गौतम बुद्ध की 2 सबसे शक्तिशाली नैतिक कहानियाँ Gautam Buddha Story In Hindi 

Gautam Buddha Story In Hindi 

अकसर गौतम बुद्ध के ज्ञान को समझने के लिऐ Gautam Buddha Story In Hindi का सहारा लिया जाता है क्योंकि इनमे गौतम बुद्ध का अनोखा ज्ञान है इसलिए हम आपसे इस ब्लॉग पोस्ट में साझा कर रहे हैं Gautam Buddha Stories In Hindi जोकि छोटी भी हैं और शिक्षा से भरपूर प्रेरणादायक भी।

हम स्वयं दुख का कारण हैं

Gautam Buddha Story In Hindi

जब गौतम बुद्ध को आत्मा ज्ञान मिला तब उनकी प्रशंसा समय के साथ बढ़ती जा रही थी वह नगर नगर जाकर प्रवचन दिया करते थे उसी समय की यह Gautam Buddha Story In Hindi है।

बुद्ध एक नगर में प्रवचन देने के लिए गए उस नगर के कुछ अधर्मी व्यक्तियों ने नागरिकों के मन में यह बात बैठा दी कि गौतम बुद्ध अधर्मी है।

एवं वह धर्म का गलत ज्ञान देते हैं जिस पर उस नगर की प्रजा गौतम बुद्ध पर बहुत ज्यादा क्रोधित हुई एवं उन्होंने गौतम बुद्ध को नगर में घेर लिया और बहुत अपमानजनक बातें करने लगे कई प्रकार की गालियां दी परंतु गौतम बुद्ध ने कोई भी गतिविधि नहीं करी।

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फिर भी नगरवासी गौतम बुद्ध को गालियां देते गए गौतम बुद्ध के शिष्य आनंद को यह देख बहुत गुस्सा आ रहा था परंतु वह गुरु के आदेश के बिना कोई भी गतिविधि नहीं कर सकता था।

इसलिए वह भी गौतम बुद्ध की तरह चुप ही रहा बहुत देर बाद गौतम बुद्ध ने कहा प्रिय लोगों यदि आप इजाजत दें तो अब मैं जाऊं? तब सभी को आश्चर्य हुआ कि कोई व्यक्ति अपना अपमान कैसे सहन कर सकता है।

तब एक नगरवासी ने गौतम बुद्ध से कहा कि क्या तुम्हें अपमानित महसूस नहीं होता क्या तुम कठोर हो गए हो तब गौतम बुद्ध ने कहा मैं एक बुद्ध हूं और मुझे अपमानजनक शब्द से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

तुम्हारी अपमानजनक टिप्पणियों से मुझे दुख इसलिए नहीं हुआ क्योंकि मैंने उन्हें स्वीकार नहीं किया और वह तुम्हारे पास ही रह गई इसलिए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

तब गांव वालों को महसूस हुआ कि उन्होंने बहुत बड़ी गलती करी है उन्होंने महात्मा बुद्ध से गलती की माफी मांगी क्योंकि इतना अपमान सहने के बाद एक सिद्ध पुरुष ही अपने मन को शांत रख सकता है। उम्मीद है यह Gautam Buddha Story In Hindi आपको कुछ अनोखा सिखाएगी।

Gautam Buddha Story In Hindi का निष्कर्ष 

इस Gautam Buddha Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे जीवन के अधिकतर दुखों का कारण हम ही हैं क्योंकि हम लोगों के द्वारा करी गई गलत टिप्पणियां और बोले गए गलत शब्दों को दिमाग में बैठा लेते हैं और वह हमें दुख देते हैं।

बल्कि हमें तो ऐसा होना चाहिए कि हमें उन शब्दों को स्वीकार ही नही करना चाहिए यदि हम भी गलत टिप्पणियां और अपमानजनक शब्दों को अस्वीकार करना शुरू कर दें तो हमारे जीवन के भी कई दुख समाप्त हो जाएंगे।

आश्रम में अहंकार Gautam Buddha Story In Hindi

Gautam Buddha Story In Hindi 

एक बार दूर नगर के घनी व्यक्ती सेठ माल चंद गौतम बुद्ध के आश्रम में आए वह सभी के लिऐ बहुत सारे वस्त्र और बेहतर उपहार लाय।

सेठ माल चंद गौतम बुद्ध के पास जाके चरणो में बैठ गय और उन्हे अपनी कई बाते बताने लगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने नगर में गरीब लाचारों के लिए अनाथालय एवं वृद्ध आश्रम बनाए।

गरीबों को कपड़े भी बाटे वह अपने नगर के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और उनसे ज्यादा कोई भी अमीर नहीं है, सेठ मालचंद की बातों से गौतम बुद्ध को महसूस हुआ कि सेठ मालचंद में घमंड है जो कि गौतम बुद्ध को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया।

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सेठ मालचंद ने कई ऐसी बातें करी जिससे साफ सब जाहिर होता था कि उनमें घमंड है जब सेठ मालचंद गौतम बुद्ध को प्रणाम करके जाने लगे तब गौतम बुद्ध ने सेठ मालचंद से कहा।

तुम जो कुछ भी लाए हो वह यहीं पर छोड़कर जाओ जिस पर सेठ मालचंद ने हंसते हुए कहा महात्मा मैं आपके लिए जितने भी उपहार लाया था वह मैंने यहां पर रख दिए हैं अब मेरे पास कुछ भी नहीं है।

महात्मा बुद्ध ने कहा हम सभी महात्मा है और सिद्ध पुरुष है हमें तुम्हारे उपहारों से कोई लगाव नहीं है बल्कि जो तुम में अहंकार है वह यहीं पर छोड़ कर जाओ वह मेरे लिए सबसे बड़ा उपकार होगा।

तब सेठ मालचंद को महसूस हुआ कि उनका अहंकार आश्रम में भी नहीं छुप सका तब सेठ मालचंद ने महात्मा बुद्ध को मुस्कुराते हुए कहा कि हे महात्मा मैने आज से अहंकार त्याग दिया और अब मैं कभी भी अहंकार नहीं करूंगा।

तब महात्मा बुद्ध ने कहा कि अहंकार वह अग्नि है जो व्यक्ति की भावनाएं और दूसरे के दुखों को समझने की सक्ति को खत्म कर देता है इसलिए हमें अहंकार से बचना चाहिए वह हमारे जीवन को बर्बाद कर देगा।

Gautam Buddha Story In Hindi का निष्कर्ष 

इस Gautam Buddha Story In Hindi से हमें यह सीख मिलती है कि हमे सदा अहंकार से बचना चाहिए अहंकार हमारे जीवन को बर्बाद कर देता है और हमारे प्रिय लोगों को हमसे दूर ले जाता है।

अहंकार की अग्नि हमारे प्रत्येक रिश्ते को जला देती है और हमारे जीवन को बर्बाद कर देती है इसलिए हमें अहंकार जैसी गलत भावना से दूर रहना चाहिए एवं इससे बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।

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