है इसलिए जानेंगे Manu Bhaker Biography in hindi भाषा में ताकी उनके बारे में बेहतर तरीक़े से जाना जा सके
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा Manu bhaker biography in hindi
मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को गोरिया, झज्जर, हरियाणा में हुआ था। मनु के पिता का नाम रामकिशन है और मनु की मां का नाम सुमेधा है। manu bhaker cast In Hindi भाषा में कहें तो वह “जाट” हैं मनु भाकर के पिता रामकिशन मर्चेंट नेवी मैं चीफ इंजीनियर है और मनु की मां पास के स्कूल में प्रिंसिपल है।
मनु का जीवन शुरू से ही काफी ज्यादा देशी रहा है क्योंकि वह एक हरियाणवी परिवार में जन्मी है इसीलिए उनके माता पिता उन्हे बचपन से ही स्पोर्ट्स की तरफ़ लेके गए।
मनु जब स्कूल में थी वह हमेशा कई खेलों में भाग लेती थी जैसे स्विमिंग, कराटे, टेनिस, स्केटिंग, मुक्केबाजी इत्यादि उन्हे बचपन से ही खेलों में भाग लेना काफी ज्यादा पसंद था। पर मनु इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन नही कर पाती थी इसमें कोई शंका नही की वह एक कुशल खिलाड़ी थी पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
खेल में रुचि और विकास Manu bhaker biography in hindi
मनु जब सिर्फ 14 वर्ष की थीं तब उनके पिता उन्हे शूटिंग रेंज में घुमाने लेके गए पर मनु के मन में कुछ ख्याल आया और उन्होंने स्पोर्ट शूटिंग पिस्टल से निशाना साधा और डायरेक्ट प्वाइंट पर मारा। एक 14 वर्ष की लडकी का सटीक निशाना देख सभी हैरान थे पर मनु के पिता अपनी बेटी का हुनर समझ चुके थे।
सटीक निशाना लगाने के बाद मनु अपनी इस कला में इंटरेस्ट लेने लगी उस समय रियो ओलंपिक 2016 खत्म हुए कुछ ही समय हुआ था। मनु ने अपने पिता से स्पोर्ट शूटिंग पिस्टल लाने को कहा ताकी वह उसमे महारत हासिल कर सके।
मनु के पिता जोकि हमेशा से उनकी परवाह करते थे वह अपनी बेटी की कला को समझ चुके थे इसलिए उन्होंने मनु को स्पोर्ट पिस्टल लाके दी। मनु उस पिस्टल से ट्रेनिग करने जाया करती थी पर इस कारण उनके पिता को अपनी नौकरी भी गवानी पड़ी थी।
क्योंकि किसी नाबालिग को पिस्टल कैरी करने की अनुमति नही है। पर इन समस्याओं के कारण भी मनु के पिता ने कभी अपनी बेटी को निराश नही होने दिया और अपनी बेटी की परछाई की तरह हमेशा उसके साथ रहे।
मनु अपनी ने ठान लिया था की वह आने वाले वर्षों में भारत के लिऐ मेडल लाएंगी जिसके लिऐ उन्होंने कड़ी मेहनत करनी शुरू करी। मनु अक्सर ट्रेनिंग करने के दौरान सोंग्स सुना करती थी यह उनकी ट्रेनिंग करने का सबसे अद्भुत तरीका था।
शूटिंग करियर की शुरुआत Manu bhaker biography in hindi
Manu Bhaker Biography : सिर्फ़ 15 साल की उम्र जिस उम्र में बच्चे नादानी भरी हरकतें करते हैं उस उम्र में मनु भाकर ने 2017 में ओलंपियन रह चुकी हीना सिद्धू को पीछे छोड़ दिया और नया रिकॉर्ड बनाया उन्होंने 242.3 के स्कोर का रिकॉर्ड बनाया और 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में हीना सिद्धू को पीछे छोड़ दिया इस प्रकार वह फाइनल में सेलेक्ट हो गई।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ Manu bhaker biography in hindi
आपको जानकर हैरानी होगी की 15 साल की उम्र में मनु भाकर ने 2017 में Asian Junior Shooting Championship में सिल्वर मेडल जीता था जोकि सच में काबिल ए तारीफ है।
इससे भी ज्यादा अद्भुत बात तो यह है की 16 साल की उम्र में 2018 में मनु भाकर ने मेक्सिको के ग्वाडलजारा में अंतर्राष्ट्रीय खेल शूटिंग महासंघ (ISSF) World Cup में Women’s 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में पहुंचने के लिए Qualification राउंड में Junior World Record तोड़ दिया था।
और मनु भाकर ने Olympic Gold Medalist अन्ना कोराकाकी और World Cup Winner सेलिन गोबरविले एवं लोकल फेवरेट अलेजांद्रा ज़वाला को हरा कर गोल्ड मेडल जीता था।
मनु ने गोल्ड मेडल जीतने के लिए 237.5 अंक हासिल किए थे जोकि बाकायी तारीफ के लायक हैं। और इस प्रकार मनु भाकर जोकि सिर्फ 16 वर्ष की एक सामान्य लडकी थी वह ISSF World Cup जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय विजेता और सबसे कम उम्र की ISSF World Cup Winner बनी।
प्रमुख उपलब्धियाँ और पुरस्कार Manu bhaker biography in hindi
मनु भाकर ने 2018 के ISSF World Cup में 10 मीटर एयर पिस्टल में व्यक्तिगत और मिश्रित टीम वर्क में Gold Medal जीता था यह उनके लिऐ अद्भुत उपलब्धि थी।
यह सब होने के एक महिने बाद ही 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स जोकि ऑस्ट्रेलिया के कोस्ट में हुए थे वहां मनु भाकर ने सभी को पीछे छोड़ते हुए वूमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता था। तब उनकी उम्र सर्फ 16 साल थी।
इसके कुछ समय बाद मनु भाकर ने ISSF Junior World Cup में 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता साथ ही उन्होंने अपनी टीम के साथ Bronze medal भी जीता। पर इसी के साथ उन्हे थोड़े दुख का भी सामना करना पढ़ा उन्हे 25 मीटर की पिस्टल से बाहर कर दिया गया।
2018 में मनु भाकर ने buenos aires argentina यूथ ओलंपिक गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल मुकाबले में Gold Medal जीता और वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला शूटर बनी। इसके अलावा मनु भाकर यूथ ओलंपिक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी।
ISSF World Cup 2018 Gold Medal जीतने वाली मनु सबसे कम उम्र की भारतीय महिला शूटर बनीं थी और विजेता भी।
2018 में राष्ट्रमंडल खेलों में Gold Medal जीतने वाली सबसे कम उम्र की दूसरी महीला शूटर बनी।
2018 में गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में मनु भाकर ने 240.9 अंक बना के एक नया रिकार्ड स्थापित किया था जोकि सबसे अद्भुत है।
2019 में मनु भाकर ने चीन के पुतिन में होने वाले ISSF World Cup में 10 मीटर एयर पिस्टल खेल में स्कोर 244.7 अंक प्राप्त करके सबको पीछे छोड़ Gold Medal जीता था।
2018 में mexico की सिटी ग्वाडलजारा में हुए ISSF world Cup में मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल कम्पटीशन में Gold Medal जीता था।
2019 में New Delhi में आयोजित ISSF World Cup में 10 मीटर एयर पिस्टल में मिश्रित टीम के साथ Gold Medal जीता।
2019 में बीजिंग में हुए ISSF World Cup में 10 मीटर एयर पिस्टल खेल में मनु भाकर ने मिश्रित टीम के साथ Gold Medal जीता था।
2019 में Germany की प्रमुख सिटी म्यूनिख में हुए ISSF World Cup में 10 मीटर एयर पिस्टल खेल के मिश्रित टीम विकल्प में मनु भाकर ने अपनी टीम के साथ Gold Medal जीता था।
2019 में हुए Rio de Janeiro में हुए ISSF World Cup में 10 मीटर एयर पिस्टल में मनु ने मिश्रित टीम में Gold Medal जीता था।
2019 में Qatar में आयोजित Asian Shooting Championship में मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल में Gold Medal जीता था।
इतने सभी पुरुष्कार जीतने के बाद भी मनु भाकर संतुष्ट नही थी क्योंकि उनका सपना ओलंपिक में मेडल लाना था।
प्रशिक्षण और कोचिंग manu bhaker coach in olympics
manu bhaker coach in olympics: मनु भाकर को paris Olympic के लिऐ 10 मीटर एयर पिस्टल ट्रेनिंग उनके कोच जसपाल राणा ने दी है जोकि एक बेहतर शूटिंग कोच हैं और वह अपने इस हुनर में माहिर है जिसका नतीजा सभी जानते हैं की उनके द्वारा दी गई ट्रेनिंग का परीणाम ही है की मनु भाकर Paris Olympic में Bronze Medal जीती हैं।
जीवन की मुश्किलें और संघर्ष Manu bhaker biography in hindi
वर्ष 2020 में मनु भाकर Tokyo Olympic से बाहर हो गई थी जिससे उन्हे बहुत दुःख हुआ पर मनु ने पूछने पर बताया की इस नाकामयाबी की वजह मेरे कोच जसपाल राणा है क्योंकि उनका रवैया मेरी ट्रेनिंग के दौरान ठीक नही था जिस कारण ट्रेनिंग ठीक से नही हो पाई।
Tokyo Olympic से बाहर होने का दुख बड़ा था इसलिए मनु काफी समय तक तनाव में रहि पर मनु के कोच जसपाल राणा ने अपनी काबिलियत को साबित करने के लिऐ मनु को paris Olympic में मेडलिस्ट बनाने का सफ़र शुरू किया।
मनु हमेशा मेहनत करती रही और उन्होंने कभी हिम्मत नही हारी और बेहतर कल के लिऐ मेहनत करती रही। और यहीं उनकी कामयाबी का मूल मंत्र है इसी लिऐ वह इस लायक बनी हैं की आज के समय सभी उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।
क्योंकि वह Parish Olympic में भारत के लिऐ 10 मीटर एयर पिस्टल में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय और सबसे कम उम्र की महिला एथलीट शूटर हैं। मनु भाकर ने Parish Olympic में 10 मीटर एयर पिस्टल में में Bronze Medal जीता है।
और मिश्रित टीम में उन्होंने अपने पार्टनर सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता है मतलब मनु भाकर ने एक ही समय पर पेरिस ओलंपिक में 2 मेडल जीते हैं इसलिए वह चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
अन्य रुचियाँ और शौक
मनु ने जब शूटिंग में अपना कदम नही रखा था तब वह टेनिस, स्केटिंग और बॉक्सिंग जैसे खेलों में हिस्सा लिया करती थी जिसमे उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पर कई पुरुष्कार और मेडल्स भी जीते हैं।
मनु भाकर को ताजे फल और अपनी मां के हाथ के आलू के पराठे बहुत ज्यादा पसंद हैं वैसे तो एथलीट को मीठी चीजें खाने को मना करा जाता है पर मनु कभी कभार चूरमा खाती हैं जोकि उन्हे बहुत पसंद है।
इसकी मुख्य वजह है की वह हरियाणा की रहने वाली देशी छोरी हैं और चूरमा जैसी अनोखी चीज़ उन्हे अपने माहोल से जोड़े रखती है।
सामाजिक योगदान और प्रेरणा Manu bhaker biography in hindi
मनु भाकर को जब भी मौका मिला उन्होंने ज्यादा से ज्यादा कन्याओं को खेल में रूची दिखाने के लिऐ प्रेरित किया ताकी वह खेल के माध्यम से महिलाओं के प्रती छबि को सुधार सकें और अपना जीवन बेहतर कर सकें।
मनु ने हमेशा शिक्षा और खेल के दौरान नियंत्रण बनाए रखा और जीवन में वह कारनामे करे जोकि किसी सामान्य व्यक्ती के लिऐ नामुमकिन हैं इसलिए उनके इस नियंत्रण ने सभी को शिक्षित किया है की शिक्षा के साथ में किसी कार्य में महारत भी हासिल की जा सकती है।
मनु भाकर ने ज्यादा से ज्यादा सामाजिक कार्य में भाग लेने का सदा प्रयास किया है ताकि वह लोगों को प्रेरित कर सकें और युवा खेलों के लिए प्रोत्साहित करें
मनु को पर्यावरण से बहुत ही ज्यादा प्यार है जिसके लिए उन्होंने सदा पर्यावरण को सम्मान दिया है और लोगों से कहा है कि पर्यावरण को सुरक्षित करना मानवता बचाने के जैसा है और ईश्वर की राह में अच्छे काम करने के बराबर है।
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