हर बच्चे को सुननी चाहिए मनोरंजन से भरी छोटी प्रेरणादायक कहानियाँ Short Motivational Story In Hindi For Kids

Short Motivational Story In Hindi For Kids

Content Of This Post

बूढ़ी अम्मा की सुई Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक बार एक व्यक्ति अपने घर की तरफ जा रहा था तभी उसे एक चमकते हुए खंबे की लाइट के नीचे एक बुद्धि अम्मा दिखाई दी जोकि कुछ ढूंढ रही थी अम्मा को परेशान देखकर व्यक्ति उनके पास गया और उनसे पूछा कि आप क्या ढूंढ रही हैं।

अम्मा ने बताया कि बेटा मैं सुई ढूंढ रही हूं अम्मा की मदद करने के लिए वह व्यक्ति भी लाइट के नीचे सुई ढूंढने लगा काफी देर तक सुई न मिलने पर व्यक्ति ने अम्मा से पूछा।

अम्मा पक्का ? आपकी सुई इसी स्थान पर खोई थी तब अम्मा ने बताया कि नहीं बेटा मेरी सुई तो मेरी कुटिया में खोई थी परंतु वहां उजाला नहीं था इसलिए मैं उसे यहां ढूंढने के लिए आ गई।

तब व्यक्ति ने समझाया की अम्मा आपको सुई वही ढूंढनी चाहिए आपको सुई वही मिलेगी यह कहानी जीवन के एक अनोखे सच से रूबरू कराती है। 

कहानी से सीख 

समस्या का हल हमेशा सही स्थान पर ढूंढना चाहिए जीवन में हम कभी-कभी समस्याओं का समाधान वहां तलाशते हैं जहां आसानी होती है, न कि जहां असल में जरूरत होती है सही मार्ग पर कोशिश करने से ही पक्का समाधान मिलता है।

तीन मछलियां

एक बार एक मछुआरा एक तालाब के पास आया और उसने तालाब के पास खड़े होकर कहा कल मैं इस तालाब में जाल डालूंगा क्योंकि इसने बहुत मछलियां हैं और वह वहां से चला गया।

उसी तालाब में तीन मित्र मछलियां रहती थी जो हमेशा एक दूसरे के साथ रहती थी पहली और दूसरी मछली ने तीसरी मछली से कहा कि मछुआरा तालाब में कल जाला डालेगा इसलिए हमे छोटी नहर के सहारे दूसरे तालाब में चला जाना चाहिए।

तीसरी मछली ने कहा यह तालाब हमारा घर है हम यहां से नहीं जाएंगे तुम्हें मुझे छोड़ के जाना है तो जाओ बाकी दोनों मछलियां जानती थी कि उन्हें जान का खतरा है।

बहुत समझाने के बाद भी वह तीसरी मछली को नहीं माना पाईं इसलिए प्राण बचाने के लिए वह दोनों उस तालाब को छोड़कर छोटी नहर के सहारे दूसरे तालाब में चली गईं।

अगले दिन जब मछुआरे ने तालाब में जाल डाला तब तीसरी मछली उसमें फंस गई और उसकी मृत्यु हो गई क्योंकि उसने खतरे को छोटा समझकर अनजाना कर दिया था। 

कहानी से सीख

इस हमें किसी भी खतरे को छोटा नहीं समझना चाहिए और जीवन में किसी भी खतरा को महसूस करने के तुरंत बाद ही हमें उसके प्रति गतिविधि करनी चाहिए ताकि समस्या को बढ़ने से पहले ही रोका जा सके यही बेहतर जीवन जीने का मंत्र है।

कुएं का रहस्य Short Inspirational Stories in Hindi for Students

एक छोटा पिल्ला बहुत ज्यादा शरारती था उसके पिता उसे शरारत करने के लिए मना करते थे परंतु वह नहीं मानता था जिस स्थान पर वह छोटा पिल्ला और उसका परिवार रहता था उसी की थोड़ी दूरी पर एक कुआं था।

जिसमें जाने के लिए अक्सर कुत्ता अपने बच्चों को मना करता था परंतु पिल्ला यह जानना चाहता था कि उसके पिता उसे कुएं के पास जाने से क्यों मना करते हैं इसलिए वह एक बार कुएं के पास गया।

तब उसे कुएं के पानी में अपना ही प्रतिबिंब दिखाई दिया उसे लगा कि नीचे भी एक पिल्ला है जोकि उसे चिढ़ा रहा है वह उसपर भौंकने लगा तभी प्रतिबिंब भी उसपर भौंकने लगा।

इस प्रकार वह पिल्ला और भी ज्यादा गुस्सा हो गया काफी समय तक वह खुद के ही प्रतिबिंब के सामने भौंकते रहा उसने फैसला किया कि वह उससे जाकर लड़ेगा वह कुएं में कूद गया।

तब उसे पता चला कि कुएं में कोई भी नहीं है वह कुएं से बाहर नहीं निकल सकता था और बहुत मेहनत प्रयास करने के बाद वह समझ चुका था कि उसकी मौत नजदीक आ चुकी है।

परंतु तभी एक बुजुर्ग ने उसे कुएं में गिरा देखा उसने रस्सी में बांधकर बाल्टी को कुएं फेंका और पिल्ला उसपर चढ़कर ऊपर आ गया तब उसे एहसास हुआ कि उसके पिता क्यों उसे कुएं के बाहर जाने से मना करते थे उसने कसम खाई कि वह कभी भी अपने माता-पिता की बात को अनसुना नहीं करेगा। 

Short Motivational Story In Hindi For Kids से सीख 

यह Short Motivational Story in Hindi for Kids सिखाती है कि हमें कभी भी अपने माता-पिता की बातों को अनसुना नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनका हर आदेश हमारे भले के लिए ही होता है कभी-कभी जिज्ञासा और शरारत हमें मुसीबत में डाल सकती हैं यह बात हमारे माता पिता जानते हैं इसलिए वह हमारी परवाह करते हैं आपका भी फ़र्ज़ है उन्हें परेशान न करें क्योंकि वह आपसे ज्यादा जीवन के सच जानते हैं।

गुलाब और कैरेक्टर्स Short Inspirational Stories in Hindi for Students

एक तालाब में एक सुंदर गुलाब का फूल था उसी के बगल में एक कैरेक्टर्स का पौधा था वह सुंदर नहीं था जिस कारण अक्सर गुलाब उसका मजाक बनाया करता था जिससे कैरेक्टर का पौधा अक्सर मायूस हो जाया करता था।

मय बदला और एक बार ऐसा हुआ कि कई महीनो तक बारिश नहीं हुई तालाब सूखने लगा और गुलाब मुरझाने लगा तब गुलाब ने देखा कि कैरेक्टर्स अभी भी हरा भरा है और एक चिड़िया उसके ऊपर से चोंच मार कर पानी पी रही है।

मतलब की कैरक्टर्स ने खुद में पानी को जमा कर लिया था गुलाब अक्सर कैरेक्टर्स का मजाक बनाया करता था इसलिए उसमें हिम्मत नहीं थी कि वह कैरेक्टर से अपना जीवन बचाने के लिए पानी मांग सके।

परंतु कैरेक्टर्स गुलाब की मनोदशा जानता था इसलिए उसने चिड़िया को आदेश दिया कि वह उसमें से पानी ले जाकर गुलाब पर भी डाल दे ताकि उसका जीवन बच सके।

स प्रकार जब तक बारिश नहीं हुई तब तक चिड़िया कैरेक्टर्स से ले जाकर पानी गुलाब पर डालती रही इस प्रकार गुलाब का जीवन बच गया और कैरक्टर्स से गुलाब ने अपनी गलत टिप्पणियों के कारण माफी मांगी

कहानी से सीख

हमें दूसरों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, क्योंकि हर किसी की अपनी काबिलियत होती है मुश्किल समय सभी पे आता है इसलिए सभी के प्रति अपना स्वभाव अच्छा रखे ताकि वह बुरा वक्त आने पे आपकी सहायता कर सके दूसरों के गुणों का आदर करना चाहिए और उनके प्रति दयालु रहना चाहिए यही बेहतर मानव की पहचान है।

अंगूर तो खट्टे हैं Short Inspirational Stories in Hindi for Students

एक बार एक लोमड़ी ने फलों के बाग के बाहर एक अंगूर का पेड़ देखा जिस पर रसीले बैंगनी रंग के मोटे-मोटे अंगूर लटक रहे थे जिन्हे देखकर लोमड़ी ने विचार बनाया कि वह उन्हें जरूर खाएगी उसने अंगूरों को प्राप्त करने के लिए लंबी छलांग मारी ताकि वह अंगूरों को मूंह में दवा सके।

परंतु कई बार छलांग मारने के बाद भी वह एक भी अंगूर को हासिल नहीं कर सकी आखिरकार उसने मन में विचार बना लिया कि वह हार मान कर चली जाएगी उसने जाते समय कहा “अंगूर तो वैसे भी खट्टे हैं” और वह यह कह कर वहां से चली गई।

कहानी से सीख 

जब हम किसी चीज को हासिल नहीं कर पाते तो अक्सर उसकी कमी निकालते हैं यह एक नकारात्मक प्राणी की सोच का प्रतीक है हमें असफलता से सीखकर उसे सुधारने की कोशिश करनी चाहिए, न कि खुद को तसल्ली देने के लिए बहाने बनाने चाहिए।

लालची राजा Motivational Small Story in Hindi for Students

एक राजा के मन में लालच जागा कि उसे सृष्टि का सबसे धनी व्यक्ति बना है जिसके लिए उसने घोर तपस्या की और ईश्वर को अपनी तपस्या की वजह से राजी कर लिया उसने ईश्वर से वरदान मांगा कि वह जिस भी चीज को छुए वह सोने की बन जाए।

ईश्वर ने उसे वह वरदान दे दिया अब वह जिस भी चीज को छूता था वह सोने की बन जाती थी उसने अपने पूरे महल को सोने का बना दिया था और वह प्रत्येक चीज को छूकर सोने का बना देता था।

परंतु जब उसे भूख लगी तब उसने भोजन करने का प्रयास किया परंतु वह भोजन भी सोने का बन गया और सख्त हो गया जिस कारण वह भोजन नहीं कर पाया।

राजा की बेटी अपने पिता की शक्ति से अनजान थी इसलिए वह अपने पिता के पास आशीर्वाद लेने के लिए चरणों को छूने के लिए आए जब राजा ने अपनी बेटी के सर पर हाथ रखकर उसे आशीर्वाद दिया तब वह भी सोने की मूर्ति बन गई।

यह देख राजा पीड़ा में डूब गया और चीख मार कर चिल्लाने लगा क्योंकि आज तक उसने अपनी जिंदगी में इतना गम नहीं देखा था वह भूख से तड़प रहा था और उसकी बेटी भी सोने की मूर्ति बन चुकी थी।

तब उसे एहसास हुआ कि यह कोई वरदान नहीं बल्कि एक श्राप है उसने ईश्वर से यह वरदान वापस लेने के लिए विनती करी और माफी मांगी तब ईश्वर ने उस पर रहम करके वह वरदान उससे ले लिया।

फिर राजा की बेटी सामान्य हो गई और राजा भी सामान्य हो गया तब राजा को महसूस हुआ कि अधिक लालच से व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है लालच वह बड़ी मुसीबत है जिससे मानव जीवन जीना मुश्किल हो जाता है।

कहानी से सीख 

यह Short Motivational Story In Hindi For Kids हमे सिखाती है ज्यादा लालच विनाश का कारण बनता है लालच के कारण इंसान सुख-शांति और अपने प्रियजनों को खो सकता है सच्ची खुशी ज्यादा धन में नहीं, बल्कि संतोष और प्रेम में है लालच को त्याग कर ही जीवन में सच्चा सुख प्राप्त किया जा सकता है।

चींटी और टिड्डा Motivational Small Story in Hindi for Students

गर्मी का मौसम था चीटियों का समूह सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा कर रहा था उनका रोजाना का यही काम था तापमान कितना भी गरम हो परंतु वह अपना काम रहती थीं क्योंकि उन्हें पता था कि सर्दी के मौसम में वह अनाज इकट्ठा नहीं कर पाएंगी।

चीटियों को मेहनत करता देख एक टिड्डा उनके पास आया और उनसे कहा कि इतनी गर्मी में क्यों मेहनत कर रही हो मुझे देखो मैं पूरे दिन गाना गाता रहता हूं और जीवन का आनंद लेता हूं जब बुरा वक्त आएगा तब देखा जाएगा।

पहले ही परेशान होने की क्या जरूरत है चीटियों ने उसकी बात को अनसुना कर दिया और अपना काम करने लगी समय बिता और सर्दियों का मौसम आ गया अब चीटियां खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रही थी क्योंकि वह सर्दियों के लिए पहले ही भोजन इकट्ठा कर चुकी थीं।

पर एक दिन चीटियां की बिल में टिड्डा आया और चींटियों से मदद मांगी वह बहुत ही ज्यादा कमजोर हो चुका था उसने बताया कि मैंने सर्दियों के लिए भोजन इकट्ठा नहीं किया था इसलिए अब मैं मृत्यु के करीब होता जा रहा हूं।

क्योंकि मेरे पास खाने के लिए भोजन नहीं है और इतनी ठंडी में भोजन इकट्ठा करने के लिए मैं निकल भी नहीं सकता हूं तब छुट्टियों में उसे कहा कि जब हम मेहनत करते हैं।

तब तुम हमसे कहा करते थे कि जब मुसीबत आएगी तब देखा जाएगा खुद को देखो आप मुझे बता चुकी है अब तुम क्या करोगे तब तब चीटियां ने टुडे को मात्र दो दिन का भोजन दिया और उसे वापस जाने का आदेश दिया। 

कहानी से सीख

Short Motivational Story In Hindi For Kids यह सिखाती है हमें भविष्य के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए मेहनत और अनुशासन का महत्व समझना चाहिए, क्योंकि आलस्य और लापरवाही हमारा जीवन बर्बाद करते हैं समय रहते कार्य करने से कठिन परिस्थितियों में भी हम सुरक्षित रहते हैं।

मोर का दुख Short Inspirational Stories in Hindi for Students

आसमान में घने बादल थे और बिजली कड़क रही थी और बारिश हो रही थी जिससे प्रकृति झूम रही थी इस प्रकृति के बीच में एक मोर बारिश का आनंद लेते हुए नाच रहा था वह बहुत ज्यादा खुश था।

परंतु नाचते-नाचते जब उसने अपने पैरों को देखा तो वह रोने लगा क्योंकि मोर के पैर उसकी खूबसूरती का उल्टा रूप होते हैं वह सुंदर नहीं होते हैं इसलिए मोर अपने पैरों को देखकर रोने लगा।

उसने जब डाल पर बैठे कबूतर को देखा जिसके पैर गुलाबी रंग के चमकीले और सुंदर थे तब वह खुद को बदनसीब समझने लगा और उसने नाचना बंद कर दिया।

यह देख जंगल का राजा शेर उसके पास आया और उसने मोर से कहा कि तुमने नाचना क्यों बंद कर दिया तब मोर ने रोते हुए कहा कि मेरे पैर बदसूरत है जिन्हें देखकर मुझे अपमान महसूस होता है।

तब शेर ने एक कौवे को बारिश में नाचते हुए देखा और मोर को भी दिखाया कि उसके पैर भी काले हैं और जिस्म भी फिर भी वह खुश है पर तुम सुंदर हो सभी तुम्हारी सुन्दरता की तारीफ करते हैं फिर भी तुम खुद को बदकिस्मत समझती हो।

शेर ने ईश्वर में प्रत्येक प्राणी को सोच समझकर बनाया है इसलिए हमें खुद को स्वीकार करना चाहिए और कभी खुद को किसी से कम नहीं समझना चाहिए तब मोर को समझ में आया कि वह श्रेष्ठ है।

फिर भी खुद को कमज़ोर समझ कर खुद का जीवन बर्बाद कर रहा है यह समझने के बाद मोर उस बारिश में बहुत नाचा।

यह कहानी किसी मोर कि नहीं बल्कि मनुष्य की है जोकि खुद को इस दुनिया में दूसरों से कंपेयर करता है और खुद को कमजोर समझना रहता है जिस कारण वह कभी भी तरक्की की उड़ान नहीं भरता। 

कहानी से सीख

यह Short Inspirational Stories in Hindi for Students हमें सिखाती है कि हमें कभी भी खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए एवं अपने गुणों का महत्व समझना चाहिए। यदि हम खुद का सम्मान नहीं कर सकते हैं तो दुनिया भी हमारा सम्मान नहीं करेगी जीवन की किसी छोटी नकारात्मकता को पूर्ण रूप से नकार दें और सकारात्मक को पूर्ण रूप से अपना लें यही जीवन जीने का मूल मंत्र है तभी जीवन सफल होगा।

घमंडी पड़ोसी Short Inspirational Stories in Hindi for Students

एक नगर में दो व्यक्ति रहते थे जोकी एक दूसरे के पड़ोसी लगते थे दोनों को पौधे लगाना बहुत अच्छा लगता था इसलिए उनके घरों में गार्डन थे।

पहला पड़ोसी बहुत ही ज्यादा शांत स्वभाव का था और वह सभी से नर्म भाव से बोला करता था परंतु दूसरा पड़ोसी बहुत ही ज्यादा घमंडी था वह पहले पड़ोसी को दिखाने के लिए अपने गार्डन में तरह-तरह के पौधे लगाया करता था।

वह पौधों को इस प्रकार आकार दिया करता था जिससे पौधे बहुत ही ज्यादा आकर्षित लगा करते थे परंतु ऐसा करने से पौधों की प्रकृति बिगड़ जाती थी और उनकी जड़ें मजबूत नहीं थी क्योंकि वह उनमें कई प्रकार की खादें डालता था।

परंतु पहला व्यक्ति ऐसा नहीं करता था उसे पौधों से प्रेम था और वह उनका सामान्य ध्यान रखा करता था और उनसे ज्यादा छेद छाड़ नहीं करता था बस समय पर उनकी बढ़ती घास काट दिया करता था।

एक रात्रि बहुत बड़ा तूफान आया और बारिश भी हुई जिससे घमंडी पड़ोसी का सारा गार्डन बर्बाद हो गया और उसके पेड़ पौधे उखड़ कर दूर-दूर जाकर गिरे क्योंकि वह पेड़ पौधों से ज्यादा छेद छाड़ करता था।

जिससे वह कभी भी मजबूत नहीं हो पाए और उनकी जड़ें मजबूत नहीं हुई इसलिए वह तूफान को नहीं सह पाए।

पर पहले पड़ोसी के पेड़ पौधे अपने स्थान पर स्थिर बने रहे क्योंकि पहला पड़ोसी पौधों का ध्यान जरुरत अनुसार रखा करता था और उसने पौधों को उनके हाल पर छोड़ रखा था ताकि वह अपनी जड़ों को सही से फैला सके और खुद को मजबूत बना सकें।

इसलिए वह बच गए यह सब देख कर दूसरे दिन घमंडी पड़ोसी को बहुत अफसोस हुआ क्योंकि उसका गार्डन बर्बाद हो चुका था।

Short Inspirational Stories in Hindi for Students से सीख

इस Short Inspirational Stories in Hindi for Students से हमें यह सीख मिलती है कि जब तक हम जीवन में खुद कठिन संघर्ष नहीं करेंगे तब तक हम जीवन के दुखों और मुसीबत से लड़ना नहीं सीख पाएंगे यदि हमारा जीवन किसी और के सहारे चल रहा है तो यकीन मानिए एक दिन हमें धोखा खाना पड़ेगा हमें अपनी जड़ें मजबूत करनी चाहिए और भविष्य के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए यही इस कहानी की सीख है।

अंधे के हाथ में लालटेन Short Inspirational Stories in Hindi for Students

यह एक अनोखी Short Inspirational Stories in Hindi for Students है मोहन नगर नाम के गांव में एक दृष्टिहीन (अंधा) व्यक्ति रहता था वह अक्सर जब भी रात के समय घर से किसी कार्य के लिए निकलता था तो लालटेन लेकर ही निकलता था।

जिस कारण लोग उसका मजाक बनाते थे क्योंकि वह दृष्टिहीन था लालटेन की रोशनी भी उसके लिए किसी प्रकार से फायदेमंद ना थी एक बार वह अपने मित्र के घर से रात्रि के समय भोजन करके अपने घर की तरफ आ रहा था।

रोजाना की तरह अब भी उसके हाथ में लालटेन थी तभी कुछ नौजवान लड़कों ने उसे देखते हुए कहा देखो इस अंधे को अकल नहीं है यह जानता है कि इसे दिखाई नहीं देता है फिर भी यह लालटेन लेकर चलता है।

जिससे दृष्टिहीन व्यक्ति को बहुत बुरा लगा और उसने कहा कि मैं जानता हूं कि मैं दृष्टिहीन हूं और मेरी दुनिया तो बचपन से ही काली और अंधेरे से भरी है परंतु तुम सभी तो देख सकते हो और यह समाज भी आंखों से देख सकता है।

रात्रि के समय क्या पता तुम्हें कम दिखाई देता हो और अगर रात्रि के समय तुमने मुझे टक्कर मार दी तो मुझ लाचार का क्या होगा क्योंकि मैं तो तुम्हें देख भी नहीं पाऊंगा इसलिए मैं यह लालटेन लेकर चलता हूं।

ताकि जिनकी आंखें हैं वह मुझे देख सके और मैं सुरक्षित रहूं यह बात सुनकर सभी नौजवानों को शर्म आ गई और उन्होंने दृष्टिहीन व्यक्ति से अपनी गलत टिप्पणी के कारण माफी मांगी।

Short Inspirational Stories in Hindi for Students से सीख

हमें बिना सोचे समझे दूसरों का मजाक नहीं बनाना चाहिए ऐसा कायर और बुरे लोग करते हैं दृष्टिहीन व्यक्ति ने लालटेन इसलिए रखी ताकि दूसरों को उसे देखने में आसानी हो और वह सुरक्षित रह सके इससे हमें समझदारी और दूसरों के प्रति दया रखने की सीख मिलती है।

शेरनी का घमंड Short Inspirational Stories in Hindi for Students

एक एक घमंडी शेरनी अकेले शिकार पे गई और वह भेड़ियों से जान बचा कर भाग कर आ गई पर गुफा से काफी दूरी पर उसके पैर में एक काटा चुभ गया।

जिससे उसे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा परंतु बहुत कोशिश करने के बाद भी वह उस कांटे को निकाल नहीं पा रही थी उसमें घमंड था इसलिए वह किसी भी जानवर को काटा निकालने के लिए नहीं बोल रही थी।

परंतु उसको दर्द में तड़पता देख एक चूहा उसके पास आया और उसने काटा निकालने की इजाजत मांगी परंतु शेरनी ने मना कर दिया पर चूहे ने अपना कर्म समझते हुए शेरनी के पैर से काटा निकाल दिया और शेरनी को मारने से बचा लिया।

क्योंकि कांटे के कारण शेरनी का काफी ज्यादा खून निकल चुका था और वह जीवन के आखिरी लम्हे तक पहुंच चुकी थी शेरनी के पैर जब काटा निकल गया तब उसे महसूस हुआ कि जो दर्द उसे हो रहा था वह उसके घमंड के कारण था।

क्योंकि वह चाहती तो बहुत पहले ही यह कांटा निकलवा सकती थी जब उसने अपने घमंड को छोड़ा तब एक सामान्य से चूहे ने उसे दर्द से आजाद कर दिया इसलिए रानी ने हमेशा के लिए घमंड को त्याग दिया और वह सभी से नर्म भाव से बोलने लगी।

कहानी से सीख 

यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए घमंड हमें कभी भी कामयाब नहीं होने देगा और यह हमारी कामयाबी के बीच में एक रुकावट है घमंडी व्यक्ति से कोई भी मतलब नहीं रखना चाहता है इसलिए घमंड जैसी बुरी आदत से बचें और सभी से नर्म भाव से बोलें सभी आपका सम्मान करेंगे और आप जीवन में कामयाब हो जाएंगे।

उम्मीद नाम का दिया Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक छोटे से गांव में दिवाली मनाई जा रही थी पूरा गांव रंगीन लाइटों से सजा हुआ था सभी खुशियां मना रहे थे उसी गांव में एक किसान था उसके घर पर कई सारे दिए जल रहे थे जिनमें से पांच दिए आपस में बात कर रहे थे कि जमाना बदल गया है।

और अब हमारी रोशनी की कदर नहीं है हमारी रोशनी इन लाइटों के आगे कुछ भी नहीं है पहला दिया जिसका नाम उत्साह था वह इसी निराशा के साथ बुझ गया।

दूसरा दिया जिसका नाम शांति था वह भी बुझ गया तीसरा दिया जिसका नाम हिम्मत था वह भी बुझ गया और चौथा दिया जिसका नाम समृद्धि था वह भी बुझ गया।

क्योंकि नए युग की लाइटों के आगे उनकी रोशनी का कोई महत्व नहीं था पर पांचवां दिया जिसका नाम उम्मीद था वह नहीं भुजा और लगातार जलता रहा समय के साथ सभी दिए नाउम्मीद होकर बुझ गए पर वह नहीं बुझा।

सभी दिवाली पर खुश थे और लाइटें चमक रही थीं तभी उस गांव में बिजली चली गई और पूरे गांव में अंधेरा हो गया था किसान का बेटा भागता हुआ आया और उसने उम्मीद नाम के दिए को जलता हुआ देखा।

उसने दिए की सहायता से अपने घर के प्रत्येक दिए को जलाया जिससे उसका पूरा घर झूम उठा और उम्मीद नाम के दिए के चारों मित्र भी दोबारा जलने लगे।

यह कहानी दियों की नहीं बल्कि मनुष्य के जीवन की कहानी है जीवन में कितनी भी मुसीबत आए यदि आप उत्साह, शांति, हिम्मत और समृद्धि सब कुछ खो देते हैं फिर भी उम्मीद को मत खोइए पता नहीं आपकी किस्मत कब बदल जाएगी कोई नहीं जानता है मेहनत करते रहें और उम्मीद को जगाए रखें सफ़लता आपके कदम चूमेगी।

चाणक्य का दीपक Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक बार मगध साम्राज्य में एक विदेशी व्यक्ति एक पत्र लेकर आया जिसमें दूसरे राज्य से संबंधित कुछ जरूरी दस्तावेज थे वह मगध के महामंत्री चाणक्य के घर पर पहुंचा तब तक रात्रि हो चुकी थी।

चाणक्य घर में लेखन कार्य में व्यस्त थे और एक तेल दीपक जल रहा था जब चाणक्य ने विदेशी व्यक्ति को देखा था तब उन्होंने उसे अंदर आने का आदेश दिया और फिर जल रहे दीपक को बुझा कर अन्दर गए और दूसरा दीपक जला कर ले आए।

ऐसा करने पर विदेशी व्यक्ति समझ नहीं सका कि जलते दीपक को बुझाकर नया दीपक जलाना इसका क्या मतलब है उसने संकोच करते हुए चाणक्य से पूछा आपने ऐसा क्यों किया महामंत्री जी ऐसा करने से क्या लाभ हुआ।

चाणक्य ने बताया कि पहले मैं अपना निजी कार्य कर रहा था इसलिए मेरे धन से खरीदे गए तेल से यह दीपक जल रहा था पर अब तुम आ गए हो और मुझे एक महामंत्री का फ़र्ज़ निभाना है।

इसलिए मैंने उस तेल का दीपक जलाया जो मुझे राजमहल से वेतन के रूप में मिला है ताकि मुझे याद रहे कि मेरे जीवन में उजाला मेरे कर्तव्य के कारण है और मुझे अपना कर्तव्य किसी भी प्रकार से भूलना नहीं है विदेशी चाणक्य की ईमानदारी देख बहुत खुश हुआ।

कहानी से सीख

यह Short Motivational Story In Hindi For Kids हमे सिखाती है चाणक्य की यह कहानी हमें सिखाती है कि हमे किसी भी जिम्मेदारी को निभाते समय अपने कर्तव्य को सदा याद रखना चाहिए क्योंकि दुनिया भरोसे ले चलती है ऐसा करने से जीवन में अनुशासन और सत्यनिष्ठा बनी रहती है, जो एक अच्छे व्यक्ति की पहचान है।

अजीब विचार Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक बार प्रसिद्ध लेखक जॉन मुरे अपने लेखन में मग्न थे तभी दो महिलाएं उनके पास चंदा मांगने के लिए उनके दफ्तर में आई महिलाओं को देखते ही लेखक जॉन मुरे ने जल रही दो मोमबत्ती में से एक को भुजा दिया ताकि उसकी बचत की जा सके।

तब महिलाओं के मन में विचार आया कि यह तो काफी कंजूस व्यक्ति हैं इनसे उम्मीद रखना बेकार बात है जब महिलाओं ने चंदा मांगने का उद्देश्य बताया तो लेखक जॉन मुरे बहुत खुश हुए।

उन्होंने खुशी में $100 का चंदा दिया यह देखकर महिलाएं बहुत खुश हुई और उन्होंने अपने विचार बताए कि जब आपने मोमबत्ती को बुझाया तब हमें लगा कि आप कंजूस हैं और आपसे छोटा सा चंदा मिलना भी काफी मुश्किल कार्य है

परंतु आप तो दिल के धनी व्यक्ति हैं तब लेखक जॉन मुरे ने बताया कि आपसे बात करने के लिए एक मोमबत्ती की रोशनी ही काफी है यदि मुझमें बचत करने की आदत ना होती तो मैं शायद आपको $100 देने के लायक भी ना होता।

तब महिलाओं को समझ में आया कि कंजूस व्यक्ति और समझदार व्यक्ति में क्या फर्क है कंजूस व्यक्ति जीवन भर पैसा इकट्ठा करता है और एक समय ऐसा आता है जब वह मर जाता है।

पर उसका पैसा उसके कोई काम नहीं आता है जबकि एक समझदार व्यक्ति पैसे को बचाता है एवं उनका उपयोग सही स्थान पर करता है जिस प्रकार लेखक जॉन मुरे।

कहानी से सीख

इस Short Inspirational Stories in Hindi for Students से हमें यह सीख मिलती है कि हमें पैसे का समझदारी से उपयोग करना चाहिए है कंजूसी और समझदारी में फर्क होता है समझदार व्यक्ति पैसे को सोच-समझकर खर्च करता है और उसे सही कार्यों में लगाता है।

खुद ज्ञान का दीपक बनो Short Inspirational Stories in Hindi for Students

यह Short Inspirational Stories in Hindi for Students के विषय में बेहतर रूप से प्रस्तुत की गई है एक कहानी है एक बार एक विश्रामालय (होटल) में दो यात्री आकर रुक उन्हें रात्रि के समय दोबारा अपनी मंजिल की ओर जाना शुरू करना था दिन के समय एक व्यक्ति दीपक बेचने के लिए आया।

जिसकी रोशनी से अक्सर यात्री रात्रि के समय यात्रा किया करते थे पहले यात्री ने एक बड़ा दीपक खरीद लिया परंतु दूसरे यात्री ने सोचा कि यह व्यक्ति मेरे साथ यात्रा कर रहा है मुझे दीपक लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि दोनों एक साथ ही यात्रा कर रहे हैं।

इसी के दीपक की रोशनी में मैं भी यात्रा कर लूंगा उसने इसलिए दीपक नहीं खरीदा, जब रात्रि का समय हुआ तब दोनों यात्रियों ने यात्रा करनी शुरू करी कुछ दूर जाने के बाद पहला यात्री जिसने दीपक खरीदा था।

वह विपरीत दिशा में जाने लगा पर दूसरा यात्री हैरान हुआ और उसने ऐसा करने का कारण पूछा तब पहले यात्री ने बताया कि मेरी मंजिल इसी तरफ है और मुझे इसी तरफ जाना है तब दूसरे यात्री को एहसास हुआ कि उसने दूसरे पर निर्भर रहकर कितनी बड़ी गलती करी है।

रात का अंधेरा था वह ना ही आश्रम लौट सकता था एवं ना ही उस यात्री के साथ जा सकता था क्योंकि वह अपनी मंजिल से और भी ज्यादा भटक जाएगा। 

कहानी से सीख

यह Short Inspirational Stories in Hindi for Students सिखाती है कि हमें अपनी मंजिल तक जाने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए वह मंजिल सफलता हो सकती है हर व्यक्ति की अपनी दिशा और लक्ष्य अलग अलग होते हैं इसलिए खुद को सक्षम बनाएं और अपनी रोशनी खुद बने।

राहुल की क्रांति Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक नगर में कई बिजली के खंबे थे जिनपे लगा हर एक बल्ब ख़राब था कई बार सरकारी दफ्तरों में शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई और नगरवासियों को अंधेरे में रहने के आदत हो गई।

सभी गलियां रात के अंधेरे में खो जाती थीं पर एक लडका जिसका नाम राहुल था उसे यह महसूस हुआ कि लोगों को रोशनी पाने की इच्छा नहीं है वरना वह चाहे तो खुद भी बल्ब लगा सकते हैं।

उसने पिता से कहा कि हमें अपने घर के सामने वाले खंबे पर खुद ही बल्ब लगा देना चाहिए क्योंकि ऐसा न करने से काफी ज्यादा अंधेरा रहता है पर राहुल के पिता ने कहा अगर हमने अपने घर के सामने बल्ब लगा भी लिया फिर भी सिर्फ एक बल्ब से पूरे गांव में रोशनी नहीं कर पाओगे तुम।

क्योंकि पूरे गांव में अंधेरा है हर एक बल्ब ख़राब है तब राहुल ने मन बना लिया कि वह गांव में ऐसी क्रांति लाएगा जिससे सभी बल्ब लगाएंगे उसने पैसे जोड़े और अपने घर के सामने बल्ब लगाया जिससे रोशनी होने लगी और बहुत अच्छा लगने लगा।

गांव में सालों बाद चमकती खंभे की रोशनी को देख सभी को बहुत अच्छा लगा और सभी लोगों ने अपने घर के सामने वाले खंभों में बल्ब लगाना शुरू कर दिए।

इस प्रकार कुछ ही दिनो ने पूरे गांव में हर खंभे पे बल्ब हो गए और पूरा गांव चमकने लगा इस प्रकार राहुल के एक छोटे से प्रयास ने पूरे गांव में क्रांति ला दी और सभी को अनोखी खुशी का अहसास हुआ 

कहानी से सीख

इस Short Motivational Story In Hindi For Kids से हमें यह सीख मिलती है कि बदलाव की शुरुआत खुद से होती है यदि हम किसी समस्या का हल जानते हैं तो हमें जरूर वह समस्या खत्म करने का प्रयास करना चाहिए राहुल के एक छोटे से प्रयास ने पूरे गांव को प्रेरित किया, जिससे सबने मिलकर अंधेरे को दूर कर दिया यह इस बात का सबूत है कि एक छोटा सा फैसला समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है।

थॉमस अल्वा एडिसन Short Motivational Story In Hindi For Kids

बल्ब का आविष्कार करने वाले महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन बचपन में इतने ज्यादा समझदार थे कि वह अपने शिक्षकों से इस प्रकार के सवाल करते थे जिनका जवाब उनके शिक्षकों के पास भी नहीं होता था।

इसलिए उन्होंने थॉमस एडिसन को मंदबुद्धि कहकर विद्यालय से हमेशा के लिए निकाल दिया था जिसके बाद उनकी मां ने उन्हें घर में ही पढ़ाया।

थॉमस एडिसन को विज्ञान में काफी ज्यादा रुचि थी उन्हें दुनिया में एक अनोखी कमी दिखाई दी वह थी बल्ब की उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने का विचार बनाया इसके लिए वह निरंतर प्रयास करते गए और उनके कई प्रयास विफल हुए।

पर उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और आखिरकार एक हजार बार प्रयास करने के बाद उनके बल्ब का आविष्कार पूर्ण रूप से सफल हुआ और उन्होंने दुनिया को बल्ब जैसी अनोखी चीज से रूबरू कराया।

एक व्यक्ति ने उनसे पूछा आपने तक़रीबन एक हजार प्रयोग किए पर आपके प्रयोग असफल रहे क्या आपको दुःख नहीं होता एडिसन ने कहा, मैं समझता हूं कि मेरी मेहनत बेकार नहीं गई।

बल्कि मैंने अपनी नाकामयाबी से सीख लिया है कि अब मैं दुनिया में बनने वाले प्रत्येक प्रकार के बल्ब को कैसे बना सकता हूं और मेरी इसी नाकामयाबी से कामयाब होने का हुनर मिला है।

यह थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझने नहीं दिया और पूरी दुनिया को बल्ब देकर रोशन कर दिया।

आईने का सच Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक लड़की जिसका नाम शालिनी था वह बहुत ज्यादा गुस्सा करती थी वह अपने परिवारजनों से जरा जरा सी बात पर रूठ जाया करती थी और हमेशा गुस्से में रहती थी उसे जरा सी भी किसी की बात बर्दाश्त नहीं थी।

इसलिए वह ज्यादातर गुस्से में ही रहा करती थी एक बार शालिनी अपने विद्यालय का कार्य कर रही थी तभी उसके छोटे भाई मनोहर के पैर से शालिनी की बनाई पेंटिंग बिगड़ गए जिससे शालिनी का गुस्सा बहुत ज्यादा बढ़ गया।

और वह गुस्से में अपने भाई पर बहुत जोरों से चिल्लाने लगी जिससे डरकर उसका भाई मनोहर रोने लगा तभी उनकी मां एक आईना लेकर आई और उन्होंने शालिनी को वह दिखाया कि देखो तुम गुस्से में कितनी खराब लगती हो।

शालिनी ने आईने में देखा तब उसे महसूस हुआ कि गुस्से में वह अच्छी नहीं लगती है क्योंकि आईना झूठ नहीं बोलता है खुद को गुस्से में देखकर शालिनी को बहुत अजीब लगा,

और उसने हमेशा हमेशा के लिए गुस्सा ना करने की कसम खाई और अपने भाई मनोहर से माफी मांगी और उसे बाजार ले जाकर चॉकलेट दिलाई।

कहानी से सीख

इस Short Motivational Story In Hindi For Kids से हमें यह सीख मिलती है कि गुस्सा करना न केवल हमारे अपनों को दुखी करता है बल्कि हमारी छवि को भी खराब करता है गुस्से में किए गए गलत व्यवहार का पछतावा बाद में होता है इसलिए हमें अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना चाहिए और छोटी-छोटी बातों को माफ करना सीखना चाहिए यही एक श्रेष्ठ व्यक्ति की पहचान है।

बूढ़ा किसान Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक बहुत बूढ़े किसान के चार जवान बेटे थे जोकी बहुत ज्यादा आलसी थे वह कोई भी कार्य नहीं करना चाहते थे किसान ने मरने से पहले अपने बेटों से कहा कि मैंने खेत में खजाना छुपाया है जिसे खोदकर तुम निकाल लेना।

यह सुनकर बेटे उत्सुक हुए और उन्होंने खेत में खजाना ढूंढना शुरू कर दिया जिसके लिए उन्होंने पूरे खेत को खोद दिया परंतु उन्हें कुछ भी नहीं मिला।

गांव के एक बूढ़े व्यक्ति ने उन्हें राय दी की तुम खेत में बीज बो दो ताकि फसल बेचकर तुम्हें मुनाफा हो सके चारों भाइयों को यह विचार अच्छा लगा और उन्होंने ऐसा ही किया।

कुछ महीनो के बाद में फसल काट दी गई जिसे बेचकर उन्हें बहुत लाभ हुआ तब उन्हें महसूस हुआ कि उनके पिता ने कहा था कि खेत में खजाना है यह वही खजाना है।

जो हमें अनाज के रूप में मिला है बूढ़ा किसान अपने जीवन के आखिरी समय में अपने बेटों को सिखा गया की मेहनत करोगे तभी परिणाम मिलेगा।

कहानी से सीख

Short Motivational Story In Hindi For Kids सिखाती है कि बिना मेहनत के किसी को कोई लाभ नहीं होता है यही सच है बूढ़े किसान ने अपने बेटों को खेत में काम करने के लिए प्रेरित किया, जिससे उन्हें फसल का लाभ मिला यह दिखाता है कि कड़ी मेहनत और धैर्य से ही सफलता प्राप्त होती है।

कछुआ और खरगोश Short Motivational Story In Hindi For Kids

बहुत पुराने समय की बात है एक बार कछुआ पेड़ के नीचे बैठा था उसके सामने से एक खरगोश तेजी से भाग कर कही गया जिसे देख कछुए को बहुत अच्छा लगा तब खरगोश कछुए के पास आया और उससे कहा कि मैं बहुत तेज दौड़ता हूं।

क्या तुम मुझ से रेस लगाओगे कछुआ यह नहीं जानता था कि भगाना किसे कहते हैं इसलिए उसने हां कर दी खरगोश बस कछुए को अपमानित करना चाहता था इसलिए उसने यह रेस करने का विचार रखा था।

कछुए और खरगोश के बीच में रेस शुरू हुई खरगोश जानता था कि वह जीत जाएगा इसलिए वह शुरू में तो भागा परंतु आगे जाकर जब उसने देखा कि कछुआ बहुत पीछे छूट गया है।

उसने सोचा कि वह तो बहुत धीमा चलता है क्यों न एक झपकी ले ली जाए जब तक वह आ जाएगा और जब वह मेरे करीब आ जाएगा तब मैं भाग कर उसे पीछे कर दूंगा।

इसलिए वह आंख बंद करके आराम करने लगा परंतु कछुआ जिसे बस उम्मीद थी कि वह जीत जाएगा वह रुका नहीं वह निरंतर चलता रहा और खरगोश सोता ही रहा।

जब खरगोश की आंख खुली तब कछुआ बस रेस जीतने ही बाला था पर जब तक खरगोश भाग कर गया तब तक कछुआ रेस जीत चुका था, जिससे खरगोश को बहुत अपमानित महसूस हुआ क्योंकि वह एक धीमी गती वाले जानवर कछुए से हार गया।

कहानी से सीख 

यह समझने की बात है कि निरंतरता और धैर्य से सफलता मिलती है तेज या ताकतवर होना हमेशा जीत की गारंटी नहीं है, बल्कि अपने लक्ष्य पर अड़े रहना और बिना रुके प्रयास करते रहना ही सफलता प्राप्त करने का रास्ता है।

चूहा और शेर Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक बार एक चूहा पेड़ के नीचे सो रहा था तभी पेड़ के ऊपर से एक चूहा आकर उसके ऊपर गिरा जिससे शेर की नींद खुल गई और उसने चूहे को पकड़ लिया वह उसे मारने ही वाला था कि शेर को चूहे पर दया आ गई।

क्योंकि चूहा शेर की शक्ति के आगे कुछ भी नहीं है इसलिए शेर ने चूहे को मारना खुद का अपमान समझा और चूहे से माफी मांगी और उसे जाने दिया यह देखकर चूहे ने शेर को प्रणाम किया और चला गया।

एक बार शेर शिकारी के बनाए जाल में फस गया और शेर मदद के लिए दहाड़ने लगा परंतु आसपास कोई भी जानवर नहीं था अगर कुछ ही घंटे में शेर आजाद नहीं हुआ तो शिकारी आकर उसे पकड़ ले जाएगा। 

 इसलिए शेर जोरों से मदद के लिए चिल्ला रहा था उसकी आवाज सुनकर चूहा शेर के पास आया और उसने कहा मित्र तुम घबराओ नहीं मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा चूहे ने मजबूत जल को काटने का बहुत प्रयास किया।

परंतु वह मोटा जाल कट नहीं रहा था चूहे ने विचार बना लिया कि भले ही उसकी मृत्यु हो जाए परंतु वह शेर को जरूर बचा कर रहेगा इसलिए उसने खुद की परवाह किए बिना जाल को लगातार काटना शुरू किया।

चूहे के मुंह से खून निकलने लगा परंतु वह रुका नहीं और उसने शेर को आजाद करा दिया चूहा के बलिदान को देखकर शेर उससे बहुत खुश हुआ और दोनों हमेशा के लिए दोस्त बन गए।

कहानी से सीख 

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि हमे सदा सभी से नर्म भाव से पेश आना चाहिए ताकि बुरे भक्त में लोग आपके काम आ सकें और हमें यह भी समझ में आता है कि कोई कितना भी छोटा या कमजोर क्यों न हो अपनी सच्ची निष्ठा और साहस से बड़े से बड़े कार्य कर सकता है। 

शरारत पड़ी महंगी Short Motivational Story In Hindi For Kids

एक चरवाहे का लड़का था जिसकी आदत थी कि वह बहुत ज्यादा झूठ बोला करता था इसलिए कोई भी उसकी बात पर यकीन नहीं करता था वह कई बार बोल चुका था कि उसकी भेड़ों पर भेड़िए ने हमला किया था और उसने उसे मार कर भगा दिया।

वह पहले भी कई बार लोगों को बेवकूफ बना चुका था वह लोगों को चिल्ला कर बुलाता और उनसे कहता की भेड़ियों का हमला हुआ है जब लोग आते देखते तब उन्हें पता चलता है कि वह बेवकूफ बन गए हैं।

ऐसा कई बार करने से लोगों का चरवाहे के लड़के पर से भरोसा उठ गया था एक बार सच में भेड़ों के झुंड पर भेड़ियों ने हमला कर दिया और चरवाहे का लड़का पहाड़ी के नीचे के गांव वालों से मदद मांगता रहा।

परंतु कोई भी उसकी मदद करने के लिए नहीं आया पर जब लड़का मदद की गुहार लगाते हुए बहुत देर बाद रोने लगा तब लोगों को महसूस हुआ कि वह सच बोल रहा है।

जब तक लोग भेड़ों के पास पहुंचे तब तक कई भेड़ें घायल हो चुकी थी और कुछ की मृत्यु हो चुकी थी। तब गांव के एक बुजुर्ग ने उसे समझाया कि यदि तुम जीवन में झूठ ना बोलते होते तो हम तुम्हारी बात पर भरोसा कर लेते तुम पहले भी कई बार झूठ बोल चुके हो।

इसलिए आज भी सबको लगा कि तुम झूठ ही बोल रहे हो इसलिए किसी ने तुम पर भरोसा नहीं किया तब लड़के को महसूस हुआ कि झूठ बोलने के कारण उसकी भेड़ों की मृत्यु हुई है जिसका वह खुद ही जिम्मेदार है।  

कहानी से सीख

यदि हम बार-बार झूठ बोलते हैं तो असली मुसीबत में हमारी बात पर कोई भी भरोसा नहीं करता है इसलिए सदा सच बोलें।

Rate this post

Leave a Comment