3 बक्सों का राज़ क्या है गौतम बुद्ध की प्रचलित कहानी | Gautam Buddha Motivational Story In Hindi

Gautam Buddha Motivational Story In Hindi

Gautam Buddha Motivational Story In Hindi : गौतम बुद्ध ने अपने जीवन के सुख को त्याग कर काटो भरे रास्ते को अपनाया और आत्मज्ञान प्राप्त करके दुनियां के लिए प्रेरणा बने, उनसे अक्सर उनके शिष्य अनेक प्रकार के प्रश्न पूछा करते थे जिनके जवाब पर अनेक प्रकार की कहानियां प्रचलित हैं परंतु गौतम बुद्ध की यह Gautam Buddha Motivational Story In Hindi कहानी सबसे अनोखी कहानियों में से एक है जोकि सबसे अनोखी और प्रचलित है। इस Gautam Buddha Motivational Story में एक शिष्य गौतम बुद्ध से पूछता है कि भगवन कामयाबी किस प्रकार मिलती है और अपने मन के गलत विचारों को कैसे रोका जाय” जिसपे गौतम बुद्ध अपने ज्ञान को समझाने के लिए एक कहानी का सहारा लेते हैं।

तीन बक्सों का राज़ Gautam Buddha Motivational Story In Hindi

बहुत पुराने समय की बात है एक गांव में प्रकाश नाम का लड़का रहता था जोकि बहुत ही गरीब था वह कैसे भी करके गरीबी से निकलना चाहता था।

जिसके लिए वह बहुत मेहनत भी किया करता था, पर वह इतना नहीं कर पाता था कि अपनी जिंदगी को सुकून से जी सके जिस बात से वह बहुत ज्यादा परेशान रहता था।

एक बार वह अपने घर के बाहर बैठा था कि तभी वह एक बूढ़े आदमी को देखता है जोकि तीन बड़े बड़े बक्सों को अपने सर पर रख कर चल रहा था।

देखने से वह कोई व्यापारी व्यतीत होता परंतु साफ दिख रहा था कि बक्सों के वजन ने उसे थका दिया है और उसे आराम की जरूरत है। 

तभी प्रकाश देखता है कि वह बूढ़ा व्यक्ति एक पेड़ के पास अपने बक्से एक-एक करके उतार ही रहा होता है कि वह थकान की वजह से गिर जाता है।

और बक्से साइड में जाकर गिरते है, यह देखकर प्रकाश तुरंत ही उस बूढ़े व्यक्ति की सहायता करने के लिए जाता है। 

बूढ़ा व्यक्ति प्रकाश का धन्यवाद करता है और पेड़ के नीचे बैठकर आराम से पानी पीता है प्रकाश कहता है कि आप बहुत बूढ़े हैं फिर भी आप इतना वजन उठा रहे हैं यह आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है। 

बूढ़ा व्यक्ति कहता है कि मैं एक व्यापारी हूं और बीच रास्ते में ही मेरा गधा मर गया इस कारण मुझे यह सामान अपने सर पर उठाकर अपने गांव ले जाना पड़ रहा है। 

अगर तुम मेरी मदद करो यह सामान मेरे गांव तक ले जाने के लिए तो मैं तुम्हें 400 स्वर्ण मुद्राएं दूंगा, व्यापारी की यह बात सन प्रकाश खुश हुआ और उसने बूढ़े व्यापारी से कहा की आपकी हालत ऐसी है यदि आप मुझे पैसे ना भी दे मैं तब भी आपकी मदद करने को तैयार हूं।

व्यापारी प्रकाश के सर पर एक बक्सा रखता और दो बक्से अपने सर पर रख लेता है और प्रकाश से कहता है कि तुम मेरे एक बक्से को मेरे गांव तक पहुंचा दो जो की थोड़ी सी दूरी पर है।

तो मैं तुम्हें 400 स्वर्ण मुद्राएं दूंगा जिस पर प्रकाश राजी हो जाता है और व्यापारी और प्रकाश मिलकर सफर शुरू करते हैं। 

काफी दूर चलने के बाद गांव खत्म हो जाता है और एक नदी आती है प्रकाश नदी पार करने के लिए नदी में उतर जाता है परंतु बूढ़ा व्यापारी नदी में पैर नहीं रखता।

तो प्रकाश कहता है कि बाबा आप नदी में क्यों नहीं उतर रहे हैं हमें आपके गांव जाने के लिए नदी पार करनी होगी बूढ़ा व्यापारी कहता है कि बेटा मेरी उम्र ज्यादा हो गई है और मैं यदि नदी में फिसल गया तो मुझे बहुत ज्यादा चोट लगेगी।

इससे अच्छा है कि तुम मेरा एक और बक्सा अपने सर पर रख लो जिसके लिए मैं तुम्हें 400 स्वर्ण मुद्राएं और दूंगा, यह सुन प्रकाश बूढ़े व्यापारी से कहता है कि आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं।

यदि आप मुझे एक भी मुद्रा ना दें मैं फिर भी आपकी मदद करूंगा यह कहकर वह बूढ़े व्यक्ति से एक और बक्सा लेकर अपने सर पर रख लेता है।

जिससे बूढ़ा व्यक्ति प्रकाश से बहुत प्रशन होता है और उसके जीवन के दुःख पूछता है तब प्रकाश बताता है की वह कितना गरीब है जिसके लिऐ बह कितनी ज्यादा मेहनत करता है, जिसके लिए व्यापारी प्रकाश की तारीफ करता है।

दूसरे बक्से का वजन सचमुच ज्यादा था वजन इतना ज्यादा था कि प्रकाश नदी में लड़खड़ाने लगा, नदी पार होने पर प्रकाश ने बूढ़े व्यापारी से पूछा कि बाबा इस दूसरे बक्से में क्या है तब बूढ़ा व्यापारी बताता है कि बेटा पहले बक्से में तांबे के सिक्के हैं और इस दूसरे बक्से में चांदी के सिक्के हैं।

यह सुनने के बाद प्रकाश थोड़ा अचंभित हुआ की लगता है व्यापारी ना समझ है इतना पैसा साथ में लेकर चल रहा है फिर भी कोई सवारी का इंतजाम नहीं किया गधा मर गया था तो क्या हुआ कोई दूसरी सवारी भी तो खरीद सकते था, यह सोचकर प्रकाश आगे की ओर चलने लगा।

आगे चलते चलते एक घना सूनसान जंगल पड़ा जिसमें प्रकाश के मन में लालच जगने लगा और प्रकाश सोचने लगा कि यदि मैं यह दोनों बक्से लेकर भाग जाऊं तो बूढ़ा व्यक्ति मुझे पकड़ भी नहीं पाएगा और इन पैसों से मैं कोई अच्छा व्यापार कर सकता हूं।

थोड़ी देर बाद ही प्रकाश को अफसोस हुआ कि मैं यह क्या सोच रहा था मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए बूढ़ा व्यक्ति लाचार है और उसे मेरी सहायता की जरूरत है।

यदि मैं उसके साथ विश्वास घाट करूंगा तो मैं अपने आपको जीवन में कभी माफ नहीं कर पाऊंगा ,ऐसा कहकर वह मन ही मन प्राश्चित करने लगा और आगे की ओर चलने लगा। 

काफी देर तक पैदल चलने के बाद एक बड़ा सा पहाड़ सामने आया बूढ़े व्यापारी ने बताया कि बेटा मेरे गांव तक जाने के लिए इस पहाड़ को पार करना होगा यह सुन प्रकाश थोड़ा सा घबरा गया क्योंकि उसके सर पर बहुत वजन था और इतना वजन लेकर ऊपर चढ़ना बहुत ही मुश्किल काम था।

परंतु प्रकाश ने देखा कि बूढ़ा व्यक्ति ऊपर चढ़ने के लायक नहीं है तभी बूढ़े व्यापारी ने प्रकाश से कहा की बेटा तुम ऐसा करो कि तुम मेरा यह वाला बक्सा भी अपने सर पर रख लो मैं तुम्हें 400 स्वर्ण मुद्राएं और दूंगा प्रकाश ने कहा ठीक है बाबा आप आराम से चलो मैं यह बक्शा रख लेता हूं।

परंतु प्रकाश के मन में सवाल था कि इस बक्से में क्या है प्रकाश ने बूढ़े व्यापारी से पूछा कि बाबा इस बक्से में क्या है तब बूढ़े व्यापारी ने बताया कि बेटा इस तीसरे और आखिरी बक्से में सोने की स्वर्ण मुद्राएं हैं।

यह सुन प्रकाश अचंभित हो गया और सोचने लगा कि यदि मैं यह तीनों बक्से लेकर भाग जाऊं तो यह बूढ़ा व्यापारी मुझे नहीं पकड़ पाएगा यदि यह तीनों बक्शों का पैसा मैंने अपनी जिंदगी सुधारने के लिए उपयोग किया तो मैं अपने नगर का सबसे अमीर आदमी बन जाऊंगा और मेरी जिंदगी बहुत ही अच्छी हो जाएगी।

परंतु फिर प्रकाश के मन में ख्याल आया कि मुझे बूढ़े व्यापारी का भरोसा नहीं तोड़ना चाहिए उसने मुझसे आशा लगाई है यह सोचकर वह पहाड़ की चोटी पर पहुंच गया और बूढ़ा व्यक्ति आराम से आ रहा था वह अभी तक पहाड़ की चोटी पर नहीं पहुंच पाया था।

तभी प्रकाश ने सोचा कि बूढ़ा व्यक्ति भी बहुत दूर है अभी मेरे पास मौका है अगर मैं इस धन को अभी लेकर नहीं भागा तो मुझे जिंदगी भर पछताना पड़ेगा एक छोटे से काम से मेरी जिंदगी बदल सकती है वैसे भी यह मुझे कोई व्यापारी नहीं लगता किसी व्यापारी के पास इतना पैसा नहीं हो सकता है।

और अगर यह व्यापारी है तो क्या यह कोई सवारी भी नहीं कर सकता था प्रकाश ने खुद के मन को दिलासा दिया और पहाड़ की ढलान का सहारा लिया और तेजी से तीनों बक्सों को लेकर नीचे की ओर चलने लगा।

बूढ़ा व्यक्ति अभी बहुत दूर था प्रकाश चलता गया चलता गया और जब तक वह अपने नगर नहीं पहुंच गया तब तक वह नहीं रुका उसने अपने घर पर जाकर बक्सों को खोलना शुरू किया।

प्रकाश ने पहला बक्सा खोला तो उसमें लोहे के सिक्के थे यह देख प्रकाश हैरान रह गया प्रकाश ने दूसरा बक्सा खोला उसमे भी लोहे के सिक्के थे और तीसरे बक्से में भी लोहे के सिक्के थे यह सोचकर प्रकाश को बहुत गुस्सा आया कि उस व्यापारी ने मुझसे झूठ क्यों बोला।

मुझसे इतनी मेहनत कराई और मैं मुश्किल से भागा फिर भी मुझे इसका फल नहीं मिला प्रकाश ने ध्यान से देखा तो उसे तीसरे बक्से में एक पत्र मिला जिसमें लिखा था कि मैं कोई व्यापारी नहीं मैं तुम्हारे ही नगर का राजा हूं।

मैं बूढ़ा हो चुका हूं और मुझे एक ईमानदार बारिश की जरूरत है और यह मेरा रचा हुआ खेल है इस खेल के जरिए मैं अपने नगर का सबसे ईमानदार इंसान ढूंढ रहा हूं।

अगर तुम ईमानदार रहते तो मैं तुम्हें राजा बना देता पर तुम्हारे लालच ने तुम्हें किस्मत पर राज करने से रोक लिया अब जिंदगी भर इसी पछतावे में रहना।

यह पत्र पढ़ प्रकाश के पैरों तले जमीन खिसक गई कि उसने अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती कर दी यदि वह राजा के साथ पहाड़ी की ढलान भी पार कर देता तो उसका इम्तिहान पूरा हो जाता और वह नगर का राजा बन जाता।

पर उसके लालच ने उसे आगे नहीं बढ़ने दिया और किस्मत का मारा बना दिया प्रकाश को अपनी सोच का घृणा होने लगी की वह राजा नहीं बन पाया इस पश्चाताप के गम में वह कुछ समय बाद मर गया।

Gautam Buddha Motivational Story In Hindi इस कहानी से सीख

Gautam Buddha Motivational Story In Hindi : गौतम बुद्ध कहते हैं कि व्यक्ती की सफ़लता का सबसे बडा दुशमन उसका लालच है यदि कोई अपने लालच को नियंत्रित करके कार्य कर तो वह जीवन में अवश्य सफल होगा और ऐसे व्यक्ती को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। नकारात्मकता व्यक्ती के मन के एक छोटे से भाग से उत्पन्न होती है और शुरू में एक छोटे बीज के तरह होती है यदि इस बीज को शुरु में ही नष्ट कर दिया जाय तो हमारे जीवन के 80% दुख ऐसे ही खतम हों जायेंगे।

दोस्तो अगर आपको हमारे द्वारा बताई गई Gautam Buddha Motivational Story In Hindi अच्छी लगी हो और अगर इस प्रेरणादायक कहानी ने आपको कुछ सिखाया हो तो कृप्या इसे अपने मित्रों के साथ साझा जरुर करें। और कृपया इस ब्लॉग Khanisegyani.com ब्लॉग को रेटिंग करना न भूलें रेटिंग करने का ऑप्शन आर्टिकल के अंत में है अपना कीमती समय इस कहानी को देने के लिए धन्यवाद।

इन्हे भी जानें :-

हैरान करके जीवन बदलने बाली छोटी कहानियां|Short Motivational Stories in Hindi

boAt से कैसे बनें 1400 करोड़ के मालिक अमन गुप्ता|Aman Gupta Success Story

दुनिया की अनोखी 20 छोटी सच्ची और काल्पनिक मोटिवेशनल कहानियां|Motivational Short Story In Hindi

5/5 - (1 vote)

Leave a Comment